मुंबई : शिवसेना नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत अब एक नई परेशानी में फंस गए हैं. प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने उनकी पत्नी वर्षा राउत पर शिकंजा कसा है. ED ने PMC Bank Fraud मामले में उनकी पत्नी वर्षा संजय राउत को 29 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक PMC Bank Fraud के एक आरोपी प्रवीण राउत की पत्नी के साथ संजय राउत की पत्नी ने कुछ लेन-देन किया था, जिसे लेकर अब ED वर्षा राउत से पूछताछ करने के लिए उन्हें समन भेजकर बुलाया है.
दरअसल कुछ दिन पहले ही ईडी ने प्रवीण राउत नाम के शख्स को इस मामले में गिरफ्तार किया था. इस मामले में उसस पूछताछ की गई. खबरों की माने तो प्रवीण राउत के अकाउंट से कुछ लेन-देन वर्षा राउत के अकाउंट में हुए थे, जिसे लेकर ED जानकारी हासिल करना चाहती है. इसी मामले में वर्षा राउत को ईडी ने समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया है.
ED की नोटिस के बाद संजय राउत ने ट्वीट किया, ‘आ देखें जरा किसमें कितना है दम, जमके रखना कदम मेरे साथिया.’ ईडी ने यह कार्रवाई पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉपरेटिव बैंक फ्रॉड मामले में की है. हालांकि, ED इससे पहले भी वर्षा राउत को पेश होने के आदेश दे चुकी है. ED ने इससे पहले उन्हें 11 दिसंबर को पेश होने के लिए कहा था.
इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व लोकसभा सांसद किरीट सोमैया ने संजय राउत पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने वीडियो संदेश के जरिए कहा, ‘PMC Bank Fraud के संबंध में ईडी ने संजय राउत जी के परिवार को नोटिस भेजा है. ऐसा कहा जाता है. मैं संजय राउत साहब से पूछता हूं कि क्या आपका या आपके परिवार का पीएमसी बैंक के साथ आर्थिक व्यवहार हुआ था.’ उन्होंने कहा, ‘क्या आर्थिक व्यवहार हुआ था, वह भी जनता के सामने रखें. क्या आपके पास इस संबंध में इससे पहले जानकारी या नोटिस आई थी क्या, यह जानकारी भी जनता के सामने रखें.
सोमैया ने बैंक को फिर से शुरू करने की बात पर जोर दिया है. उन्होंने कहा, ’10 लाख लोगों के पैसे पीएमसी बैंक में फंसे हैं. बैंक पुनर्जीवित होना चाहिए, ऐसे हमारे प्रयत्न हैं. उसी प्रकार से उसके लाभार्थी की भी जांच होनी चाहिए.’
क्या है PMC Bank Fraud
PMC Bank ने अवैध तरीके से HDIL ग्रुप को 6500 करोड़ रुपए लोन दिया था, जो सितंबर 2019 में बैंक के टोटल लोन बुक साइज 8880 करोड़ रुपए का का 73% था. मार्च, 2019 में बैंक का डिपोजिट बेस 11,617 करोड़ रुपए था. यह घोटाला उजागर होने के बाद PMC Bank के पूर्व एमडी जॉय थॉमस और पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह को पिछले साल अक्टूबर में मुंबई की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग ने गिरफ्तार कर लिया था. इनके अलावा बैंक के और भी कई सीनियर अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था.
यह मामला सितंबर 2019 में सामने आया था. तब एक ‘व्हिसलब्लोअर’ की मदद से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को यह जानकारी मिली थी कि बैंक एक रियल ऐस्टेट डेवलपर को रुपए देने के लिए नकली खातों का इस्तेमाल कर रहा है. गौरतलब है कि अधिकांश रूप से मध्यम और निम्न वर्ग के लोगों के खाते को संभालने वाले बैंक की 7 राज्यों में करीब 137 ब्रांच हैं.