समन्वय

‘समन्वय’ मंत्र है हिंदी सहित सभी 22 राजभाषाओं की समृद्धि का

भाषा और शब्दों की शक्ति एवं श्रेष्ठता पहचानने की जरूरत *कल्याण कुमार सिन्हा- आजादी के 75 साल हो चुके, फिर भी राष्ट्रभाषा हिंदी के साथ देश की अन्य सभी भाषाएं समुचित प्रतिष्ठा पाने से वंचित हैं. हमारे देश की भाषा और संस्कृति, उनकी विविधताएं एक उस सुन्दर बाग की तरह हैं, जिसमें रंग-बिरंगे और विविध […]

Continue Reading
भाषा

भाषा के बहाने झारखंड में फिर विद्वेष की राजनीति

अल्पसंख्यक भाषाई समुदाय को शासकीय नौकरी, सुविधाओं से वंचित करने का प्रयास *कल्याण कुमार सिन्हा- सियासत : बिहार से अलग हुए झारखंड को 21 साल हुए हैं. इन वर्षों में झारखंड की सत्ता में मुख्य रूप से भारतीय जनता पार्टी और झारखंड मुक्ति मोर्चा का ही वर्चस्व रहा है. अकूत खनिज सम्पदा और बड़े उद्योगों […]

Continue Reading