सेवाग्राम मेडिकल कॉलेज में प्रवेश देने के नाम पर 18 लाख की ठगी

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मेडिकल कॉलेज

रवि लाखे,
वर्धा :
सेवाग्राम स्थित मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस प्रथम वर्ष में नामांकन कराने के नाम पर मध्यप्रदेश के एक व्यक्ति को 18 लाख रुपए का चूना लगाने का आपराधिक मामला सामने आया है. सेवाग्राम पुलिस ने पीड़ित व्यक्ति की शिकायत पर दो लोगों के विरुद्ध ठगी का मामला पिछले 18 अगस्त को दर्ज कर जांच शुरू की है.

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वर्धा के विश्राम गृह में आयोजित पत्र परिषद में अपने साथ हुई ठगी की जानकारी देते राजेश मिश्रा अपने पुत्र और पत्नी के साथ.

उल्लेखनीय है कि महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज भारत का पहला ग्रामीण मेडिकल कॉलेज है, जिसे सेवाग्राम में महात्मा गांधी की कर्मभूमि में स्थापित किया गया है. इसका प्रबंधन कस्तूरबा हेल्थ सोसाइटी द्वारा किया जाता है. यह संस्थान देश के प्रमुख चिकित्सा शिक्षा संस्थानों में तीसरे क्रम का प्रतिष्ठित संस्थान है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार नीट परीक्षा में 195 अंक प्राप्त होने की बावजूद बरझर, अलिराजपुर, मध्यप्रदेश निवासी गौरव राजेश मिश्रा का किसी प्रतिष्ठित मेडिकल कॉलेज में नामांकन नहीं हो पाया था. सेवाग्राम में भी प्रवेश नहीं मिलने पर उसने आदित्य राय नामक एक व्यक्ति से फोन पर संपर्क किया. सेवाग्राम में ही उसे पता चला था कि आदित्य राय “पिछले दरवाजे” से सेवाग्राम में उसका नामांकन करवा सकता है. फोन पर आदित्य राय ने इसके लिए 25 लाख रुपए की मांग की. लेकिन बाद में 18 लाख रुपए में ऑफलाइन प्रवेश दिलाने के लिए वह तैयार हो गया.

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फर्जी रसीद की फोटोप्रति.

गौरव मिश्रा अपने पिता राजेश मिश्रा के साथ 10 लाख रुपए नगद और 2.94 लाख रुपए का डिमांड ड्राफ्ट (धनादेश) कस्तूरबा हेल्थ सोसाइटी के नाम का लेकर 19 जुलाई को नागपुर बुलाया। उसी दिन राय उन्हें वर्धा स्थित कस्तूरबा हेल्थ सोसाइटी के कार्यालय में ले गया. जहां उसने 10 लाख रुपए नगद और धनादेश जमा करवा कर एक कच्ची रसीद (पावती) पर स्टाम्प मार कर मिश्रा को दे दिया.

आदित्य राय ने उन्हें फिर 13 अगस्त को वर्धा बुलाया. वहां वे 13 अगस्त को पहुंच कर आनंद आश्रम होटल, वर्धा में ठहरे. वहां आदित्य राय एक अन्य व्यक्ति तिवारी के साथ मिश्रा परवार से मिलने आया और बाकी के 8 लाख रुपए फिर कस्तूरबा हेल्थ सोसायटी में कच्ची रसीद देकर जमा करवाया. इसके बाद मिश्रा परिवार को उसने बताया कि 16 अगस्त को गौरव मिश्रा का नामांकन हो जाएगा. इसी बीच 14 अगस्त को आदित्य राय ने फोन कर राजेश मिश्रा को बताया कि महाराष्ट्र में चारों ओर भारी बारिश होने के कारण नामांकन की तिथि आगे बढ़ा दी गई है.

इस पर राजेश मिश्रा को संदेह हुआ और उन्होंने सेवाग्राम में कुलपति डॉ. गगणे से संपर्क किया. डॉ. गगणे ने इन बातों से और इस प्रकार संस्थान में प्रवेश देने की बात से इनकार किया. साथ ही उन्होंने आदित्य राय और तिवारी नामक किसी व्यक्ति का सोसायटी अथवा मेडिकल कालेज से कोई संबंध होने की बात से भी इनकार किया.

अपने साथ धोखाधड़ी और ठगी का आभास होते ही राजेश मिश्रा ने पुलिस महानिरीक्षक से सम्पर्क किया. उन्होंने मिश्रा को सेवाग्राम पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी. राजेश मिश्रा की शिकायत पर सेवाग्राम पुलिस ने 18 अगस्त को आदित्य राय और तिवारी के विरुद्ध भादंवि की दफा 420,34 के तहत अपराध दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है.

बेटे के लिए 10 लाख रुपए कर्ज लिया था राजेश मिश्रा ने
राजेश मिश्रा ने यहां पात्र परिषद आयोजित कर पत्रकारों को अपने साथ हुई धोखाधड़ी की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पुत्र गौरव को डॉक्टर बनाने का अपना सपना पूरा करने के लिए अपनी जीवन भर की कमाई 8 लाख रुपए के साथ ही और 10 लाख रुपए कर्ज लेकर वे यहां आए थे. यहां वे बेटे को मेडिकल में प्रवेश दिलाने के नाम पर वे ठगी का शिकार हो गए.

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