उसे हत्या की कोशिश, अपहरण मामले में 10 महीने पहले दिल्ली पुलिस ने किया था गिरफ्तार
नई दिल्ली : हरियाणा के रेवाड़ी के प्राणपुरा में जन्मे विकास यादव अब अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (FBI) द्वारा आतंकवादी खालिस्तानी गुरपवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में वांछित है. अमेरिकी अभियोग पत्र में कहा गया है कि 39 साल के पूर्व भारतीय सरकारी कर्मचारी विकास यादव को ‘विकास’ और ‘अमानत’ के उपनाम से भी जाना जाता है.
अमेरिकी एजेंसी FBI के अभियोग पत्र में कहा गया कि विकास यादव भारत का नागरिक और निवासी है. वह काफी समय भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था. जिसमें भारत की विदेशी खुफिया सेवा, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) का मुख्यालय है.
विकास का कोई वास्ता नहीं – भारत सरकार
भारत ने FBI के इस वांछित विकास यादव के बारे में स्पष्ट कर दिया है कि उस व्यक्ति से भारत सरकार का कोई वास्ता नहीं है. अहम बात यह है कि भारत ने गुरपतवंत सिंह पन्नू को आतंकी घोषित किया हुआ है, उसे भारत की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है.
दूसरी ओर आतंकी पन्नू की हत्या की साजिश रचने के आरोप में अमेरिकी संघीय जांच एजेंसी FBI ने जिस विकास यादव को वांटेड घोषित किया है, उसे अब से दस महीने पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हत्या की कोशिश और अपहरण के आरोप में गिरफ्तार किया था. विकास के साथ एक और शख्स भी दिसंबर 2023 में दर्ज उस मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में मार्च में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की थी और अप्रैल 2024 में विकास को बेल मिल गई थी.
रोहिणी के रहने वाले एक व्यापारी ने दिसम्बर 2023 में पुलिस को शिकायत दी थी कि उसके एक जानकार ने एक महीने पहले नवम्बर 2023 में विकास यादव को उससे मिलवाया था और कहा था कि ये एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी है. व्यापारी का काम इन्फार्मेशन टेक्नोलॉजीज से जुड़ा है, इसलिए उसके कई कांटेक्ट पश्चिम एशिया में है. व्यापारी ने पुलिस को बताया कि दोनों ने एक-दूसरे से नंबर शेयर किए थे.
दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई. व्यापारी की शिकायत के मुताबिक विकास अकसर उसके काम और दोस्तों के बारे में पूछता था. उसके मुताबिक विकास ने उसे ये भी बताया था कि वह अंडर कवर एजेंट का काम करता है. लेकिन काम और दफ्तर की जानकारी कभी साझा नहीं की थी. व्यापारी ने जो शिकायत पुलिस को दी थी उसके मुताबिक 11 दिसंबर को विकास ने उन्हें फोन किया और कहा किसी मुद्दे पर बात करनी है और लोधी रोड आ जाओ. जब वह लोधी रोड पहुंचा तो वहां पर विकास के साथ एक और शख्स था. जिसके बाद वह जबरन अपहरण कर डिफेंस कॉलोनी के फ्लैट में व्यापारी को ले गए और वहां पर उसे विकास ने उससे कहा कि लॉरेंस बिश्नोई ने उसे खत्म करने की सुपारी दी है.
इसके बाद विकास के साथी ने व्यापारी के सिर पर मारा उसकी सोने की चेन और अंगूठियां ले ली. फिर व्यापारी के साथ एक कैफे पर गए और वहां पर जो भी कैश था वह लेकर विकास और उसके साथी निकल गए और व्यापारी को सड़क के किनारे छोड़ गए. साथ-साथ धमकी दे गए कि अगर किसी से शिकायत किया तो ठीक नहीं होगा. इसके बाद व्यापारी ने दिल्ली पुलिस से शिकायत की दिल्ली पुलिस ने इस मामले में जान से मारने की कोशिश, आपराधिक साजिश और अपहरण की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया और विकास और उसके साथी को 18 दिसंबर को गिरफ्तार कर लिया.
दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आरोप पत्र का हवाला देते हुए बताया कि “अपने खुलासे में, यादव ने पुलिस को बताया था कि उसके पिता सीमा सुरक्षा बल में काम करते थे, और 2007 में उनकी मृत्यु हो गई. यादव की शादी 2015 में हुई थी. वह (शिकायतकर्ता) एक सामाजिक समारोह में मिले और उसका अपहरण करने के बाद पैसे कमाने का फैसला किया. उसका सहयोगी, जो एक कार डीलर के रूप में काम करता है, ने पुलिस को बताया कि वह अपने व्यवसाय में वित्तीय घाटे का सामना कर रहा था और दोनों को पैसे की जरूरत थी, इसीलिए वह उसकी (यादव की) योजना में शामिल होने का फैसला किया.”
अमेरिका की दोहरी चाल
जिस खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश रचने का आरोप अमेरिका के FBI ने विकास यादव नाम के एक भारतीय पर लगाया है. वह पन्नू अमेरिका में बैठकर भारत विरोधी गतिविधियां चलाने वाले और खालिस्तानी आंदोलन को जिंंदा करने के लिए बनाए गए सिख फॉर जस्टिस का करता-धरता है. उसके खिलाफ अमेरिका कोई कारवाई नहीं करता. गुरपतवंत सिंह पन्नू आए दिन सोशल मीडिया के जरिए भारत को धमकी देता रहता है, इस पर भी अमेरिका चुप्पी साधे रहता है. सबसे खास बात, अमेरिका को भी यह बात पता है कि पन्नू की भारत विरोधी गतिविधियों के पीछे पाकिस्तान का पूरा हाथ है. वही पन्नू का गॉडफादर है, इसके बावजूद अमेरिका कुछ नहीं बोलता.