नागपुर : नागपुर के युवा डॉक्टरों, इंजीनियरों और उद्यमियों के एक रिसर्च ग्रुप ‘सतेज मेडिनोवा एकेडमी’ ने एक नॉन-इनवेसिव पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किया है. जो विशेष रूप से कोविड महामारी के इस कठिन स्थिति में कोविड पीड़ितों के लिए प्राणसेतु साबित होने वाला है.
सतेज मेडिनोवा ने इस वेंटिलेटर नामकरण भी “प्राणसेतु” ही किया है. सस्ती, संचालित करने में आसान और ऑक्सीजन-उपयोग-दक्षता विशेषताएं हैं इस प्राणसेतु वेंटिलेटर में. यह एक थ्री-इन-वन डिवाइस है, जिसमें लगातार पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (CPAP), बाइलेवल पॉजिटिव एयरवे प्रेशर (BiPAP) और इंटीग्रेटेड ह्यूमिडिफायर के साथ हाई फ्लो नेज़ल कैनुला (HFNC) होता है.
2.9 लाख रुपए की कम लागत वाले इस वेंटिलेटर को, चिकित्सक और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. सतीश देवपुजरी के नेतृत्व में समूह ने विकसित किया है. इन वेंटिलेटरों को अस्पतालों और संस्थानों को दान करने के लिए सामुदायिक समर्थन प्राप्त करने का सतेज के युवाओं का प्रयास भी जारी है. इसके लिए उन्होंने एक अभियान शुरू किया है.
सतेज मेडिनोवा समूह के डॉक्टर, इंजीनियर, उद्यमी वे युवा हैं, जो कोविड-19 संकट से पीड़ितों को उबारने के लिए एकजुट हुए हैं. इसमें तेजस क्षत्रिय, अभय संतोषवार, मुकुंद देशमुख, आशुतोष गावंडे और लतेश अग्रवाल के अलावा डॉ. सतीश देवपुजरी शामिल हैं. डॉ. देवपुजारी से जुड़े ये युवा समर्पित भाव से नई खोज में जुड़े रहते हैं. सतेज मेडिनोवा एकेडमी के प्रमुख स्वयं डॉ. देवपुजारी ही हैं. सतेज के इस प्रयास में एम्स, नागपुर का भी सहयोग है.
इनका उद्देश्य इस उपयोग अनुकूल जीवन रक्षक उपकरण को महामारी के तांडव में तत्काल उपयोग में ला कर पीड़ितों की जान बचाना है. इस रोग के रोगियों को श्वसन सहायता की जरूरत होती है और उनके इलाज के लिए कुशल हाथों की भी. इस कम लागत वाले वेंटिलेटर को निःशुल्क उपलब्ध कराने के लिए सतेज मेडिनोवा सक्षम उद्यमियों और बड़े व्यवसायियों से सहयोग लेने की कोशिश भी कर रहा है. यह उपकरण भारी ऑक्सीजन आपूर्ति संयत्र या उच्च प्रशिक्षित डॉक्टरों के बिना रोगी को तुरंत जरूरी ऑक्सीजन उपलब्ध करने पर आधारित है.