स्व. रामदीन पांडेय की कृतियां समाज को जागृत करने का प्रयास है : कुलपति डॉ. शांडिल्य

स्व. रामदीन पांडेय की कृतियां समाज को जागृत करने का प्रयास है : कुलपति...

'पंडित रामदीन पांडेय और उनकी सारस्वत साधना' पुस्तक का भव्य संस्करण मेदिनीनगर, (पलामू, झारखंड) : स्व.पंडित रामदीन पांडेय ने अपने साहित्य के माध्यम से समाज को जागृत करने का प्रयास किया था. यह प्रतिपादन श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. तपन कुमार शांडिल्य ने किया है. वे यहां गोस्वामी तुलसीदास और पंडित रामदीन पांडेय की जयंती पर 'पंडित रामदीन पांडेय और उनकी सारस्वत साधना' पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे.  कार्यक्रम का आयोजन पंडित रामदीन पांडेय अनुसंधान संस्थान और गीता प्रचार समिति के संयुक्त तत्वावधान में मेदिनीनगर स्थित होटल ग्रैंड जयश्री में किया गया था. आरंभ में डॉ. शांडिल्य सहित डॉ. जंग बहादुर पांडेय, पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी रांची विश्वविद्यालय रांची, प्रोफेसर के.के. मिश्रा, प्रोफेसर सुभाष चंद्र मिश्रा, ज्ञानचंद पांडेय, नवल तुलस्यान, बलराम तिवारी, रवि शंकर पांडे, शिवनाथ अग्रवाल, अखिलेश प्रसाद, कैलाश उरांव एवं  कृष्णकांत ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित किया. डॉ. शांडिल्य ने कहा कि एक तरफ उनकी रचनाओं में तत्सम शब्दों की समृद्धि है, जो हृदयस्पर्शी है तो दूसरी तरफ उनकी प्रस्तुतियों में जन सामान्य के जीवन को छूने की बेचैनी भी है. उनके व्यक्तित्व एवं कृतियों में संवेदना एवं हास्यबोध की प्रमुखता की झलक मिलती है. उन्होंने संपादक द्वय को पुस्तक प्रकाशन के लिए बधाई दी. साथ ही उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास को नमन करते हुए उनकी रचनाओं को मानव विज्ञान निरूपित किया.  डॉ. जंग बहादुर पांडेय ने कहा कि गोस्वामी तुलसीदास जन-जन के रग-रग में बसे हैं और उनकी कृतियां समग्र वसुधा के कल्याण और जागृति के लिए हैं. उन्होंने पंडित रामदीन पांडेय के विराट व्यक्तित्व को नमन करते हुए कहा कि उनकी सभी कृतियों का पुनर्प्रकाशन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि पंडित जी की विद्वता हमें विस्मित करती है. पुस्तक का संपादन श्रीधर द्विवेदी एवं भारतीय सेना में धर्मगुरु सह-लेखक डॉ. सत्यकेतु संजय ने संयुक्त रूप से किया है. समारोह की अध्यक्षता प्रोफेसर सुभाष चंद्र मिश्रा और संचालन डॉ. सत्यकेतु संजय ने किया.  विषय प्रवेश करते हुए श्रीधर द्विवेदी ने कहा कि यह पुस्तक पंडित रामदीन पांडेय को समझने में सहायक सिद्ध होगी और उन्हें पढ़ने की भूख बढ़ाएगी. वहीं डॉ. सत्यकेतु संजय ने पंडित रामदीन पांडेय के जीवनवृत से सभा को सुंदर तरीके से अवगत कराया. इस अवसर पर मठ ज्ञानचंद पांडेय, अधिवक्ता बलराम तिवारी, शिवनाथ अग्रवाल और शिक्षक परशुराम तिवारी ने स्व. रामदीन पांडे की सभी कृतियों केपुनर्प्रकाशन को वर्त्तमान समय के लिए आवश्यक बताया.  इस मौके पर साहित्यकार डॉ. विजय प्रसाद शुक्ल, हरिवंश प्रभात, रमेश सिंह, राकेश कुमार, अनुज पाठक, सत्यनारायण तिवारी, रामप्रवेश पंडित, गणेश पांडेय, अशोक तिवारी, भीम प्रसाद, कृष्णकांत, विकास कश्यप, आशीष भारद्वाज, नवीन तिवारी, राजू शुक्ला, शैलेश तिवारी, अनिल पांडे, लल्लू पांडेय, गोरख पाठक, ज्ञानेश तिवारी, संजय मिश्रा, संगीत तिवारी, दिलीप तिवारी के साथ वररुचि राकेश, ओंकारनाथ अग्निमित्र व विकास (बंटी) सहित काफी संख्या में आचार्य, सुधिजन व साहित्य प्रेमी उपस्थित थे. रेवती रमन की रिपोर्ट
Mines Safety

