पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से निकाला ममता ने, पार्टी पदों से भी हटाया 

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पार्थ चटर्जी

चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी ने बताया, ‘पार्थ उसके घर को “मिनी-बैंक” की तरह इस्तेमाल करते थे’

कोलकाता : शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने मंत्रिमंडल से निकाल दिया है. इसके साथ ही पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी बड़ा फैसला लिया है और घोटाले में लिप्त आरोपी पार्थ चटर्जी को पार्टी के सभी पदों से भी हटा दिया गया है. 

पार्थ चटर्जी
पार्थ चटर्जी को मंत्रिमंडल से निकाले जाने की पश्चिम बंगाल सरकार की अधिसूचना .

कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पार्थ चटर्जी को टीएमसी के महासचिव, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और तीन अन्य पदों से हटा दिया गया है. जांच जारी रहने तक उन्हें निलंबित कर दिया गया है.
 
दरअसल उनकी गिरफ्तारी के बाद सीएम ममता बनर्जी विपक्ष के निशाने पर आ गई थीं और उन पर पार्थ चटर्जी के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ गया था. आज मंत्रिमंडल की बैठक के बाद पार्थ चटर्जी को मंत्री पद से हटा दिया गया. इस संबंध में बंगाल सरकार की ओर से आदेश जारी किया गया.

चौतरफा दबाव के बाद आखिर ममता बनर्जी को चटर्जी को अपने मंत्रिमंडल से बाहर करना पड़ा है. लेकिन उन्हीं की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने चटर्जी को पार्टी से भी बाहर किए जाने की मांग कर दी थी. 

पार्थ उसके घर में पैसे जमा कर “मिनी-बैंक” की तरह इस्तेमाल करते थे : अर्पिता 

वहीं अर्पिता मुखर्जी ने कथित तौर पर दावा किया कि टीएमसी मंत्री पार्थ चटर्जी उसके घर में पैसे जमा करते थे और इसे “मिनी-बैंक” की तरह इस्तेमाल करते थे. सूत्रों ने कहा कि अर्पिता मुखर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया है कि “सारा पैसा एक कमरे में रखा जाता था, जिसमें केवल पार्थ चटर्जी और उनके लोग ही प्रवेश करते थे.” सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक छापे में मिले अकूत कैश के मामले में अर्पिता ने कबूल किया है कि घर में मौजूद सारा पैसा पार्थ चटर्जी का था.

स्टैंड बदला ममता बनर्जी ने 

इससे पहले सीएम ममता बनर्जी ने चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद कहा था कि अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसे सजा दी जानी चाहिए. पार्टी भी कार्रवाई करेगी, लेकिन हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है. एक समय सीमा होनी चाहिए, जिसके अंदर सच और अदालत का फैसला सामने आना चाहिए. अगर कोई दोषी साबित होता है तो उसे सजा दी जानी चाहिए. मैं अपने खिलाफ दुर्भावनापूर्ण अभियान की आलोचना करती हूं.’ इसके साथ ही  इस घोटाले में पार्थ चटर्जी का नाम और उनकी गिरफ्तारी से लेकर अब तक ममता बनर्जी ने इस मामले में चुप्पी साध रखी थी.

ईडी की हिरासत में पार्थ चटर्जी और अर्पिता 

शिक्षक भर्ती घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया है. सोमवार को कोलकाता की कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों को 10 दिन की हिरासत में भेज दिया. ईडी ने चटर्जी की 14 दिनों की न्यायिक हिरासत मांगी थी.

इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी की करीबी अर्पिता मुखर्जी के घर पर छापा मारकर 20 करोड़ रुपए और जेवर बरामद किए थे. वहीं बुधवार को भी अर्पिता मुखर्जी के तीन अन्य ठिकानों पर भी दबिश दी गई, जहां से करीब 20 करोड़ कैश और 3 किलो सोना बरामद किया गया था.

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