पहली सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस लॉन्च कर दी है इस सरकारी टेलीकॉम कंपनी ने
नई दिल्ली : एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink के एक ओर भारत में एंट्री का रास्ता भी साफ हो रहा है, इससे पहले ही सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL ने एलन मस्क की टेंशन बढ़ा दी है. BSNL ने भारत की पहली सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस लॉन्च कर दी है.
Jio, Airtel और VI जैसे निजी टेलिकॉम ऑपरेटरों को चुनौती देने निकले एलन मस्क की Starlink के लिए भी भारत में बड़ी चुनौती खड़ी हो गई है. अब वह अपने फील्ड का अकेला खिलाड़ी यहां भी नहीं रहा.
एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट कंपनी Starlink के भारत में एंट्री का रास्ता भी साफ करने के लिए TRAI भारत में सैटेलाइट सर्विस लॉन्च करने की तैयारी में है. दूरसंचार नियामक ने स्पेक्ट्रम अलोकेशन को फाइनलाइज्ड करने की डेडलाइन सेट कर दी है. अगले महीने 15 दिसंबर तक सैटेलाइट कम्युनिकेशन के स्पेक्ट्रम को लेकर फैसला लिया जा सकता है. अब स्पेक्ट्रम मामले में BSNL यह खेला कर दिया है.
बिना नेटवर्क के होगी कॉलिंग
DoT (दूरसंचार विभाग) ने अपने आधिकारिक X हैंडल से एक वीडियो पोस्ट करते हुए इस बात की जानकारी दी है. सैटेलाइट-टू-डिवाइस सर्विस के लॉन्च होने के बाद यूजर्स बिना सिम कार्ड और मोबाइल नेटवर्क के भी कॉलिंग कर पाएंगे.
BSNL ने इसके लिए अमेरिका के कैलिफोनिया स्थित Viasat कंपनी के साथ पार्टनरशिप की है. गौरतलब है कि BSNL ने इस तकनीक की झलक इंडियन मोबाइल कांग्रेस में दिखाई थी.
सैटेलाइट टू डिवाइस सर्विस का सपोर्ट जरूरी
BSNL ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर वीडियो पोस्ट किया है. वीडियो में देखा जा सकता है कि एक यात्री पहाड़ी इलाके में यात्रा कर रहा है. उसके फोन का नेटवर्क चला जाता है. ऐसी परिस्थिति में BSNL की सैटेलाइट टू डिवाइस सर्विस मदद करती है. इस सर्विस की मदद से वह कॉल करता है.
इस सर्विस को सपोर्ट करने के लिए आपका डिवाइस सैटेलाइट टू डिवाइस सर्विस का सपोर्ट होना जरूरी है. iPhone 14 ने इस सर्विस को पहली बार लॉन्च किया था. इसके बाद ज्यादातर कंपनियां इस सर्विस को सपोर्ट करती है.
सैटेलाइट टू डिवाइस सर्विस का ट्रायल हुआ पूरा
BSNL की सैटेलाइट टू डिवाइस सर्विस का ट्रायल पूरा हो चुका है. गौरतलब है कि कुछ मोबाइल कंपनियों ने इस सर्विस को लॉन्च किया था. हालांकि, ये सर्विस केवल इमरजेंसी परिस्थिति के लिए ही है. वहीं, BSNL की सर्विस इमरजेंसी कॉल्स, आपातकालीन मैसेज और यूपीआई पेमेंट्स भी कर सकते हैं.
BSNL की पार्टनरशिप में काम कर रही Viasat के मुताबिक इस सर्विस के लिए धरती से 36 हजार किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित L बैंड सैटेलाइट्स के जरिए संभव हो पाया है.
Starlink भारत में लॉन्च कर सकती है ये सर्विस
एलन मस्क की कंपनी Starlink के भारत में उपग्रह ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा देने सकती है. पुराने मोबाइल फोन सेवा प्रदाता वॉयस तथा इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार टावर का इस्तेमाल करते हैं, उपग्रह संचार या सैटकॉम में यह सेवा प्रदान करने के लिए उपग्रहों के समूह का इस्तेमाल किया जाएगा.
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा था कि स्टारलिंक का अभी सुरक्षा मानदंडों का पालन करना बाकी है. उपग्रह ब्रॉडबैंड सेवाओं के लिए उसे लाइसेंस भारत में सेवाओं के लिए सभी मानदंडों को पूरा करने के बाद जारी किया जाएगा.