Mines Safety : खनन सुरक्षा को जीवन शैली बनाएं – मनोज कुमार

वेकोलि में Annual Mines Safety Fortnight संपन्न, उमरेड क्षेत्र को 'सान्याल मेमोरियल अवॉर्ड'  नागपुर : खान सुरक्षा महानिदेशालय तथा वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) के संयुक्त तत्वाधान में 11 अगस्त, 2023 को वार्षिक खान सुरक्षा पखवाड़ा-2022 (Annual Mines Safety Fortnight-2022) का समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन किया गया. कविवर्य सुरेश भट सभागृह, नागपुर में आयोजित समारोह में खान सुरक्षा महानिदेशक प्रभात कुमार, (खान सुरक्षा महानिदेशालय, धनबाद) मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता वेकोलि के अध्यक्ष-सह-प्रबंध निदेशक मनोज कुमार ने की. अपने अध्यक्षीय भाषण में मनोज कुमार ने कहा कि खनन कार्य में Mines Safety को एक जीवन शैली के तौर पर अपनाना चाहिए. उन्होंने नई तकनीकी के इस्तेमाल, समुचित प्रशिक्षण, जागरूकता, सुरक्षा नियमों का कड़ाई से पालन, स्वस्थ जीवन शैली आदि पर जोर दिया.  खान सुरक्षा महानिदेशक प्रभात कुमार ने अपने उद्बोधन में वेकोलि द्वारा बेहतर  Mines Safety के लिए किए गए कार्यों की प्रशंसा की. उन्होंने कहा कि सुरक्षा दैनिक कार्यों का अंग होना चाहिए. उन्होंने वेकोलि में नई तकनीकी का इस्तेमाल करने, स्टैण्डर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर को अपनाने, कार्य के दौरान जागरूक रहने आदि विषयों पर बात की.  कार्यक्रम का शुभारंभ सुरक्षा ध्वजारोहण तथा सुरक्षा ज्योति के प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. वेकोलि के शहीदों के लिए मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई. सुरक्षा शपथ का वाचन और स्वागत उद्बोधन श्री दीपक रेवतकर, महाप्रबंधक (सुरक्षा एवं संरक्षण) ने किया.    Annual Mines Safety Fortnight 2022 के समापन समारोह के निमित्त सुरक्षा प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया. वेकोलि के सभी क्षेत्रों ने Mines Safety संबंधी विषयों पर अपने स्टॉल प्रदर्शित किए. कार्यक्रम के दौरान गणमान्यों ने सुरक्षा स्मारिका का विमोचन किया. साथ ही कलाकारों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गई. कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य कर रहे कर्मियों, खदानों एवं क्षेत्रों को पुरस्कार प्रदान किए गए. इस वर्ष का 'डी.के. देशमुख मेमोरियल अवॉर्ड' पेंच क्षेत्र के प्रेम कैथवास नेहरिया को दिया गया. साथ थी नवाचार में उत्कृष्ट कार्य के लिए 'भास्कर भट्टाचार्य मेमोरियल अवॉर्ड' उकनी ओसीएम, वणी नॉर्थ क्षेत्र के ऑटो इलेक्ट्रिकल सेक्शन को दिया गया. सर्वोत्कृष्ट उत्खनन कार्यों के लिए दिए जाने वाला 'प्रकाश नंदन मेमोरियल अवॉर्ड' उमरेड ओसीएम, उमरेड क्षेत्र को दिया गया. सर्वाधिक सुरक्षित क्षेत्र को दिया जाने वाला सर्वोच्च 'सान्याल मेमोरियल अवॉर्ड' वेकोलि के उमरेड क्षेत्र को प्रदान किया गया.  इस अवसर पर खान सुरक्षा महानिदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी, वेकोलि के निदेशक तकनीकी (संचालन)/कार्मिक जे.पी. द्विवेदी, निदेशक तकनीकी (योजना एवं परियोजना) ए.के. सिंह, मुख्य सतर्कता अधिकारी अजय मधुकर म्हेत्रे, खान सुरक्षा उपमहानिदेशक, उत्तरी झोन, गाजियाबाद सतिश चिद्दरवार, खान सुरक्षा निदेशक, पश्चिमी झोन, नागपुर नीरज कुमार, खान सुरक्षा महानिदेशालय के वरिष्ठ अधिकारी गण, कोल इंडिया सेफ्टी बोर्ड के सदस्य, वेकोलि संचालन समिति एवं सुरक्षा मंडल के सदस्य प्रमुखता से उपस्थित थे।  कार्यक्रम में झंकार महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती अनीता अग्रवाल के साथ-साथ उपाध्यक्षगण तथा सदस्यों की भी उपस्थिति रही. कार्यक्रम का संचालन एस.पी. सिंह, पूर्व सलाहकार (जनसम्पर्क), श्रीमती अनुपमा टेंभुर्णीकर, वरिष्ट प्रबंधक (कार्मिक) तथा...
Mega Block

