सेंसेक्स 988 अंक टूट कर 39,735 पर बंद, निफ्टी भी 300 अंक से अधिक लुढ़का
राय तपन भारती/आर्थिक समीक्षक,
नई दिल्ली : पिछले 11 वर्षों में बजट के दिन की आज शेयर बाजार में यह सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. आम बजट 2020-21 से निराश बाजार शनिवार को गोता लगा गए और इससे बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स 988 अंक टूटकर 39,805.61 अंक और एनएसई निफ्टी 276.85 लुढ़क कर 11,685.25 अंक पर बंद हुआ. शनिवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2020 पेश किया तो शेयर बाजार निराश हो गया.
पिछले 11 वर्षों में 11 बार देश का आम बजट पेश हुए. लेकिन इन वर्षों में आम बजट के दिन शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट कभी देखने को नहीं मिली. 2010 से लेकर 2020 तक के इन 11 वर्षों में प्रणब मुखर्जी ने तीन बार, पी. चिदंबरम ने एक बार, अरुण जेटली ने और निर्मला सीतारमण ने दूसरी बार बजट पेश किया है. नीचे की तालिका से पिछले 11 वर्षों में बजट के दिन की मुंबई शेयर बाजार के सेंसेक्स की तेजी और गिरावट की स्थिति समझें –
पिछले 11 बजट के दिन सेंसेक्स का हाल-
तारीख वर्ष वित्त मंत्री तेजी/गिरावट
26 फरवरी 2010 प्रणब मुखर्जी -175
28 फरवरी 2011 प्रणब मुखर्जी 123
16 मार्च 2012 प्रणब मुखर्जी -220
28 फरवरी 2013 पी. चिदंबरम -291
10 जुलाई 2014 अरुण जेटली -72
28 फरवरी 2015 अरुण जेटली 141
29 फरवरी 2016 अरुण जेटली -52
01 फरवरी 2017 अरुण जेटली 476
01 फरवरी 2018 अरुण जेटली -59
05 जुलाई 2019 सीतारमण -395
01 फरवरी 2020 सीतारमण -900
ऐसे टूटता रहा बाजार
बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स आज दिन में एक समय 1,275 अंक टूट गया था. अंत में यह पिछले बंद के मुकाबले 987.96 अंक या 2.42 प्रतिशत के नुकसान से 39,735.53 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 40,905.78 से 39,631.24 अंक के दायरे में घटता बढ़ता रहा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 300.25 अंक या 2.51 प्रतिशत टूटकर 11,661.85 अंक पर आ गया. 2019 में बजट के दिन निफ्टी 11,811.15 अंक पर बंद हुआ था.
दिग्गज कंपिनयों के शेयरों का हाल
सेंसेक्स की कंपनियों में आईटीसी में सबसे अधिक 6.97 प्रतिशत की गिरावट आई. एलएंडटी, एचडीएफसी, एसबीआई, ओएनजीसी, आईसीआईसीआई बैंक और इंडसइंड बैंक के शेयर भी नीचे आए. वहीं दूरी ओर टीसीएस का शेयर 4.13 प्रतिशत चढ़ गया. हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले इंडिया, टेक महिंद्रा और इन्फोसिस के शेयर भी लाभ में रहे.
शेयर बाजार में हाहाकार की बड़ी वजह
विशेषज्ञों ने कहा कि निवेशकों को उम्मीद थी कि सरकार सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए कदम उठाएगी. बजट को लेकर उनकी उम्मीदें काफी ऊंची थीं. बजट उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा. वित्त मंत्री सीतारमण ने 2020-21 का बजट पेश करते हुए कंपनियों से लाभांश वितरण कर (डीडीटी) हटाने का प्रस्ताव किया है. अब इसका बोझ लाभांश पाने वालों पर पड़ेगा. बजट में चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को भी बढ़ाकर 3.8 प्रतिशत किया गया है. पहले इसके 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया था. एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के प्रबंध निदेशक कृष्ण कुमार कारवा ने कहा कि दीर्घावधि के पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर पर कोई राहत नहीं मिलने और क्षेत्र के लिए किसी बड़े प्रोत्साहन के अभाव में निवेशक निराश हैं.
बता दें कि वित्त मंत्री सीतारमण द्वारा संसद में पेश आर्थिक सर्वेक्षण से भी बाजार पर कल शुक्रवार को कोई बढ़िया असर नहीं दिखाई दिया था. बजट से एक दिन पहले भी शेयर बाजार गिरावट के साथ लाल निशान पर बंद हुआ. सेंसेक्स 190.33 अंक टूटकर 40,723.49 और निफ्टी 73.70 अंक के नुकसान के साथ 11,962.10 के स्तर पर बंद हुआ. आज पहले शुरुआती कारोबार शेयर बाजार में तेजी नजर आई, लेकिन कारोबार के दौरान यह लाल निशान पर आ गया.