मुर्शिदाबाद (प. बंगाल) : पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) की एक टीम ने सत्ताधारी दल TMC (तृण मूल कांग्रेस) विधायक के घर छापेमारी की. इससे पूर्व बुरवान के विधायक जिबोन कृष्ण साहा पर स्कूलों में शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति भ्रष्टाचार के आरोप में CBI ने भी उन्हें गिरफ्तार किया था. विधायक साहा से पांच घंटे तक चली पूछताछ के बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान अत्यंत दिलचस्प स्थिति पैदा हो गई. TMC विधायक साहा अपने आवास पर ही थे. ईडी अधिकारियों को उन्होंने जैसे ही आते देखा तो शॉर्ट्स पहने ही वे अपने आवास की चारदीवारी फांदकर भागने लगे. हालांकि ईडी अधिकारियों के साथ आए CRPF के जवानों ने दौड़ा कर विधायक को दबोच लिया.
एक एक न्यूज एजेंसी को ईडी अधिकारी ने बताया कि विधायक जिबोन को जैसे ही छापेमारी का पता चला,वे दीवार फांदकर भागने लगे. इसके बाद ईडी के अधिकारियों के साथ आए CRPF के जवानों ने पीछा किया. विधायक धान खेत में भाग रहे थे. सुरक्षा बल के जवानों ने उन्हे दौड़ाकर पकड़ लिया. धान के खेत में इस पकड़ धकड़ के दौरान उनके और सुरक्षा बल के जवानों के शरीर से कीचड़ सन गए. ईडी अधिकारी ने बताया कि विधायक के पीए के घर पर भी छापेमारी की गई है.
पकड़े जाने के बाद का विधायक का विडियो
चारदीवारी फांद कर खेतों की ओर भागने पर ईडी द्वारा पकड़े जाने के बाद विधायक जिबोन कृष्ण साहा का वीडियो भी सामने आया है, जिसमें शॉर्ट्स में हैं और उनके कपड़ों पर कीचड़ लगा हुआ है. उन्हें पकड़ कर सुरक्षाकर्मी वापस ला रहे हैं.
विधायक ने नाले में फेंक दिया था फोन
ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि विधायक द्वारा सबूत मिटाने की भी कोशिश की गई. उन्होंने अपना मोबाइल फोन घर के पास स्थित नाले में फेंक दिया था. अधिकारी ने बताया कि हालांकि दोनों फोन नाले से बरामद कर लिए गए हैं, जिन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा. यह छापेमारी कथित शिक्षक भर्ती घोटाले में भ्रष्टाचार से जुड़ी हुई है. इसकी शिकायत बीरभूम जिले के एक व्यक्ति द्वारा पैसों के लेन-देन की सूचना पर की गई है.
पहले CBI ने किया था गिरफ्तार
गौरतलब है कि इससे पहले साहा को शिक्षक भर्ती घोटाले मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. उन्हें 2024 में जमानत पर रिहा किया गया था. फिलहाल वह अभी सुप्रीम कोर्ट द्वारा दी गई जमानत पर हैं. सीबीआई मामले की जांच आपराधिक पहलू से कर रही है. वहीं ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू से मामले की जांच कर रही है.
मनी लॉन्ड्रिंग का शक
ईडी अधिकारियों ने बताया कि साहा और उनके करीबियों के ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की गई है. एजेंसी को शक है कि भर्ती घोटाले में भारी पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग हुई है और इससे जुड़े कई वित्तीय लेन-देन के सबूत साहा और उनके सहयोगियों के पास हो सकते हैं.
कई और बड़े नामों का हो सकता है खुलासा
गिरफ्तारी के बाद साहा को पूछताछ के लिए ले जाया गया है. ED का कहना है कि इस घोटाले की जांच में और भी बड़े नामों के सामने आने की संभावना है. पिछले दो वर्षों में इस घोटाले में टीएमसी के कई बड़े नेताओं पर शिकंजा कस चुका है. 2022 में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी और टीएमसी विधायक माणिक भट्टाचार्य को CBI ने गिरफ्तार किया था. 2023 में TMC युवा नेता कुंतल घोष और अब जीबोन कृष्ण साहा पर कार्रवाई हुई है. इस घोटाले ने न केवल पश्चिम बंगाल की सियासत को हिला दिया है, बल्कि TMC की साख पर भी गंभीर सवाल खड़े किए हैं.