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नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस बन सकते हैं बांग्लादेश के PM

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बांग्लादेश के विपक्षी राजनीतिक दलों से चर्चा कर अंतरिम सरकार बनाने की सेना प्रमुख की घोषणा के बाद आज अब नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस बांग्लादेश के अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री बनने खबर सामने आ रही है. आरक्षण विरोधी आंदोलन के कॉर्डिनेटर नाहिद इस्लाम ने आज कहा कि नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की रूपरेखा तैयार होगी. यूनुस ने बांग्लादेश में ग्रामीण बैंक की स्थापना की थी. गरीबी विरोधी अभियान के लिए उन्हें 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार मिला था.

नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद युनुस बांग्लादेश के अगले पीएम बन सकते हैं. उनके नाम को लेकर आम सहमति बनती दिख रही है. वह देश के मशहूर अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता हैं. पीएम पद को लेकर उनके नाम पर चर्चा तेज है. फिलहाल देश में अंतरिम सरकार में 18 लोगों को शामिल किया गया है. इस सरकार में हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों को रखा गया है. अंतरिम सरकार में बैंकिंग, वकील, पत्रकारिता, शिक्षा और इंजीनियरिंग समेत कई क्षेत्रों से जुड़े लोगों को रखा गया है.

बांग्लादेश में बीते 2 महीने से चल रहे आरक्षण विरोधी छात्र आंदोलन के बाद यहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बीते सोमवार, 5 अगस्त को पद से इस्तीफा देकर देश ही छोड़ दिया और ढाका से भारत आ पहुंचीं. उधर, राष्ट्रपति ने जेल में बंद पूर्व प्रधानम्नत्री और विपक्षी नेता खालिदा जिया को रिहा करने का आदेश दिया है. उन्हें 2018 में भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में 17 साल कारावास की सजा सुनाई गई थी.

बांग्लादेश में फिलहाल अराजकता का माहौल है. यहां बड़ी संख्या में भीड़ सड़कों पर उतरी आई है और लूटपाट व आगजनी करने में लगी है. ऐसी भी खबर है कि बांग्लादेश में रहने वाले हिंदुओं के घरों में भी आग लगाई जा रही है. हालांकि शेख हसीना की सरकार का भारत के प्रति झुकाव बहुत रहता था. मगर, जिस तरह से उनको देश छोड़कर भागना पड़ा है, इससे यह बात साफ है कि देश में कट्टरपंथी तत्वों का उदय हो रहा है. 

शेख हसीना की पार्टी इस आंदोलन के पीछे जमात-ए-इस्लामी को जिम्मेदार बताती रही थीं. उस पर पाकिस्तान का समर्थक होने का आरोप पहले भी लगता रहा है. ऐसे में वहां यदि नोबेल विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार, बनती भी है तो पाकिस्तान समर्थक तत्व उनकी कितनी सुनेंगे! हालांकि सरकार की कमान पाकिस्तान की तरह वहां भी सेना के हाथों रहनी है. मोहम्मद यूनुस एक बुद्धिजीवी और तटस्थ व्यक्ति माने जाते हैं.  

इधर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने कहा कि बांग्लादेश में मची उथल-पुथल के बीच पड़ोसी मुल्क से लगी भारतीय सीमा सुरक्षित है और लोगों को किसी भी अफवाह पर ध्यान नहीं देना चाहिए. राज्यपाल बोस ने एक ‘निगरानी समिति’ भी गठित की, जो भ्रामक सूचनाओं पर लोगों को जानकारी देने के लिए चौबीसों घंटे उपलब्ध रहेगी. वहीं भारत सरकार बंगाल का समर्थन कर रही और सीमाओं की सुरक्षा के लिए मजबूत व प्रभावी कदम उठा रही है.

उल्लेखनीय है कि इससे पहले भारत के ही पड़ोसी देश श्रीलंका में आर्थिक संकट के बाद यहां राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे की सरकार के खिलाफ हिंसक आंदोलन हुआ था. यहां भी जुलाई 2022 में ऐसी ही एक विकट स्थिति बनी थी. तब श्रीलंका के लोग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे और राष्ट्रपति भवन में घुस गए थे.

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