छत्रपति शिवाजी महाराज की छवि बिगाड़ने की कोशिश का कड़ा विरोध

अमरावती संभाग विदर्भ
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मराठा सेवा संघ, जिजाऊ ब्रिगेड, संभाजी ब्रिगेड ने कलेक्टर के समक्ष दर्ज कराई शिकायत

अमरावती : महाराष्ट्र में पांचवीं कक्षा के छात्रों के लिए बाजार में उपलब्ध हिंदी पाठ्यपुस्तक ‘व्याकरण वाटिका 5’ में छत्रपति शिवाजी महाराज को “शिवाजी वीर है, लेकिन बुद्धिमान नहीं” बता कर उनकी छवि बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है. साथ ही अमरावती में इसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है.

मराठी दैनिक “महाराष्ट्र टाइम्स” की खबर में बताया गया है कि यह पुस्तक नोएडा स्थित ‘मधुबन प्रकाशन’ ने प्रकाशित किया है और इसकी लेखिका डॉ. अनुराधा हैं. महाराष्ट्र के विभिन्न संगठनों ने पुस्तक पर शिवाजी महाराज का अपमान करने का आरोप लगते हुए प्रकाशक और लेखक पर मुकदमा दर्ज करने की मांग की है.

मराठा सेवा संघ, जिजाऊ ब्रिगेड और संभाजी ब्रिगेड ने अपनी शिकायत में कहा है कि किताब में ‘रचनात्मक गतिविधियां’ परिच्छेद चार और पांच में शिवाजी महाराज के बारे में अपमानजनक और गलत बातें लिखी हुई हैं. दोनों संगठनों ने किताब में लिखी गईं पंक्तियों- “शिवाजी से भी बढ़कर नासमझ हो. शिवाजी वीर है, लेकिन बुद्धिमान नहीं” पर कड़ी आपत्ति जताई है.

मराठा सेवा संघ, जिजाऊ ब्रिगेड और संभाजी ब्रिगेड की शिकायत के मुताबिक, यह शिवाजी महाराज की छवि को बिगाड़ने का प्रयास है. इससे हिंदू समाज की भावना को ठेस पहुंची है.

मराठा सेवा संघ ने अमरावती के कलेक्टर को पत्र लिखकर पुस्तक प्रकाशित करनेवाली संस्था और लेखक के खिलाफ कारवाई की मांग की है. इन संगठनों का कहना है कि शिवाजी महाराज शूरवीर और बुद्धिमान थे, लेकिन उनकी छवि खराब करने के लिए लेखक ने जानबूझकर ऐसा लिखा है.

शिकायतकर्ताओं की मांग है कि लेखक और प्रकाशक के खिलाफ कानूनी कारवाई की जाए और इसकी बिक्री पर रोक लगाने के साथ ही इसे पाठ्यक्रम में शामिल न किया जाए.

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