Mega Block : रद्द रहेगी नागपुर-पुणे एक्सप्रेस 30 को

लूप लाइन का होगा निर्माण, नरखेड़-काचीगुडा एक्सप्रेस भी नहीं चलेगी नागपुर : मध्य रेल के मुर्तिजापुर स्टेशन यार्ड पर लूप लाइन के लिए पॉवर व ट्रैफिक Mega Block के चलते 30 अगस्त को शाम 6 बजे से अगले दिन दोपहर 2 बजे तक जारी रहेगा. इस कारण 30 अगस्त को नागपुर से चलने वाली ट्रेन 12136 नागपुर-पुणे एक्सप्रेस और 31 अगस्त को पुणे से चलने वाली ट्रेन 12135 पुणे-नागपुर एक्सप्रेस रद्द रहेगी. मध्य रेल के अनुसार, भुसावल मंडल के मुर्तिजापुर स्टेशन यार्ड पर लूप लाइन निर्माण के लिए पॉवर व ट्रैफिक ब्लॉक के कारण कुछ ट्रेनों का परिचालन प्रभावित होगा. यह Mega Block वहीं ट्रेन 17641 काचीगुडा-नरखेड़ और 17642 नरखेड़-काचीगुडा एक्सप्रेस भी क्रमश: उपरोक्त तारीखों पर रद्द रहेगी. मालगाड़ियों के लिए बन रही लूप लाइन रेलवे की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार समय बचाने और ट्रैक खाली रखने के लिए रेलवे द्वारा अक्सर 2 मालगाड़ियों को जोड़कर एक मालगाड़ी चलाई जा रही है. ऐसे में उनकी बोगियों की कुल संख्या 100 से भी अधिक हो जाती हैं. नागपुर और भुसावल मंडलों के बीच नियमित तौर पर इस प्रकार की मालगाड़ियां चलाई जा रही हैं. इसलिए मुर्तिजापुर में लंबी लूप लाइन बनाने का निर्णय लिया गया है. इस लूप लाइन पर वैसी लंबी मालगाड़ी बिना किसी अन्य ट्रेन को प्रभावित किए खड़ी की जा सकेगी. इससे एक्सप्रेस ट्रेनों का परिचालन और समयबद्धता प्रभावित नहीं होगी. मध्य रेल के अनुसार Mega Block के दौरान लूप लाइन के लिए रेल पटरियां बिछाने का काम तेजी से समय पर पूरा कर लिया जाएगा.
मवेशी

मवेशी मालिकों के खिलाफ होगी फौजदारी कार्रवाई

चंद्रपुर मनपा ने शुरू किया छुट्टा मवेशियों को पकड़ने का अभियान   चंद्रपुर : चंद्रपुर शहर महानगरपालिका (मनपा) ने शहर में छुट्टा मवेशियों से निपटने के लिए एक अभियान शुरू किया है. मवेशियों को खुला छोड़ कर यातायात में बाधा डालने वाले मवेशी मालिकों के खिलाफ सीधी फौजदारी कार्रवाई की जाएगी. शहर की मुख्य सड़कों व अन्य सड़कों पर छुट्टा पशुओं की मौजूदगी के कारण वाहन चालकों के लिए दुर्घटना की संभावना अधिक रहती है. नगर निगम पहले ही कार्रवाई कर मवेशी के मालिकों को चेतावनी दे चुका है. लेकिन देखा गया है कि चेतावनी देने के बाद कुछ देर तक वे अपने मवेशियों पर नजर तो रखते हैं और सुनिश्चित करते हैं कि वे सड़क पर न आएं, लेकिन उसके बाद फिर अपने मवेशिओं को खुला छोड़ देते हैं. मवेशी मालिकों के इस रवैये को देखते हुए मनपा कमिश्नर विपिन पालीवाल ने इस पर गंभीरता से कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा है कि पशुपालक अपने पशुओं की उचित देखभाल करें और उन्हें सड़कों एवं सार्वजनिक स्थानों पर छुट्टा नहीं छोड़ें, अन्यथा उनके मालिकों पर सीधे फौजदारी कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए नगर निगम की उपद्रव जांच टीमें मामले पर नजर रखेंगी और लगातार यातायात में बाधा डालने वाले मवेशियों के मालिकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
seven questions

