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सरकार ने महाराष्ट्र के व्यापारियों को दिया दीपावली का तोहफा

बिजनेस महाराष्ट्र
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नागपुर : महाराष्ट्र सरकार ने दि होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन की करीब 5 साल से की जा रही मांग को आखिर मान्य किया. 11 अक्टूबर को सरकार ने अधिसूचना जारी कर एपीएमसी का मंडी सेस 105 पैसे से घटाकर 25 पैसे से 50,पैसे प्रति सैकड़ा कर दिया.

एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार अग्रवाल और सचिव प्रताप मोटवानी ने उपरोक्त जानकारी देते हुए महाराष्ट्र सरकार को धन्यवाद दिया है. अग्रवाल और मोटवानी ने बताया लगातार 10 वर्षों से एसो देवेंद्रजी फडणवीस को मंडी सेस घटाने का ज्ञापन और अनुरोध कर रही थी.

देवेंद्रजी ने एसोसिएशन को पूरा भरोसा दिया था कि वे मंडी सेस खत्म करेंगे या जरुर कम करेंगे, गत दिनों पूरे महाराष्ट्र के व्यापारियों की बैठक पुणे हुई, जिसमे महाराष्ट्र राज्य व्यापारी कृति समिति की स्थापना की गई और एक दिन महाराष्ट्र बंद का आयोजन किया. लेकिन राज्य के डीसीएम देवेंद्रजी फडणवीस ने बीच में मीटिंग बुला कर सभी समस्याएं सुनी और एक माह में उसका निवारण करने का पूरा आश्वासन दिया, जिससे एक दिन की सांकेतिक हड़ताल रद्द की गई. उसी के अनुरूप और कृति समिति के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली और 11 अक्टूबर को सेस की दर कम करने को लेकर महाराष्ट्र राज्य सरकार ने अधिसूचना जारी की है.

सेस की न्यूनतम दर 100 रुपये की खरीद पर 25 पैसे होगी, जबकि अधिकतम दर 50 पैसे होगी. यह व्यापारी एकता बहुत बड़ी की जीत है. फेम के अध्यक्ष जितेंद्र शाह का एसोसिएशन के अध्यक्ष संतोष कुमार अग्रवाल और सचिव प्रताप मोटवानी ने और महाराष्ट्र व्यापार कृति समिति के सभी पदाधिकारियों का धन्यवाद और आभार जताया है और महाराष्ट्र के डीसीएम देवेंद्र जी फडणवीस का भी आभार माना है कि सरकार ने एसो. की पुरानी मांग को स्वीकार कर राहत प्रदान की है.

अग्रवाल और मोटवानी ने कहा कि सेस कम होने से कलमना के व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और अनाज और दालों के भाव कम होंगे. जिससे आम जनता को राहत मिलेगी. संतोष अग्रवाल ने सरकार से आग्रह किया है कि कलमना अनाज बाजार की बेहद गंभीर समस्याएं भी दूर करें. और जो भी मांगे रखी गई है, उनको भी स्वीकार कर सरकार जल्द  ही जीआर निकाले और व्यापारियों को राहत दे.

प्रताप मोटवानी ने बताया कि उनकी मांगों का पत्र एसोसिएशन ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सहकार मंत्री सहित संबंधित मंत्रियों और पुणे सहित नागपुर एपीएमसी के प्रशासक और सचिव को भेजी है. सरकार से आग्रह है कि आचार संहिता लागू होने के पूर्व इसका जीआर निकाला जाना चाहिए.