प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के कंजरवेटिव पार्टी की करारी हार, स्टॉर्मर भी भारत समर्थक
ब्रिटेन में हुए आम चुनाव में लेबर पार्टी को भारी जीत मिली है. इसके नेता किएर स्टार्मर अब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने जा रहे हैं. वहीं कंजरवेटिव पार्टी के नेता और मौजूदा प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की अगुवाई में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है.
ऋषि सुनक ने हार मान ली
लेबर पार्टी संसदीय चुनाव में भारी बहुमत से जीत हासिल कर चुकी है. खबर लिखे जाने तक लेबर पार्टी ने 410 सीटों पर जीत दर्ज की है. कंजर्वेटिव पार्टी के उम्मीदवार ऋषि सुनक अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे हैं. उन्होंने रिचमंड और नॉर्थलेर्टन में जीत हासिल की. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और कंजर्वेटिव पार्टी के नेता ऋषि सुनक ने हार मान ली है. उन्होंने लेबर पार्टी के नेता किएर स्टार्मर को जीत के लिए बधाई भी दी है.
लेबर पार्टी ने अपने प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में किएर स्टार्मर को ऋषि सुनक के खिलाफ मैदान में उतारा था. उन्होंने जबरदस्त जीत हासिल की है. अब स्टार्मर ही प्रधानमंत्री होंगे.
सर किएर स्टार्मर को अप्रैल 2020 में लेबर पार्टी का नया नेता चुना गया था. स्टर्मर 61 साल के हैं. इससे पहले ब्रिटेन में विपक्षी पार्टी का नेतृत्व जर्मी कोर्बिन कर रहे थे. पेशे से वकील स्टार्मर पहली बार 2015 में सांसद बने थे.
पिछली ब्रिटिश संसद में, जब ऋषि सुनक प्रधानमंत्री थे, भारतीय मूल के 15 सांसद थे, जिनमें लेबर पार्टी से आठ और कंजर्वेटिव पार्टी से सात सांसद थे. यूके के आम चुनाव 2024 में कुल 107 ब्रिटिश-भारतीयों ने 680 उपलब्ध सीटों के लिए चुनाव लड़े.
खुश हैं पाकिस्तानी, लेकिन स्टॉर्मर ने अनेक बार किया है भारत का समर्थन
अब जबकि ऋषि सुनक सत्ता से बाहर हो गए हैं, तो भारत विरोधी पाकिस्तानी समुदाय में खुशी देखी जा सकती है. क्योंकि पहले से ही लेबर पार्टी को पाकिस्तान समर्थक माना जाता रहा है.
बहरहाल किएर स्टार्मर लेबर पार्टी के दूसरे नेताओं से भिन्न हैं इससे पाकिस्तानियों को ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है. कई बार ऐसे मौके आए हैं जब स्टार्मर ने भारत के समर्थन वाली नीतियों का पक्ष लिया है. जिससे साफ है कि राष्ट्रवाद के समर्थक किएर स्टार्मर की नीतियां आने वाले वक्त में भारत के पक्ष में रह सकती हैं.
ब्रिटेन में भारतीय मूल के वोटरों की संख्या करीब 15 लाख है, वहीं पाकिस्तानी वोटर 11 लाख के करीब हैं. पहले तो लेबर पार्टी को पाकिस्तान समर्थक माना जाता रहा है. उसके कई नेता अक्सर दावा कर चुके हैं कि वो पाकिस्तानी के साथ दोस्ती को नए एंगल में ले जाएंगे. मगर पार्टी ने बाद में अपना रुख बदला और हिंदू वोटों को लुभाने की कोशिश के तहत सीधा यू टर्न ले लिया.
लेबर पार्टी ने कई नेताओं ने कश्मीर में धारा 370 को हटाने का विरोध किया था. पार्टी का नजरिया था कि ये गलत है और इस फैसले को वापस लेना चाहिए. जबकि कीर स्टार्मर इसके उलट हैं. उन्होंने धारा 370 को कश्मीर से हटाने का समर्थन किया है.
भारत का साथ देने वाली रही है लेबर पार्टी
ब्रिटेन में 14 सालों बाद लेबर पार्टी सत्ता में लौटी है. इस पार्टी को हमेशा भारत का साथ देने वाली पार्टी के तौर पर याद किया जाता है. सबसे बड़ी बात यही है कि ये वो पार्टी है, जिसने दूसरे विश्व युद्ध के बाद भारत को आजादी देने का कानून बनाया और वास्तव में इस देश को आजाद कर दिया. जबकि ब्रिटेन की दूसरी मुख्य कंजर्वेटिव पार्टी और इसके उस जमाने के दिग्गज नेता विंस्टन चर्चिल हमेशा भारत को आजादी देने के प्रबल विरोधी थे.
इसी वजह से लेबर पार्टी को हमेशा से भारत के लिए खास दोस्ताना पार्टी भी कहा जाता रहा है. ये पार्टी जब भी चुनाव लड़ती है या सत्ता में आती है तो भारत का खयाल रखती है. उसके घोषणा पत्र में भारत और भारतीयों को जगह मिलती है, उनके लिए वादे किए जाते हैं.