सांसदी बहाल होते ही राहुल पर महाराष्ट्र से सवालों की बौछार 

लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के बीच राहुल गांधी से प्रकाश अंबेडकर के 7 सवाल विदर्भ आपला डेस्क- लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और इंडिया गठबंधन पर महाराष्ट्र से सात प्रश्नों की अप्रत्याशित बौछार हुई है. महाराष्ट की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) ने राहुल गांधी को इन सात प्रश्नों के कठघरे में खड़ा कर दिया है. मणिपुर और नूंह की हिंसा के साथ अन्य प्रश्नों की यह बौछार मंगलवार, 8 अगस्त को तब की गई है, जब लोकसभा में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू हुई.  वीबीए अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने ट्विटर पर यह सवाल दागते हुए कहा, 'चूंकि कांग्रेस कल लोकसभा में राहुल गांधी की संसद की सदस्यता बहाल होने का जश्न मना रही थी, इसलिए मुझे दो काफी वैध मुद्दों और सवालों पर कांग्रेस का ध्यान आकर्षित करने की अनुमति दें.' उन्होंने पूछा है कि कांग्रेस और उसके सहयोगी कब दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों और ओबीसी के मुद्दों को उठाएंगे. मणिपुर और हरियाणा के नूंह की हिंसा पर राहुल गांधी, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के आधे-अधूरे रवैए के साथ कथित तौर पर राजनीति किए जाने के लिए भी उन्हें आड़े हाथों लिया है.  Since the INC was busy celebrating @RahulGandhi’s reinstatement as an MP in the LS yesterday, allow me to divert @INCIndia’s and their allies’ attention to very legitimate issues and questions as a former 2-time MP. When will the INC and its allies raise the real affairs and… pic.twitter.com/Nuq0XKBYC9— Prakash Ambedkar (@Prksh_Ambedkar) August 8, 2023 प्रकाश आंबेडकर ने अपना सवाल रखते हुए पूछा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी कब दलितों, आदिवासियों, मुसलमानों और ओबीसी के मुद्दों को उठाएंगे. उन्होंने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी समेत तमाम विपक्षी दलों ने आधे-अधूरे मन से मणिपुर हिंसा और नूंह की घटनाओं पर प्रतिक्रियाएं दी, जो बहुत देर से आई और इसमें राजनीति की बू आ रही है. प्रकाश अंबेडकर ने राहुल गांधी से पूछे कौन से 7 सवाल? 1- उन्होंने कांग्रेस और सहयोगियों से पूछा है कि वे मणिपुर संकट पर वास्तविक सवाल कब उठाएंगे? वहां हिंदू मैतेई को एसटी का दर्जा क्यों दिया गया, किस पार्टी ने प्रक्रिया शुरू की, और अब उनका (राहुल एवं विपक्षी गठबंधन का) रुख क्या है. 2- आंबेडकर ने यह बताने की मांग की है कि कांग्रेस ने कठोर डेटा संरक्षण विधेयक पर बहस में भाग क्यों नहीं लिया, जिसे सरकार ने खाना पहुंचाने वाले ऐप से ऑर्डर की डिलीवरी से भी तेज गति से लोकसभा में पारित कर दिया.  3- आंबेडकर का अगला निशाना- 'कांग्रेस लैपटॉप के आयात पर प्रतिबंध लगाने की नीति पर सरकार को कब घेरने जा रही है, जो सीधे तौर पर एक विशेष विनिर्माण उद्यम को मदद करती है, जिसके शेयर अब बढ़ गए हैं? 4- वह यह भीपूछते हैं कि...
राहुल गांधी

घुटनों पर आने और मातोश्री में मत्था टेकने नौबत आ चुकी राहुल गांधी के...

