संयुक्त राष्ट्र : भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने संयुक्त राष्ट्र (UN) के मंच से पाकिस्तान को भारत का कड़ा जवाब दिया है. त्रिवेदी ने पाकिस्तान के झूठे दावों पर पलटवार करते हुए कहा, “जम्मू-कश्मीर हमेशा से भारत का हिस्सा था और रहेगा.
पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर UN में उठाई आवाज
पाकिस्तान किसी भी तरह से तथ्यों को बदल नहीं सकता.” त्रिवेदी ने यह बयान उस समय दिया जब पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे पर UN में अपनी आवाज उठाई थी. उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति और स्थिति स्पष्ट है, और किसी भी बाहरी दबाव या प्रभाव से भारत की संप्रभुता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. त्रिवेदी ने यह भी कहा कि पाकिस्तान को अपने आंतरिक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, बजाय इसके कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करे.
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सुधांशु त्रिवेदी ने ROR अधिकार का किया प्रयोग
संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत ने कश्मीर के मुद्दे पर अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान को जमकर लताड़ा. राज्यसभा सदस्य और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने ROR (Right to Reply) के तहत कहा, ‘‘भारत ने पाकिस्तान द्वारा की गईं टिप्पणियों पर जवाब देने के अपने अधिकार को चुना है, जिसने एक बार फिर इस प्रतिष्ठित निकाय को अपने एजेंडे से भटकाने का प्रयास किया है.’’
UN में सुधांशु त्रिवेदी की दहाड़
उन्होंने शुक्रवार को यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा की विशेष राजनीतिक एवं वि-उपनिवेशीकरण (चौथी समिति) में शांति रक्षा अभियानों पर चर्चा के दौरान ये टिप्पणियां की. त्रिवेदी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर ‘‘भारत का अभिन्न अंग था, है, और हमेशा रहेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर के लोगों ने हाल में अपने लोकतांत्रिक और चुनाव अधिकारों का इस्तेमाल किया तथा एक नयी सरकार चुनी. पाकिस्तान को ऐसी बयानबाजी और झूठ से बाज आना चाहिए क्योंकि इससे तथ्य नहीं बदलेंगे.’’
एक्स पर पोस्ट लिखकर बताई बात
त्रिवेदी ने बाद में, सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि शांति रक्षा अभियानों पर संयुक्त राष्ट्र में चर्चा के दौरान पाकिस्तान के प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा विषय पर बोलते हुए ‘‘विषय को भटकाने की कोशिश की और अनावश्यक रूप से उल्लेख किया कि संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों के साथ पाकिस्तान की भागीदारी तब शुरू हुई जब संयुक्त राष्ट्र ने 1948 में जम्मू और कश्मीर क्षेत्र में शांति सैनिकों को तैनात किया था.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताते हुए’’ उन्होंने जवाब देने के अधिकार (ROR) का इस्तेमाल किया और ‘‘मंच पर दृढ़तापूर्वक कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है, और हमेशा रहेगा.’’
UN क्यों गए थे सुधांशु त्रिवेदी?
त्रिवेदी भारत के 12 संसद सदस्यों के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा हैं जो संयुक्त राष्ट्र में विभिन्न बैठकों के लिए इस विश्व निकाय की यात्रा कर रहा है. इससे पहले, शांति रक्षा अभियानों की व्यापक समीक्षा पर एक बयान देते हुए त्रिवेदी ने कहा कि हालिया संघर्ष अधिक चुनौतीपूर्ण हैं और अब इसमें आतंकवाद तथा सशस्त्र समूह भी शामिल हैं जो अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिए स्थिति का फायदा उठा रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘भारत संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा अभियानों में सबसे बड़े सैन्य दल के के रूप में शांति रक्षा प्रयासों में योगदान देने के प्रयास में सबसे आगे है.’’