अन्य 15 राज्यों की 48 विस सीटों, दो लोकसभा सीटों पर भी होंगे उपचुनाव
नई दिल्ली : भारत के निर्वाचन आयोग (EC) ने महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनावों के साथ 48 विधानसभा सीटों और 2 लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है.
महाराष्ट्र की 288, झारखंड की 81 सीटों पर चुनाव
महाराष्ट्र में 288 सीटों पर इस बार भी एक ही चरण में वोटिंग होगी. जिसके लिए 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे, जबकि चुनाव नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. दूसरी तरफ झारखंड की 81 सीटों में दो चरणों में चुनाव आयोजित किए जाएंगे. यहां 13 और 20 नवंबर को मतदान होगा, जबकि परिणाम 23 नवंबर को ही घोषित किया जाएगा.
मंगलवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनावों की घोषणा की. इस बार महाराष्ट्र में एक चरण तो झारखंड में 2 चरणों में चुनाव आयोजित कराए जाएंगे. महाराष्ट्र की सभी 288 सीटों के लिए 20 नवंबर तो झारखंड की 43 सीटों के लिए 13 नवबंर और 38 सीटों के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी. दोनों ही राज्यों के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
महाराष्ट्र में कुल मतदाता 9.63 करोड़
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में कुल मतदाताओं की संख्या 9.63 करोड़ है, जिसमें से 4.97 करोड़ पुरुष और 4.66 करोड़ महिला मतदाता हैं. पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 20.93 लाख है. महाराष्ट्र में 1,00,186 मतदान केंद्र हैं, इस बार भी हम पीडब्ल्यूडी और महिलाओं द्वारा संचालित बूथ बनाएंगे.”
झारखंड में कुल मतदाता 2.6 करोड़
मुख्य चुनाव आयुक्त ने प्रेस को जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड में कुल मतदाताओं की संख्या 2.6 करोड़ है, जिसमें से 1.29 करोड़ महिला और 1.31 करोड़ पुरुष मतदाता हैं. पहली बार मतदान करने वाले मतदाताओं की संख्या 11.84 लाख है. झारखंड में 29,562 मतदान केंद्र होंगे.
15 राज्यों में उपचुनाव
15 राज्यों की 48 विधानसभा सीटों और दो लोकसभा सीट पर उपचुनाव होंगे. इसमें नांदेड़ और वायनाड लोकसभा सीट शामिल हैं. बीते दिनों कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने वायनाड और अमेठी में दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी. बाद में नियमों के अनुसार उन्होंने वायनाड सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद यहां लोकसभा के लिए सीट खाली हो गई थी.
उत्तर प्रदेश की 9 सीटों समेत बाकी 14 राज्यों की 47 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होंगे. इसके साथ ही, वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव के लिए भी 13 नवंबर को ही वोट डाले जाएंगे. इसके अलावा, उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट और महाराष्ट्र की नांदेड़ लोकसभा सीट पर 20 नवंबर को उपचुनाव होंगे.उत्तर प्रदेश की 9 सीटों पर भी उपचुनाव का शेड्यूल जारी किया गया है. हालांकि, अयोध्या की मिल्कीपुर सीट की सबसे ज्यादा चर्चा थी, लेकिन वहां अभी उपचुनाव नहीं होंगे. मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव अभी नहीं कराने को लेकर चुनाव आयोग ने जवाब भी दिया है.
चुनाव आयोग ने कहा कि यूपी के मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा इसलिए नहीं हुई, क्योंकि BJP के पूर्व विधायक बाबा गोरखनाथ ने 2022 में चुनाव जीते सपा विधायक अवधेश प्रसाद के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है. ये पिटीशन अभी पेंडिंग है.
इस बीच समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग पर BJP के पक्ष में काम करने का आरोप लगाया है. पार्टी की तरफ से कहा गया कि कानपुर की सीसामऊ सीट का मामला भी अदालत में है. लेकिन, आयोग वहां चुनाव करवा रही है.
अवधेश प्रसाद के संसद पहुंचने से खाली हुई ये सीट
सपा के अवधेश प्रसाद मिल्कीपुर से विधायक थे. उन्होंने फैजाबाद सीट से 2024 में लोकसभा का चुनाव लड़ा और संसद पहुंचे. उन्होंने 7 हजार वोटों से जीत हासिल की थी. इसके बाद ये सीट खाली हो गई थी.
यूपी की इन 9 सीटों पर होना है चुनाव
यूपी की जिन 9 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव होना है. उनमें मैनपुरी की करहल, कानपुर की सीसामऊ, प्रयागराज की फूलपुर, अंबेडकरनगर की कटेहरी, मिर्जापुर की मझवां, गाजियाबाद सदर, अलीगढ़ की खैर, मुजफ्फरनगर की मीरापुर और मुरादाबाद की कुंदरकी सीट शामिल है. इन सीटों पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे.
हर चुनाव में इतिहास रच रहा भारत
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि भारत हर चुनाव में नया इतिहास रच रहा है. महाराष्ट्र में 52789 स्थानों पर 100186 मतदान केंद्र हैं, कुल मतदाता- 9.63 करोड़ हैं. झारखंड में 81 सीटें हैं, 2.6 करोड़ मतदाता हैं, पहली बार मतदान करने वाले मतदाता- 11.8 लाख। 20281 स्थानों पर 29562 मतदान केंद्र हैं.
हरियाणा और जम्मू-कश्मीर का आभार
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि मैं हरियाणा और जम्मू-कश्मीर के सभी मतदाताओं का आभार व्यक्त करना चाहता हूं. दोनों चुनावों में जो जोश दिखा है, उसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा. हम चुनाव की घोषणा के समय ही अपने इरादे जाहिर कर देते हैं. लोकसभा चुनाव की घोषणा के समय ही हमने अपनी बात साफ तौर पर रख दी थी. जम्मू-कश्मीर में चुनाव के दौरान कोई हिंसा नहीं हुई.