करण जौहर

करण जौहर बेच रहे अपनी धर्मा प्रोडक्शन की हिस्सेदारी 

बिजनेस सिनेमा
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मुंबई : बॉलीवुड के मशहूर फिल्म निर्माता, निर्देशक करण जौहर अपनी प्रोडक्शन कंपनी धर्मा प्रोडक्शंस ऐंड धर्माटिक एंटरटेनमेंट (संयुक्त रूप से धर्मा नाम से चर्चित) की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने वाले हैं. उनकी कंपनी की यह हिस्सेदारी के खरीदार कोई और नहीं, बल्कि उनके मित्र सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्य अधिकारी अदार पूनावाला हैं. 

पूनावाला ने सोमवार को घोषणा की कि उनकी कंपनी सेरेन प्रोडक्शंस करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शंस ऐंड धर्माटिक एंटरटेनमेंट में 50 प्रतिशत हिस्सेदारी 1,000 करोड़ रुपए में खरीदेगी. धर्मा प्रोडक्शंस ने एक बयान में कहा है कि समझौते के तहत जौहर अपनी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी बरकरार रखेंगे.

अपने बयान में पूनावाला के हवाले से कहा गया, ‘मैं देश के बेहद लोकप्रिय प्रोडक्शन हाउस में से एक और अपने मित्र करण जौहर के साथ भागीदारी का मौका पाकर बेहद उत्साहित हूं. हम आशा करते हैं कि धर्मा का निर्माण और तेज विकास करेंगे तथा आने वाले वर्षों में और भी अधिक ऊंचाइयों तक पहुंचेंगे.’

कार्यकारी चेयरमैन रहेंगे करण जौहर 

कार्यकारी चेयरमैन के तौर पर जौहर कंपनी के रचनात्मक दृष्टिकोण का नेतृत्व करेंगे, जबकि मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में अपूर्व मेहता कंपनी के परिचालन पहलुओं की देखरेख में जौहर के साथ काम करेंगे.

जौहर ने एक विज्ञप्ति में कहा है, ‘आज, जब हम अदार के साथ जुड़ रहे हैं, जो एक करीबी दोस्त और एक असाधारण दूरदर्शी और नवोन्मेषक हैं. हम धर्मा की विरासत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तैयार हैं. यह साझेदारी हमारी भावनात्मक कहानी कहने की क्षमता और दूरदर्शी व्यावसायिक रणनीतियों का एक आदर्श मिश्रण है.’

इससे पहले मीडिया में आईं कई खबरों में कहा गया था कि धर्मा में जौहर अपनी हिस्सेदारी बेचना चाहते हैं. उन्होंने सारेगामा और रिलायंस इंडस्ट्रीज सहित कई बड़ी कंपनियों के साथ भी बातचीत की थी.

पिछले 17 अक्टूबर को कंपनी पंजीयक को सौंपे गए दस्तावेजों के अनुसार, धर्मा प्रोडक्शंस ने 2023-24 में 10 साल में अपना सबसे कमजोर समेकित शुद्ध लाभ दर्ज किया था.

वित्त वर्ष 2024 में कंपनी का मुनाफा एक साल पहले की तुलना में 94.5 प्रतिशत तक घटकर 59 लाख रुपए रह गया था. समेकित राजस्व भी सालाना आधार पर 50.2 प्रतिशत घटकर 520.2 करोड़ रुपए रह गया. समान समय में, कंपनी को मुख्य राजस्व में भी कमी का सामना करना पड़ा.