ईपीएफओ के समक्ष ‘ईपीएस-95 एनएसी‘ प्रतिनिधिमंडल ने फिर रखी अपनी मांग
नई दिल्ली : पेंशनर्स संगठन ‘ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति’ के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की और न्यूनतम मासिक पेंशन 7,500 रुपए करने की अपनी लंबे समय से चली आ रही मांग पर जोर दिया.
ईपीएस-95 राष्ट्रीय आंदोलन समिति (ईपीएस-95 एनएसी) ने एक बयान में कहा कि सदस्यों ने ईपीएस सदस्यों और उनके जीवन साथियों के लिए पूर्ण चिकित्सा कवरेज की भी मांग की. ईपीएस-95 एनएसी के अध्यक्ष अशोक राउत ने कहा, “कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की ओर से हमें बैठक के लिए निमंत्रण मिला था. बैठक का उद्देश्य पेंशनर्स की लंबित मांगों का समाधान करना था.”
उन्होंने कहा कि ईपीएस-95 एनएसी सदस्य वर्तमान में केवल 1,450 रुपए की औसत मासिक पेंशन के स्थान पर 7,500 रुपए मासिक पेंशन की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. राउत ने कहा कि पेंशनर पिछले आठ वर्षों से न्यूनतम पेंशन में वृद्धि की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है.
श्रम मंत्री मंडाविया भी दे चुके हैं आश्वासन
इस महीने की शुरुआत में, केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने भी ईपीएस-95 एनएसी प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी और उन्हें आश्वासन भी दिया था कि सरकार उनकी मांग को पूरा करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी.
ईपीएस-95 एनएसी, जिसमें लगभग 78 लाख सेवानिवृत्त पेंशनर और औद्योगिक क्षेत्रों के 7.5 करोड़ कार्यरत कर्मचारी शामिल हैं, का मुख्यालय महाराष्ट्र में है.
सुप्रिया सुले का वादा- हमारी सरकार बनी तो पेंशन 7500+DA घर लाकर देंगे
महाराष्ट्र के धुले में पिछले 18 अगस्त 2024 को आयोजित अपनी पार्टी एनसीपी (शरद पवार) के एक कार्यक्रम में सांसद सुप्रिया ताई सुले ने EPS 95 पेंशनर्स की मांगों को जोरदार तरीके से उठाया. उन्होंने पेंशनर्स के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और सरकार से उनकी मांगों को जल्द स्वीकार करने की अपील की. सुले ने वादा किया कि अगर उनकी पार्टी सत्ता में आती है, तो वे EPS 95 पेंशनरों को 7,500 रुपए की पेंशन और महंगाई भत्ता (DA) सुनिश्चित करेंगी यह वादा पेंशनरों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
2014 में अरुण जेटली और प्रकाश जावेडकर ने वादा किया था
अपने भाषण में सुले ने 2014 के पहले की स्थिति का भी जिक्र किया, जब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सत्ता में नहीं थी. उन्होंने बताया कि उस समय अरुण जेटली और प्रकाश जावड़ेकर जैसे वरिष्ठ नेताओं ने EPS 95 पेंशनरों की पेंशन बढ़ाने की वकालत की थी. उन्होंने याद दिलाया कि भाजपा के सत्ता में आने के बाद, पेंशनर्स ने उम्मीद जताई थी कि उनकी समस्याओं का समाधान होगा, लेकिन अब तक यह वादा अधूरा है.
सुले ने इस बात पर चिंता जताई कि भाजपा नेताओं ने वादे पूरे नहीं ही किए. उन्होंने कहा कि अरुण जेटली जी अब हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन प्रकाश जावड़ेकर भी अपने पुराने वादों को भूल गए हैं. सुले ने जोर देकर कहा कि जब तक EPS 95 पेंशन धारकों को उनका हक नहीं मिलता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी.
सुप्रिया सुले का वादा दूर की कौड़ी
सुप्रिया ताई सुले के इस भाषण ने EPS 95 पेंशनर्स के लिए उम्मीद जगाई है, क्योंकि पेंशन बढ़ोतरी की यह मांग लंबे समय से लंबित है. सुले का वादा इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जिससे लाखों पेंशनर्स का जीवन सुधार सकता है. लेकिन उनका यह वादा भी दूर की कौड़ी ही है. उन्होंने कहा कि जब उनकी सरकार बनेगी, तब..!. कब बनेगी उनकी सरकार?