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एयर इंडिया प्लेन में आई खराबी, दो घंटे बाद हुई लैंडिंग, 140 यात्री थे सवार

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चेन्नई : तमिलनाडु के त्रिची से शारजाह जा रही एयर इंडिया एक्सप्रेस की फ्लाइट संख्या IX613 में तकनीकी खराबी आ गई. प्लेन में आई खराबी के कारण पायलट के अनुरोध पर तिरुचिरापल्ली एयरपोर्ट पर जल्दी से आपातकाल घोषित कर दिया गया. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पता चल पाया है कि है कि उड़ान भरने के दौरान लैंडिंग गियर में गड़बड़ी आई, जिससे पायलट को वापस लौटना पड़ा. जानकारी के मुताबिक, रात 8:14 बजे एयर इंडिया फ्लाइट संख्या IX 613 ने एयरपोर्ट पर लैंड किया.

त्रिची से शारजाह जा रहे एयर इंडिया के विमान में हाइड्रोलिक खराबी के कारण त्रिची हवाई अड्डे पर उतरने से पहले फ्यूल कम करने के लिए विमान को हवाई क्षेत्र में चक्कर लगाना पड़ा. हवाई अड्डे के निदेशक गोपालकृष्णन के अनुसार, इसमें 140 यात्री सवार थे. ऐसे में किसी भी प्रकार की बड़ी दुर्घटना से बचने के लिए हवाई अड्डे पर 20 से अधिक एम्बुलेंस और दमकल गाड़ियों को तैनात की गई थी.

लगभग दो घंटे के लिए आसमान में चक्कर काटने के बाद त्रिची एयरपोर्ट पर प्लेन की सुरक्षित लैंडिंग करा दी गई है. प्लेन को दो घंटों के लिए हवा में घूमाकर इशके फ्यूल को खर्च किया गया, जिसके चलते इसकी लैंडिंग सुरक्षित तरीके से हो पाई है. अगर ये लैंडिंग नहीं होती तो आज एक बहुत बड़ा हादसा होने वाला था. क्योंकि, इस प्लेन में लगभग 140 लोग सवार थे.

विमान में आई खराबी के बाद बेली लैंडिंग की बात की जा रही थी. बता दें कि जब विमान हवा में चक्कर लगा रहा था, तब फ्लाइट को हल्का बनाने के लिए ईंधन डंपिंग पर विचार किया जा रहा था. हालांकि ऐसा नहीं किया गया.

बेली लैंडिंग क्या है?

बेली लैंडिंग एक इमरजेंसी लैंडिंग प्रक्रिया है, जिसमें विमान अपने लैंडिंग गियर को पूरी तरह या आंशिक रूप से खोले बिना ही जमीन पर उतारा जाता है. इसे गियर-अप लैंडिंग भी कहा जाता है. आपात स्थिति में विमान के लैंडिंग गियर पूरी तरह से काम नहीं कर रहे होते हैं या खोले नहीं जा सकते.

बेली लैंडिंग का मतलब है कि विमान अपने पेट (नीचे वाले हिस्से) के हिस्से से रनवे पर लैंड करता है. विमान के उतरने के लिए इसके अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है. हालांकि, इसमें सुरक्षित उतरने या फिर अनसेफ लैंडिंग की गुंजाइश दोनों होती है. इसके कई गंभीर परिणाम भी होते हैं. इससे विमान और रनवे को नुकसान पहुंचता है. साथ ही झटका लगने से यात्रियों और कर्मचारियों को चोट भी पहुंच सकती है.

जानें कैसे होती है बेली लैंडिंग?

बेली लैंडिंग के समय विमान का पायलट बहुत सावधानी से फ्लाइट को नियंत्रित करता है जिससे उसे धीरे और सुरक्षित तरीके से जमीन पर उतारा जा सके. जब विमान का बेली रनवे से टच होता है तो पायलट रनवे की लंबाई का इस्तेमाल करते हुए विमान को धीरे-धीरे रोकने की कोशिश करता है. बेली लैंडिंग से विमान को नुकसान भी पहुंच सकता है.