अकड़ ढीली पड़े तभी विपक्षी एकता पर पकड़ बना सकेंगे कांग्रेस के युवराज  *कल्याण कुमार सिन्हा- भारत यात्रा के दौरान भी एक के बाद एक गलतियां करने और झटके पर झटकों से भी उन्हें कुछ फर्क नहीं पड़ा था. लेकिन, अब कांग्रेस के लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता अभियान में अलग-थलग पड़ते जाने और सांसदी छिन जाने के साथ ही कैद की सजा से उत्पन्न विषम परिस्थितियों ने राहुल गांधी को घुटनों की ओर लौट चलने के संकेत दे दिए हैं.  और, इसके साथ ही उनके लिए मुंबई जाकर मातोश्री में मत्था टेकने की नौबत भी आ गई है. गांधी परिवार के राहुल गांधी पहले सदस्य हैं, जिन्हें अब मातोश्री की दहलीज लांघनी पड़ रही है. कांग्रेस महासचिव के.सी. वेणुगोपाल इसी सिलसिले में मुंबई पहुंच चुके हैं. समझा जाता है कि वे वहां उद्धव ठाकरे और उनके सहयोगियों से मिलकर राहुल गांधी के लिए मुलाकात का दिन और चर्चा के संदर्भ तय करने वाले हैं.  शरद पवार 2024 के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस को मुख्य धारा में आने और विपक्षी एकता में शामिल होने का यह मार्ग शरद पवार ही सुझाया है. पिछले दिनों नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के निवास पर शरद पवार ने राहुल को बता दिया कि उनकी बचकानी टिप्पणियों और प्रधानमंत्री मोदी पर अनावश्यक छींटाकशी के साथ उद्योगपति अडानी को लेकर जेपीसी गठन की मांग जैसे मामलों को टूल देकर कुछ भी हासिल नहीं होगा. पवार ने  राहुल को यह अहसास भी दिलाया कि स्वातंत्र्यवीर सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणी कर उन्होंने महाराष्ट्र में अपनी पार्टी के साथ महाविकास आघाड़ी गठबंधन को भी कितना बड़ा आघात पहुंचाया है.  समझा जाता है कि महाराष्ट्र के दिग्गज नेता के साथ पिछले ही बुधवार की मुलाकात से उनके ज्ञान चक्षु खुलने लगे हैं और यह भी समझ आया है कि उनकी राजनीतिक सोच कितनी कच्ची है. सभी मोदी सरनेम वालों को चोर बताने के मामले में अपनी लोकसभा की सदस्यता खो चुके राहुल पर दो वर्षों की कैद की सजा की तलवार अभी झूल रही है. इस झटके ने उनकी राजनीतिक अकड़ थोड़ी ढीली तो कर ही दी है. आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी एकता पर अपनी पकड़ बनाने के लिए पवार ने उन्हें घुटनों के बल चलने की जरूरत भी ठीक से समझा दी है.  देश के महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. वीर सावरकर पर अपमानजनक टिप्पणी कर राहुल गांधी समझ बैठे थे कि उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के मर्म और उसकी हिंदुत्ववादी छवि को उध्वस्त कर दिया है. ऐसा कर उन्होंने इस बात की भी परवाह नहीं की कि महाराष्ट्र की महाविकास आघाड़ी गठबंधन के अपने प्रमुख सहयोगी उद्धव ठाकरे की शिवसेना को भी गहरा आघात पहुंचाया है. उनकी ऐसी घटिया टिप्पणी के कारण उद्धव ठाकरे राज्य में सत्तारूढ़ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा के निशाने पर आ गए और उन्हें यह जवाब देना मुश्किल हो गया कि वीर सावरकर के ऐसे अपमान करने वाली पार्टी के साथ वे...
Higher Pension

Higher Pension में EPFO का एक और अड़ंगा नाकाम 

पैरा 26(6) के तहत चुने गए विकल्प की प्रतियां पेंशनर्स द्वारा प्रस्तुत करने की बाध्यता समाप्त *विदर्भ आपला डेस्क-केरल हाई कोर्ट ने पिछले  बुधवार, 12 अप्रैल को EPFO की चालों को निष्फल करते हुए EPS 95 पेंशनर्स के पक्ष में फैसला सुनाया है. इस फैसले ने Higher Pension के लिए EPFS, 1952 के पैरा 26(6) के तहत चुने गए विकल्प की प्रतियां पेंशनर्स द्वारा प्रस्तुत करने की बाध्यता समाप्त कर दी है. साथ ही, न्यायमूर्ति जियाद रहमान एए ने अंतरिम आदेश (डब्ल्यूपी-सी नंबर 8979/23 और अन्य) में निर्देश दिया कि EPFO और उसके अधीन आने वाले प्राधिकरण फिलहाल अपनी ऑनलाइन सुविधा में कर्मचारियों या पेंशनभोगियों को सक्षम बनाने के लिए पर्याप्त प्रावधान करें. यह भी स्पष्ट किया कि EPFS, 1952 के पैरा 26(6) के तहत चुने गए विकल्प की प्रतियां प्रस्तुत किए बिना सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार विकल्प प्रस्तुत करें. अदालत ने आगे निर्देश दिया कि यदि ऑनलाइन सुविधा में उचित संशोधन नहीं किए जा सकते हैं तो विकल्पों की हार्ड कॉपी जमा करने की अनुमति सहित व्यवहार्य वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए या दी जानी चाहिए. अदालत ने 10 दिनों के भीतर आवश्यक व्यवस्था करने का आदेश दिया है. अदालत के 10 दिनों के भीतर आवश्यक व्यवस्था करने के आदेश को EPFO को लागू करना है. लेकिन इतिहास गवाह है कि अदालतों के आदेशों से बच निकलने की राह बनाने में EPFO की चालें भी सफल होती रही हैं. हालांकि इसमें सुप्रीम कोर्ट के पिछले फैसले ने भी इस 'स्वघोषित दुनिया के सबसे बड़े सामाजिक सुरक्षा चलाने वाले सरकारी संगठन' EPFO को अपनी धूर्तता बरकरार रखने में सहयोग किया है, तथापि न्याय प्रक्रिया को हायर पेंशन मामले में निष्फल बनाने की उसकी चाल एक बार फिर नाकाम तो हुई है, लेकिन इस आशंका को दरकिनार नहीं किया जा सकता कि EPFO इसे भी निष्फल करने के लिए फिर कोई नई चाल चल सकता है. केरल उच्च न्यायालय का बुधवार, 12 अप्रैल का आदेश EPFO के इन्हीं चालों को न केवल उजागर किया है, बल्कि एक बार फिर लाचार और कमजोर वयोवृद्ध पेंशनर्स में Higher Pension पाने की आस जगाई है. अदालत ने इस योजना के पहले के लिए चुने जाने के प्रमाण पर जोर दिए बिना पेंशनर्स और कर्मचारियों को Higher Pension के लिए योगदान करने की अनुमति देने का भी आदेश दिया है. Higher Pension के लिए देश के 70 लाख EPS 95 पेंशनर्स का संघर्ष जारी है. वे ऑनलाइन फॉर्म दाखिल करने में जुटे हैं. इसकी भी तिथि आगामी 3 मई 2023 को समाप्त हो जाएगी. ऐसे में केरल हाई कोर्ट के 10 दिनों के भीतर अर्थात आगामी 22 अप्रैल 2023 तक यदि ऑनलाइन सुविधा में उचित संशोधन, अथवा विकल्पों की हार्ड कॉपी जमा करने की अनुमति देने के आदेश का अनुपालन EPFO करता है, अथवा पहले की भांति कोई और पेंच लगाता है, यह देखना है.
राजभाषा

