नागपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विजयादशमी उत्सव पर इस वर्ष कोरोना कोविड-19 का गहरा असर पड़ा है. इस बार के उत्सव में रेशिमबाग स्थित संघ मुख्यालय के विशाल मैदान में न तो दिखेगा कोई कार्यक्रम और न गूजेंगे सरसंघ चालाक के उद्बोधन के स्वर, न दिखेंगे लाठीधारी स्वयंसेवक और न ही हो सकेगा उनका पथसंचालन (परेड) और न लोग देख सकेंगे उनका शस्त्र संचालन.
संघ का यह विजयादशमी उत्सव हमेशा से बड़ा महत्वपूर्ण रहा है. वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन ही संघ की स्थापना डॉ. बलिराम हेडगेवार ने की थी और उसके बाद से संघ मुख्यालय में यह पर्व प्रत्येक वर्ष धूमधाम से मनाया जाता रहा है. यह उत्सव संघ के स्वयंसेवकों, पदाधिकारियों, सम्बद्ध संगठनों और भारतीय जनता पार्टी के लिए लाल किले से स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के उद्बोधन की तरह महत्यपूर्ण रहा है. संघ प्रमुख इस अवसर पर अपने संबोधन में अपना सन्देश देते हैं, जो समाज और देश के प्रति संघ के विचारों को प्रतिविम्बित करता है. इस सन्देश का इंतजार समर्थक ही नहीं, विरोधी पक्ष के लोग भी करते रहे हैं.
विजयादशमी उत्सव पर पूर्व की भांति इस बार भी सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत यह सन्देश देंगे, लेकिन खुले आम नहीं, ऑनलाइन. हां उनका सन्देश रेशिमबाग के मैदान से नहीं, मैदान के समीप डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर परिसर में स्थित महर्षि व्यास सभागृह से ऑनलाइन प्रसारित होगा. डॉ. भागवत सभागृह में उपस्थित रहने वाले मात्र 50 लोगों की उपस्थिति में संघ का सन्देश देश को देंगे.
इस वर्ष एक और कमी रहेगी इस विजयादशमी उत्सव में. इस वर्ष पूर्व की तरह कोई मुख्य अतिथि इस उत्सव में नहीं रहेगा. इस वर्ष संघ ने ऐसे किसी महानुभाव को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित नहीं किया है. इस उत्सव में संघ के गणवेश की अनिवार्यता भी रहेगी. सभी अपने पारम्परिक गणवेश में उत्सव में शामिल हो सकेंगे.
सरसंघ चालाक का सम्बोधन सुबह आठ बजे शुरू होगा. यह सम्बोधन संघ के फेसबुक, ट्विटर व यूट्यूब आरएसएसओआरजी पर ऑनलाइन प्रसारित किया जाएगा. संघ प्रमुख के संबोधन को दूरदर्शन, सुदर्शन चैनल के साथ-साथ दूसरे कई चैनलों पर भी प्रसारित करने वाले हैं.