हाई कोर्ट ने खारिज कर दी याचिका, अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा
नागपुर : कांग्रेस नेता सुनील केदार गुरुवार को एक बार फिर बड़े झटके का सामना करना पड़ा है. मुंबई उच्च न्यायालय की नागपुर खंडपीठ ने गुरुवार को सुनील केदार को नागपुर जिला मध्यवर्ती सहकारी (एनडीसीसी) बैंक के बहुचर्चित घोटाले मामले में मिली सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
बता दें कि एनडीसीसी बैंक घोटाले मामले में स्पेशल कोर्ट ने कांग्रेस नेता सुनील केदार समेत 6 लोगों दोषी पाया था. अदालत ने 22 दिसंबर 2023 को 5 साल की जेल और साढ़े 12 लाख रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी.
इस सजा के कारण सुनील केदार की विधानसभा सदस्यता जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत रद्द कर दी गई थी. इस कानून में कहा गया है कि कोई भी जन-प्रतिनिधि किसी भी अपराध में दोषी पाया जाता है तथा उसे दो साल से अधिक की सजा दी गई है, तो उसकी सदस्यता जन-प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8(3) के तहत रद्द हो जाती है.
इसी कारण उन्होंने उच्च न्यायालय में उनको मिली सजा को रद्द करने और उनकी विधायकी को बहाल करने के लिए याचिका दायर की थी. केदार को अपनी सजा को रद्द करवाने और अपनी विधायकी फिर से बहाल करवाने के लिए अब सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ सकता है.
याचिका पर गुरुवार को 2 घंटे तक लगातार सुनवाई चली. जस्टिस उर्मिला जोशी फालके की बेंच ने दोनों पक्षों की दलीलें खत्म होने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया. बाद में इस पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दायर की गई याचिका को स्थगित किया जा रहा है. हालांकि किन आधार पर यह याचिका स्थगित की गई है. इसकी अभी तक विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है. परंतु गुरुवार को हाई कोर्ट के इस फैसले से सुनील केदार और उनके को समर्थकों को झटका जरूर लगा है.
जाना पड़ेगा सुप्रीम कोर्ट
गुरुवार को याचिका के रद्द होने के चलते अब केदार को सुप्रीम कोर्ट जाना पड़ सकता है. इस मामले में वे कब तक सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करेंगे, यह वकीलों द्वारा हाई कोर्ट के आदेश का अध्ययन कर तय किया जाएगा. आगामी विधानसभा चुनाव में वे दोबारा चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं यह उनके द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जल्द से जल्द याचिका दायर करने और उस पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही निर्भर करेगा.