राजभाषा हिंदी की विलक्षणता से परिचित कराती पुस्तक

 नवोन्मेषी आयामों का अभिलेख है 'राजभाषा हिन्दी के अभिनव आयाम' इंटरनेट के इस 'टेक्नो युग' में राजभाषा हिंदी भी तकनीक से समृद्ध हो चुकी है. तकनीक से जुड़े ज्यादातर आयामों और प्रारूपों को हिंदी आत्मसात कर चुकी है. इससे पता चलता है कि नवीनतम प्रौद्योगिकी को ग्राह्य करने की हिंदी की क्षमता विलक्षण है. तकनीक के इन्हीं नवोन्मेषी आयामों का अभिलेख है श्री राहुल खटे जी की यह पुस्तक 'राजभाषा हिंदी के नवोन्मेषी आयाम". उनकी यह पुस्तक बताती है कि हिंदी में विभिन्न विषयक काम काम करने के लिए कौन-कौन से सॉफ्टवेयर विकसित कर लिए गए हैं. इनसे जुड़ने के लिंक क्या हैं और इन्हें प्रयोग में कैसे लाते हैं... मजे की बात है कि यह सभी सॉफ्टवेयर निःशुल्क इंटरनेट (अंतरजाल) पर उपलब्ध हैं. अर्थात इन्हें सीखने के लिए अपनी जेब में हाथ डालने की जरूरत ही नहीं है... -प्रमोद भार्गव  *पुस्तक समीक्षा : डॉ. कंचनमाला बाहेती (रांदड़) मैंने राहुल खटे जी की पुस्तक 'राजभाषा हिंदी के नवोन्मेषी आयाम' पढ़ी और मैं इससे बहुत प्रभावित हूं. विभिन्न विषयों पर यह शोध परक कृति लेखक के गहन अध्ययन और गहन बुद्धि का प्रतिबिंब है. निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल।बिन निज भाषा-ज्ञान के, मिटत न हिय को सूल।।विविध कला शिक्षा अमित, ज्ञान अनेक प्रकार।सब देसन से लै करहू, भाषा माहि प्रचार।। भावार्थ:निज यानी अपनी भाषा से ही उन्नति संभव है, क्योंकि यही सारी उन्नतियों का मूलाधार है।मातृभाषा के ज्ञान के बिना हृदय की पीड़ा का निवारण संभव नहीं है।विभिन्न प्रकार की कलाएं, असीमित शिक्षा तथा अनेक प्रकार का ज्ञान,सभी देशों से जरूर लेने चाहिये, परन्तु उनका प्रचार मातृभाषा के द्वारा ही करना चाहिए। (विकिपीडिया से) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र जी के इन्हीं शब्दों के अनुसार लेखक ने इस पुस्तक में बताया है कि अपनी भाषा में तकनीकी ज्ञान भी प्राप्त करना कितना आवश्यक है. 'भारत की शिक्षा नीति एवं राजभाषा नीति' लेख में यह स्पष्ट किया गया है कि शिक्षा नीति में भाषा को उचित सम्मान दिया जाना चाहिए तथा हमें अपनी संस्कृति के महत्व को भी समझना चाहिए. लेखक ने हिंदी में विज्ञान-तकनीकी साहित्य की उपलब्धता और पाठ्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए स्पष्ट कहा है कि अपनी मातृभाषा या राष्ट्रभाषा में ज्ञान प्राप्त करना आसान है और हम हिंदी को रोजगार की भाषा बना सकते हैं. रोजगार की दृष्टि से आज हिन्दी समृद्ध है. लेखक भारतीय स्टेट बैंक में राजभाषा अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं और हिंदी भाषा, अध्ययन और चिंतन में विशेष रुचि रखते हैं. भारतीय भाषाओं में उपलब्ध वैज्ञानिक और तकनीकी शब्दों के परिचय के साथ-साथ अंग्रेजी भाषा में प्रचलित शब्दों की उत्पत्ति संस्कृत और अन्य भाषाओं से कैसे हुई है, यह भाषा विज्ञान के सिद्धांतों के आधार पर सिद्ध हुआ है. अनेक उदाहरणों से यह स्पष्ट किया जा चुका है कि अनेक शब्द प्रथम दृष्टया अंग्रेजी या लैटिन भाषा के प्रतीत होते हैं, पर मूलत: वे भारतीय भाषाओं से लिए गए हैं. 'बैंक' शब्द भी भारतीय शब्द 'बनिक' से 'बैंक' बना है. लेखक...
शिवशाही

