लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिले कम संख्या बल को दिया जाएगा बूस्टर डोज
अनुमान : केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल का पहला बजट पेश करने वाली है. केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी 3.0 सरकार का पहला बजट पेश करेंगी. बजट की तिथि की घोषणा होते ही अटकलों का बाजार गर्म है. इस बार का बजट कैसा होगा..?
इसमें क्या कुछ खास होने वाला है, इसकी आतुरता चहुंओर बंधने लगी है. माना जा रहा है कि इस बार बजट आम जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने वाला होगा.
विपक्ष के बढ़े प्रभाव पर अंकुश के लिए
राजनीति की चाल पर पैनी नजर रखने वाले एक्सपर्ट्स की मानें तो इस बार का मोदी 3.0 बजट निश्चय ही मध्य वर्ग की उम्मीदों को पोषित करने वाला लोकलुभावन होगा. लोकसभा चुनाव में एनडीए को मिले कम संख्या बल के कारण विपक्ष का प्रभाव बढ़ा है. उस पर अंकुश लगाने के लिए भी मोदी सरकार के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह कदम उठाए.
महंगाई पर लगाम और नौकरियों का दरवाजा खोलना होगा
इसके लिए देश की जनता पर बढ़ती महंगाई की बोझ को तत्काल नियंत्रित करना जरूरी है. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के साथ उनके लिए प्रत्यक्ष रूप से अधिकाधिक नौकरियों के द्वार खोले जाने चाहिए. किसानों की सुविधाओं में बढ़ोतरी हो. लखपति दीदी जैसी योजना में पैनापन लाते हुए शहरी और ग्रामीण के लिए भी रोजगार के बेहतर अवसर पैदा करना भी मोदी 3.0 बजट में शामिल हो सकता है.
इनकम टैक्स स्लैब में छूट संभव
मोदी 3.0 सरकार के तीसरे बजट में कुछ ऐसी चीजें हैं जिनमें बदलाव किया जा सकता है. इन बदलावों में इनकम टैक्स स्लैब में परिवर्तन को माना जा रहा है. एक्सपर्ट्स की मानें तो आयकर में रियायत का स्लैब तीन लाख से बढ़ाकर पांच लाख किया जा सकता है.
समझा जाता है कि केंद्र सरकार नई कर व्यवस्था (New Tax Regime) को भी आकर्षक बनाने की तैयारी में है. कहा जा रहा है कि न्यू टैक्स रिजीम को प्रभावी बनाने के लिए सरकार की ओर से आगामी बजट में कुछ बड़े ऐलान किए जा सकते हैं. पुरानी व्यवस्था की तरह निवेश पर आयकर की छूट मिल सकती है.
किसान सम्मान निधि
मोदी 3.0 बजट में किसान सम्मान निधि में भी बढ़ोतरी की अटकलें लगाई जा रही हैं. किसान सम्मान निधि योजना शुरू होने के समय से ही 2000 रुपए दी जा रही है. ऐसे में नए बजट में इसे बढ़ाया जा सकता है. कृषि क्षेत्र में वृद्धि दर बढ़ाने के लिए बजट में कुछ और प्रावधान किए जा सकते हैं. इसके साथ ग्रामीण विकास के कार्यक्रमों को भी अधिक मजबूती देने का काम यह बजट कर सकता है.
मनरेगा मजदूरों को और राहत!
इसके अलावा मनरेगा मजदूरी और काम के दिन भी बढ़ाए जा सकते हैं. इतना ही नहीं बजट में श्रम सुधारों को लेकर लेबर कोड को भी स्पष्ट किया जा सकता है.
पीएम आवास योजना का बजट
पीएम आवास योजना का बजट भी बढ़ाया जा सकता है. मोदी 3.0 कार्यकाल में 3 करोड़ नए पीएम आवास देने का लक्ष्य रखा है. इसके बजट में बढ़ोतरी संभव है.
ओल्ड पेंशन स्कीम
ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर भी समिति सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंप चुकी है. ऐसे में इस बजट में इसे लेकर भी स्थिति स्पष्ट होने की उम्मीद है. पूंजीगत व्यय और इन्फ्रास्ट्रक्चर का बजट भी बढ़ाया जाएगा, ऐसा फाइनेंशियल एक्सपर्ट्स का मानना है.
किसानों-युवाओं-महिलाओं पर होगा फोकस!
मोदी 3.0 के नए बजट में सरकार किसानों के साथ-साथ युवाओं और महिलाओं पर भी फोकस कर सकती है. युवाओं के लिए बजट में नए प्रावधान हो सकते हैं तो वहीं महिलाओं के लिए चल रही लखपति दीदी योजना के लिए भी कुछ नया देखने को मिल सकता है.
माइक्रो और स्मॉल बिजनेस
माइक्रो और स्माल बिजनेस के जरिए अर्थव्यस्था को बूस्टर डोज देने के लिए भी सरकार इस बजट में विशेष प्रावधान कर सकती है. इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बजट में नए इंसेंटिव का ऐलान किया जा सकता है, जिससे इसके दामों में थोड़ी कमी आए और यह आम-आदमी के बीच अपनी पैठ बना सके. साथ ही ग्रीन एनर्जी के बढ़ावे पर भी जोर दिया जा सकता है.
रक्षा उत्पादन और अनुसंधान में निजी क्षेत्र बढ़ावा
रक्षा उत्पादों को लेकर सरकार की ‘आत्मनिर्भर भारत’ नीति बहुत ही कारगर साबित हुई है. इससे स्वदेशी रक्षा शस्त्रों और उपकरणों के लिए न केवल विदेशी निर्भरता कम हुई है, इनके आयात पर होने वाले भारी-भरकम विदेशी मुद्रा की भी बचत हुई है. इसके अलावा आज भारत अमेरिका और रूस जैसे देशों सहित अनेक देशों को स्वनिर्मित रक्षा उत्पाद निर्यात भी कर रहा है. इसमें निजी क्षेत्र की भूमिका काफी अधिक है. बजट में सरकार निजी क्षेत्र को उत्पादन और अनुसंधान में बढ़ावा देने के भी उपाय कर सकती है.
ऐसी ही उपलब्धियां अंतरिक्ष क्षेत्र में भी देखने को मिल रही हैं. इसरो अब केवल अंतरिक्ष अनुसंधान तक ही सीमित नहीं है. वह अंतरिक्ष अभियानों में अन्य देशों को सहयोग कर विदेशी मुद्रा भण्डार बढ़ाने में मदद करने लगा है.
शिक्षा क्षेत्र में भी सरकार को विशेष ध्यान देने की मांग वर्षों से उठ रही है. उच्च शिक्षा क्षेत्र में भारतीय शिक्षण संस्थानों को शोध और अनुसंधान के क्षेत्र में अधिकाधिक बढ़ावा देने की जरूरत है. बजट में सरकार इस दिशा में क्या कदम उठाती है, यह भी देखने वाली बात होगी.