कप्तान रोहित शर्मा के नेतृत्व में दूसरी बार देश के नाम आया खिताब
टीम इंडिया ने आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को हराकर दूसरी बार टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम कर लिया है. टीम इंडिया ने साल 2007 में इससे पहले विश्व कप अपने नाम किया था.
रोमांचक मुकाबले में जब प्रतिद्वदी टीम 30 गेंदों में 30 रन की जरूरत थी, हार्दिक पांड्या की गेंद पर सूर्यकुमार यादव ने बिल्कुल बाउंड्री पर सिक्सर के लिए जा रही गेंद को शानदार ढंग से लपक कर दक्षिण अफ्रीका के धुरंधर बल्लेबाज मिलर क्लासेन को आउट कर मैच का रुख ही बदल दिया.
17 साल का इंतजार हुआ खत्म
भारत ने साल 2007 का टी20 विश्व कप अपने नाम किया था, लेकिन उसके बाद से टीम इंडिया कभी भी टी20 विश्व कप नहीं जीत पाई. भारत साल 2014 में फाइनल में जरुर पहुंची थी, लेकिन उसे वहां हार मिली थी. भारत ने इसके साथ ही बीते एक दशक से लगे चोकर्स के टैग को भी हटा दिया है, क्योंकि यह साल 2013 टी20 विश्व कप के बाद भारत का पहला आईसीसी खिताब है.
टीम इंडिया की जीत के हीरो विराट कोहली रहे. भारत के लिए सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज विराट रहे. उन्होंने 59 गेंदों मेें छह चौके और दो छक्कों के दम पर 76 रनों की पारी खेली. उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अवॉर्ड दिया गया है. फाइनल का मुकाबला काफी रोमांचक रहा और भारत ने आखिरी गेंद पर मैच अपने नाम किया.
काफी रोमांचक रहा मुकाबला
दक्षिण अफ्रीकी पारी का 15वां ओवर फेंकने आए अक्षर पटेल ने ओवर में 24 रन बटोरकर हेनरिक क्लासेन ने भारत को एक समय मैच में पूरी तरह से बैकफुट पर धकेल दिया था. 15 ओवर का खेल पूरा होने के बाद दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए 30 गेंदों पर 30 रन चाहिए थे, लेकिन इसके बाद बुमराह ने अपने अगले ओवर में सिर्फ चार रन दिए. मैच का 17वां ओवर फेंकने आए हार्दिक ने ओवर की पहली ही गेंद पर क्लासेन का विकेट हासिल किया और इस ओवर में सिर्फ 4 रन दिए.
गेंदबाजों का भी दिखा जलवा
मैच का 18वां ओवर फेंकने आए बुमराह ने अपने स्पेल के आखिरी ओवर में सिर्फ 2 रन दिए और इस दौरान उन्होंने एक विकेट भी हासिल किया. टीम इंडिया इस समय तक मैच में वापसी कर चुकी थी. 15, 16, 17 ओवर को मिलाकर अफ्रीकी टीम सिर्फ 10 रन जोड़े पाई. मैच का 19वां ओवर फेंकने आए अर्शदीप ने शानदार गेंदबाजी करते हुए सिर्फ 6 रन देकर मैच को पूरी तरह से रोमांचक बना दिया था. भारत को चैंपियन बनने के लिए आखिरी ओवर में 16 रन डिफेंड करने थे और हार्दिक ने सिर्फ 8 रन दिए और भारत को चैंपियन बना दिया.