शिवशाही एसी बस में लगी आग, बाल- बाल बचे यात्री

यात्रियों के सामान सहित संपूर्ण बस जलकर खाक *ब्रजेश तिवारी-कोंढाली : नागपुर से अमरावती जा रही राज्य परिवहन महामंडल (एसटी) की वातानुकूलित (एसी) शिवशाही बस में अचानक आग लग गई. कोंढाली से 2 कि.मी पर चमेली क्षेत्र में श्री साईबाबा मंदिर के सामने यह भीषण हादसा हुआ. सौभाग्य से बस में सवार 16 यात्री तथा बस के चालक-वाहक (कंडक्टर) बच गए, लेकिन कुछ यात्रियों के सामान सहित संपूर्ण बस जलकर खाक हो गई. बस चालक अब्दुल जहीर (43, कामठी निवासी) ने बताया कि गणेशपेठ एसटी डिपो की यह नागपुर-अमरावती शिवशाही बस (क्रमांक एमएच 06 बी डब्ल्यू 0788) सोमवार, 4 अप्रैल की सुबह 8 बजे नागपुर से अमरावती के लिए रवाना हुई थी. शिवशाही बस की आग बुझाते लोग. (सभी फोटो - ब्रजेश तिवारी) उन्होंने बताया कि नागपुर-कोंढाली के बीच कोंढाली से 2 कि.मी. की दूरी पर चमेली क्षेत्र में श्री साईबाबा मंदिर के सामने उन्हें शिवशाही बस के इंजन में आग नजर आई. उन्होंने तत्काल बस को महामार्ग के किनारे रोक दिया और कंडक्टर उज्जवला देशपांडे (40, नागपुर निवासी) की मदद से सभी यात्रियों को जल्दी-जल्दी बस से उतारा. बस चालक ने बताया कि सौभाग्य से बस में कोंढाली के 2, तलेगांव के 5 तथा अमरावती के 9 मिलाकर सिर्फ 16 यात्री ही सवार थे. देखते-देखते बस धू-धू कर जलने लगी. इस कारण कई यात्रियों के सामान बस से निकालने तक का समय किसी को भी नहीं मिला. बस को आग लगते ही नागपुर से कोंढाली की ओर आ रहे नागपुर के सामाजिक कार्यकर्ता गणपतराव घोटे ने तत्काल घटना की जानकारी नागपुर जिला कांग्रेस की नेता सुनिता गावंडे को दी तथा राहत तथा बचाव के कार्य में वह अपने साथियों के साथ जुट गए. सुनीता गावंडे ने घटना की जानकारी कोंढाली पुलिस को तथा कोंढाली के सामाजिक कार्यकर्ताओं को दी. कोंढाली के थानेदार पंकज वाघोडे और हे.कॉ. भोजराज तांदुलकर पुलिस कर्मचारियों के साथ घटनास्थल पहुंचे. कोंढाली के कई स्थानीय युवकों ने साईं मंदिर से पानी लेकर आग बुझाने का प्रयास किया पर वह सफल नहीं हुआ कोंढाली पुलिस ने सोलर एक्सप्लोसिव, इकोनॉमिक एक्सप्लोसिव तथा काटोल नगर परिषद की कुल तीन फायर ब्रिगेड की गाड़ियों से पानी की बौछार कर आग पर काबू पाया, पर तब तक यात्रियों के सामान सहित संपूर्ण शिवशाही बस जलकर खाक हो गई. बस के एक महिला यात्री पद्मा वाकोडे (63, अजनी चौक नागपुर निवासी) ने बताया कि वह बस से नागपुर से अमरावती जा रही थी. वह बस में पीछे बैठी थी, बस रुकते ही आग भड़क गई, किसी तरह वह तो सही सलामत बस से उतर गई, पर बस में रखी बैग निकालने तक का समय न मिलने के कारण उनके तीन तोले सोने के मंगलसूत्र सहित सामान जलकर खाक हो गया. बस के चालक अब्दुल जहीर ने बताया की चमेली में साई मंदिर के सामने का चढ़ाव चढ़ते समय बस के इंजन में आग लगी. यात्रियों से बस खाली कराते ही...
महाकाली

