मुंबई : महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के दिन जैसे-जैसे निकट आ रहे हैं, पक्ष-विपक्ष दोनों में राजनीतिक बुखार भी बढ़ता जा रहा है. दोनों पक्षों के गठबंधनों महायुति और महा विकास आघाड़ी में राज्य की 288 विधानसभा सीटों में चुनाव लड़ने के लिए अधिकाधिक हिस्सा हासिल करने का बुखार बढ़ता जा रहा है. इसके लिए सभी अपना-अपना फार्मूला तय करने में जुटे हुए हैं.
इधर, मंत्री पद पाने की लालच में सीएम एकनाथ शिंदे का साथ देने वाले सत्तारूढ़ पक्ष के शिवसेना (शिंदे) के विधायक और निर्दलीय विधायक भी तेवर दिखा रहे हैं. अब, जब अगले महीने ही राज्य में चुनावी आचार संहिता लागू हो जाएंगे, इन नाराज विधायकों के मंत्री पद पाने की बुखार की आंच (टेम्परेचर) भी तेज हो उठी है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे शिंदे
इसी दौर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का अचानक दिल्ली का कार्यक्रम उन विधायकों के लिए आशा की किरण बन गई है. उन्हें विश्वास है कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रिमंडल विस्तार को हरी झंडी मिलने का शुभ समाचार लेकर ही लौटेंगे.
राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सोमवार को दिल्ली जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे. समझा जा रहा है कि सीएम शिंदे राज्य के मौजूदा सियासी हालातों एवं प्रलंबित समस्याओं से प्रधानमंत्री को अवगत करा कर समाधान के लिए उनसे मार्गदर्शन एवं मदद मांगेंगे. साथ ही अब दो-तीन महीनों के लिए ही सही, कुछ असंतुष्ट विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल करने की अनुमति भी मांगेंगे.
विधायकों की नाराजगी करेंगे दूर
गौरतलब हो कि शिवसेना में ऐतिहासिक बगावत के समय कई विधायकों ने मंत्री बनने के लालच में सीएम शिंदे का साथ दिया था, लेकिन लगभग ढाई साल के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में उन विधायकों को मंत्री बनने का मौका नहीं मिला. इससे विधायकों में नाराजगी है.
विधायक संजय शिरसाट, बच्चू कडू सहित सीएम शिंदे समर्थक कई दूसरे विधायक खुलकर इसका इजहार कर चुके हैं. इनमें से कई विधायक सरकार आखिरी तीन महीनों में भी मंत्री बनने की उम्मीद पाले बैठे हैं. लोकसभा चुनाव में महायुति के निराशाजनक प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में विधायकों की इच्छा से सीएम शिंदे पीएम मोदी को अवगत कराने का प्रयास करेंगे.