अगले हफ्ते लाया जा सकता है बिल, संपत्ति कब्जा करने की मनमानी नहीं चलेगी, लगेगा अंकुश
नई दिल्ली : Waqf Act में संशोधन बिल को कैबिनेट की मंजूरी मिलने की खबर आ रही है. सूत्रों के मुताबिक अगले हफ्ते ही इससे जुड़ा बिल संसद में लाया जा सकता है. संशोधनों के अनुसार अब वक्फ बोर्ड जिस भी संपत्ति पर दावा करेगा. उसका सत्यापन करना जरूरी होगा. इसी तरह वक्फ की विवादित संपत्ति का भी सत्यापन जरूरी होगा. पूरे देश में वक्फ बोर्ड के पास काफी संपत्तियां है. ऐसा माना जाता है कि सेना और रेलवे के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक संपत्ति है.
सूत्रों की मानें तो सरकार वक्फ एक्ट में संशोधन बिल 5 अगस्त को संसद में पेश कर सकती है. मोदी सरकार में 5 अगस्त की तारीख विशेष महत्व रखती है, क्योंकि 5 अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का बिल संसद पेश किया गया था. इसके बाद 5 अगस्त 2020 को अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन पीएम मोदी द्वारा किया गया था.
इसके तहत किसी भी संपत्ति को ‘वक्फ संपत्ति’ घोषित करने और उस पर कंट्रोल करने के अधिकारों पर रोक लगाना चाहती है. सूत्रों ने बताया कि कैबिनेट ने शुक्रवार शाम को Waqf Act में 40 बदलावों पर चर्चा की. इसमें वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र की जांच करने वाले भी शामिल हैं, जो देशभर में लाखों करोड़ रुपये की संपत्ति को कंट्रोल करते हैं.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, Waqf Act में एक जो बड़ा बदलाव प्रस्तावित है, उसके अनुसार, वक्फ बोर्ड अगर किसी प्रॉपर्टी पर दावा करती है तो उसका वेरीफिकेशन यानी सत्यापन अनिवार्य रूप से किया जाएगा. वहीं जिन संपत्तियों पर वक्फ बोर्ड और किसी आम व्यक्ति के बीच लड़ाई चल रही है, तो उसमें भी वेरिफिकेशन को अनिवार्य करने का प्रस्ताव रखा गया है.
कैबिनेट के फैसलों पर शुक्रवार शाम को हुई आधिकारिक ब्रीफिंग में इस कदम का जिक्र नहीं किया गया था. हालांकि टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने संकेत दिया कि Waqf Act में बदलाव के लिए एक विधेयक अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है.
सूत्रों ने यह भी कहा कि संपत्तियों के अनिवार्य सत्यापन के दो प्रावधान, जो वक्फ बोर्ड की मनमानी शक्तियों पर रोक लगाएंगे, अधिनियम में प्रस्तावित प्रमुख संशोधन हैं. देश भर में 8.7 लाख से अधिक संपत्तियां, कुल मिलाकर लगभग 9.4 लाख एकड़, वक्फ बोर्ड के अधिकार क्षेत्र में हैं.
वक्फ बोर्ड कानून में बदलाव लोगों की मांग पर
रिपोर्ट के मुताबिक, सूत्रों ने कहा कि इस तरह के कानून की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि मुस्लिम बुद्धिजीवियों, महिलाओं और शिया और बोहरा जैसे विभिन्न संप्रदायों के लोगों ने मौजूदा कानून में बदलाव की कई बार मांग करते रहे हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव से काफी पहले से क़ानून में बदलाव पर जोर शुरू किया था. इस कारण वक्फ क़ानून में संशोधन लाने की तैयारी 2024 के लोकसभा चुनाव से काफी पहले ही शुरू हो गई थी.
उन्होंने यह भी जोड़ा कि ओमान, सऊदी अरब और दूसरे इस्लामिक देशों के कानूनों पर निगाह डालने से पता चलता है कि इनमें से किसी भी देश ने एक संस्था को इतनी व्यापक शक्तियां नहीं दी हैं.