महाकाली यात्रा पर निर्माल्य के लिए कलशों की व्यवस्था

चंद्रपुर मनपा प्रशासन ने जुटाए महाकाली श्रद्धालुओं के सुविधा के समस्त संसाधन  चंद्रपुर : सोमवार 27 मार्च से 6 अप्रैल तक चलने वाली "देवी महाकाली" यात्रा की तैयारी  महानगरपालिका आयुक्त एवं प्रशासक विपिन पालीवाल की देखरेख में पूरी हो चुकी है.  चंद्रपुर महानगर पालिका प्रशासन ने श्रद्धालुओं के सुविधा के समस्त साधन जुटाए हैं. यात्रा के दौरान भक्तों द्वारा बड़ी संख्या में फूलों की माला चढ़ाई जाती है. उक्त निर्माल्य को अन्यत्र कहीं भी फेंकने से पर्यावरण में कूड़ा पैदा होने से रोकने का भी उपाय किया गया है. इसके लिए नगर निगम ने 7 निर्माल्य कलशों का निर्माण किया है. श्रद्धालुओं को नहाने के लिए साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए फुहारों के माध्यम से स्नान की व्यवस्था की जा रही है. महानगर पालिका प्रशासन ने जरपत नदी के तल से एकोरनिया के पौधों को हटाकर नदी तल की सफाई करा दी है. बैल बाजार क्षेत्र में पतंगा की पूरी तरह से सफाई कर दी गई है और महाकाली के श्रद्धालुओं के लिए इस क्षेत्र में मांडव भी रखा गया है. महाकाली यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं के पीने के लिए विभिन्न चौराहों पर 1000 लीटर क्षमता की 15 पेयजल टंकियां स्थापित की जा रही हैं तथा भूमिगत पाइप बिछाकर तथा पानी के नल लगाकर पानी के टैंकर भी तैयार रखे जा रहे हैं. महाकाली के श्रद्धालुओं को नहाने के लिए साफ पानी उपलब्ध कराने के लिए फुहारों के माध्यम से स्नान की व्यवस्था की जा रही है और सुलभ शौचालय, प्री-कास्ट और मोबाइल शौचालयों की व्यवस्था की गई है. श्रद्धालु यात्रा क्षेत्र के साथ-साथ सांड बाजार क्षेत्र, पंजाबी वाडी और पूरे यात्रा क्षेत्र में मंडप बनाया गया है. नि:शुल्क प्राथमिक चिकित्सा सेवा के लिए नगर निगम की स्वास्थ्य टीम पूरे समय मौजूद है और एंबुलेंस 24 घंटे उपलब्ध है. नगर पालिका के 7 विद्यालयों को प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नागरिकों की निकासी के लिए आरक्षित किया गया है. महाकाली यात्रा के दौरान नगर निगम के उपद्रव नियंत्रण दल द्वारा महाकाली मंदिर क्षेत्र में दुकानदारों द्वारा कूड़ा पैदा होने से रोकने के लिए नियमित निरीक्षण किया जा रहा है और इस तरह के निर्देश दुकानदारों को दिए गए हैं.  आने-जाने वाले वाहनों के जाम से बचने के लिए जरपत बांध, कोहिनूर मैदान, बेलबाजार क्षेत्र, गौतम नगर सुलभ शौचालय और राजकीय शिक्षक महाविद्यालय के पास पार्किंग की व्यवस्था की गई है. उक्त महाकाली मंदिर यात्रा 6 अप्रैल तक चलेगी और नगर निगम प्रशासन ने नागरिकों से इस पर्व में प्रशासन का सहयोग करने का अनुरोध किया है. महाकाली महाकाली