5.16 लाख की 293 रेल टिकटों के साथ 3 कालाबाजारिए वर्धा से धराए

विदर्भ
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61 जाली आईडी से करते थे सीटों के आरक्षण, 300 रुपए प्रति टिकट कर रहे थे अवैध कमाई

रवि लाखे
वर्धा :
रेल टिकटों की काला बाजारी मामले में वर्ध के दो आईआरसीटीसी एजेंटों की दो दुकानों पर छापा मार कर वर्धा रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त कार्यालय, नागपुर की टीम ने आईआरसीटीसी के 61 जाली आईडी का उपयोग कर 5,15,735 रुपए के 293 आरक्षित टिकट पकड़े.

जाली टिकटों के प्रिंट के साथ 3 कंप्यूटर और 1 लैपटॉप जब्त किया
आरपीएफ ने इस छापेमारी के साथ ही दोनों दुकानों के तीन संचालकों विशाल डांगे (28), नीलेश भोंगाले (31) और विजय मसने (34) के विरुद्ध रेल अधिनियम की धारा 143 के तहत कार्रवाई की और इन जाली टिकटों के प्रिंट के साथ 3 कंप्यूटर और 1 लैपटॉप जब्त किया. तीनों आरोपी सावंगी मेघे के ही निवासी हैं. इन तीनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया और बताया कि इन आरक्षित रेल टिकटों पर प्रति टिकट 200 से 300 रुपए ग्राहकों से कमीशन के तौर पर मिलते हैं.

वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त को मिली मुखबिर से खबर
आरपीएफ की प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त ज्योति कुमार सतीजा को शनिवार, 23 जून को किसी मुखबिर से वर्धा में टिकटों की कालाबाजारी करने वाले दो आईआरसीटीसी एजेंटों के बारे में जानकारी मिली. उन्होंने तुरंत आरपीएफ के अधिकारियों और आरक्षकों के एक दल को वर्धा भेजा और वर्धा आरपीएफ के अधिकारियों और आरक्षकों ने मिल कर शहर के बैचलर रोड स्थित ट्रैवल्स अप और सावंगी मेघे के विट एन्ड वाईट ट्रैवल्स की दुकानों पर छापा मारा और दो गवाहों के सामने उनके कंप्यूटर और लैपटॉप से जाली 61 आईडी के माध्यम से 293 आरक्षित रेल टिकटों के प्रिंटआऊट निकाले.

इस कार्रवाई में आरपीएफ की मंडल अपराध शाखा के निरीक्षक भगवान ई. ईप्पर, प्रधान आरक्षक विजय पाटिल और दीपक वानखेड़े, आरक्षक अश्विन पवार, किशोर चौधरी, नीलकंठ गोरे तथा आरपीएफ थाना, वर्धा के उपनिरीक्षक ए.के. बारले और सचिन दलाल, वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त कार्यालय के आरक्षक अमित बारापात्रे एवं अशोक खान ने भाग लिया.

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