शारदा सिन्हा

शारदा सिन्हा जूझ रही थीं बोन मैरो कैंसर से 

कला-संस्कृति
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*सीमा सिन्हा –

पटना : मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा का मंगलवार की रात निधन हो गया. वह 72 साल की थीं. कुछ दिन पहले बीमारी के चलते उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. सोमवार को तबीयत बिगड़ने पर उन्हें वेंटीलेटर पर शिफ्ट कर दिया गया था. 

शारदा सिन्हा के पुत्र अंशुमन सिन्हा ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर पोस्ट में इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया, “आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे. मां को छठी मइया ने अपने पास बुला लिया है. मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं.”

इस बीच आज यानी बुधवार को इंडिगो फ्लाइट से उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से पटना लाया गया. दोपहर बाद पटना में इसे अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. इसके पहले आज पटना के राजेंद्र नगर स्थित आवास पर शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पहुंचा. 

पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कल, यानी गुरुवार 7 नवंबर को सुबह 8 बजे गुलबी घाट पर राजकीय सम्मान का साथ शारदा सिन्हा का अंतिम संस्कार किया जाएगा. 

शारदा सिन्हा को हुआ क्या था?

शारदा सिन्हा के पति का हाल ही में ब्रेन हैमरेज से निधन हुआ था. इसके बाद से उनकी तबीयत भी खराब रहने लगी थी. साल 2018 में शारदा सिन्हा को कैंसर मल्टीपल मायलोमा बीमारी का पता लगा था. बीते दिनों उन्हें बोन मैरो कैंसर डिटेक्ट हुआ था. जिसके बाद उनका इलाज AIIMS के अंकोलॉजी मेडिकल डिपार्टमेंट में चल रहा था. बताया जाता है- मल्टीपल  मायलोमा की बीमारी, अत्यंत खतरनाक होती है.

डॉक्टरों के अनुसार मायलोमा या मल्टीपल मायलोमा एक तरह का ब्लड कैंसर है, जिसे बी सेल मालिगनेंसी भी कहते हैं. यह हमारे शरीर की ब्‍लड सेल्‍स और बोन मैरो को प्रभावित करता है. इसमें बी सेल्स एब्स नॉर्मल फंक्शन शुरू कर देते हैं. जिन भी मरीजों में ये डायग्नोस होता है उन लोगों को अक्सर कमर में दर्द या बैक पेन रहता है.

यह भी हैं मल्टीपल मायलोमा के लक्षण-

. कमर की हड्डी में दर्द, खासतौर पर स्‍पाइन, हिप्‍स या सीने में दर्द और इन्‍फेक्‍शन
. कब्ज
. उल्टी
. भूख खत्म होना
. मेंटल फॉग या कन्फ्यूजन
. थकान
. वजन घटना