सीमा सिन्हा,
पटना : बिहार के मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर पांचवें चरण के तहत मतदान सोमवार, 6 मई को संपन्न हुए. मतदान के दौरान ईवीएम और वीवीपैट की एक होटल से बरामदगी के बाद विपक्षी दलों के समर्थकों ने यहां जमकर हंगामा किया. दरअसल सेक्टर अधिकारी को मतदान के दौरान रिजर्व मशीनें दी गई थीं. रिजर्व मशीनें मतदान के दौरान किसी मशीन के खराब होने पर उसके बदले में लगाई जाती हैं.
विभागीय जांच की जाएगी
मुजफ्फपुर के जिलाधिकारी ने इस पूरे घटनाक्रम पर बताया कि ‘सेक्टर अधिकारी को कुछ रिजर्व मशीनें दी गई थीं, लेकिन वह उन्हें अपने साथ होटल के कमरे में ले गया. जो कि नियमों के खिलाफ है. अब उनपर विभागीय जांच की जाएगी.’
कारण बताओ नोटिस जारी
वहीं मामले में ईवीएम के कस्टोडियन सेक्टर मजिस्ट्रेट अशोक कुमार (मुशहरी) को इस पूरे घटनाक्रम के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया जा चुका है. नोटिस में उनसे पूछा गया है कि आखिर यह मशीनें होटल तक कैसे पहुंच गई.
शुरुआती जानकारी के मुताबिक बूथ संख्या 108 के पास स्थित आनंद होटल में यह मशीनें बरामद की गई हैं. मशीनें मिलने की खबर स्थानीय लोगों के बीच आग की तरह फैली और वहां जमकर हंगामा किया गया. लेकिन मौके पर पुलिस और एसडीओ ने पहुंचकर भीड़ को शांत किया.
तो यह था माजरा…
प्राप्त जानकारी के अनुसार कस्टोडियन सेक्टर मजिस्ट्रेट अशोक कुमार के अधीन कुछ रिजर्व मशीनें थीं, जिन्हें किसी बूथ की मशीन खराब होने पर वे मशीनें तत्काल वहां उपलब्ध करानी थीं. वे बूथ संख्या 108 के समीप के एक होटल में भोजन के लिए रुके और उनके वाहन का चालाक एक अन्य बूथ पर वाहन के साथ अपना मतदान करने चला गया. एवीएम मशीन और वीवीपैट मशीन वे वाहन में नहीं छोड़ सकते थे. इसलिए अशोक कुमार उन्हें साथ लेकर होटल में चले गए. इसी दौरान एक राजनीतिक दल के कुछ समर्थकों ने होटल में अशोक कुमार को मशीनों के साथ देखा और हंगामा शुरू कर दिया.
मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अजय निषाद और वीआईपी के राजभूषण चौधरी के बीच माना जा रहा है. इस सीट से मौजूदा सांसद जयनारायण निषाद के बेटे अजय निषाद भाजपा के टिकट से चुनाव मैदान में हैं.