जयपुर में 32 जीका मामलों की पुष्टि

खतरनाक वायरस का प्रकोप बढ़ रहा है भारत में नई दिल्ली : भारत में जीका वायरस का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ रहा है. अकेले राजस्थान की राजधानी जयपुर मे 32 मामलों की पुष्टि हुई है. पहला मामला 23 सितंबर को सामने आया था. केंद्रीय स्वास्थ्य जे.पी. नड्डा ने सात लोगों के एक पैनल का गठन किया है, जो जयपुर मे जीका वायरस के बढ़ते इस प्रकोप पर नजर रखेगा. साल 2017 के बाद ये तीसरा मौका है जब भारत में जीका वायरस के मामले सामने आए हैं. (बीबीसी की रिपोर्ट)

ट्रंप की धमकी, दम है तो 4 नवंबर के बाद खरीदें ईरान से तेल

"भारत को भी देखेगा", दुनिया के अन्य देशों को भी दी है देख लेने की चेतावनी नई दिल्ली : अमेरिकी प्रतिबंध के साए में जहां भारत ने रूस के साथ एस-400 डिफेंस मिसाइल सिस्टम खरीदने पर समझौता किया है पर अब ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध के बावजूद लगातार कच्चा तेल खरीदना अमेरिका को नागवार गुजर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान प्रतिबंध के हवाले से पूरी दुनिया को धमकी दी है कि 4 नवंबर के बाद यदि कोई देश ईरान से कच्चा तेल खरीदता है तो ऐसे "देशों को भी अमेरिका देखेगा". भारत और चीन जैसे देशों के ईरान से तेल आयात जारी रखने के बारे में पूछे जाने पर ट्रंप ने कहा, "हम उन्हें भी देखेंगे." ट्रंप ने मई में अमेरिका को 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से अलग कर लिया था और उस पर फिर से प्रतिबंध लगाए. ट्रंप ने ईरान से तेल आयात करने वाले देशों को 4 नवंबर तक अपना आयात घटाकर शून्य करने के लिए कहा है. साथ ही उन्होंने ऐसा नहीं करने वाले देशों पर प्रतिबंध लगाने की भी चेतावनी दी है. इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि रूस से पांच अरब डॉलर के सौदे में एस-400 हवाई रक्षा प्रणाली खरीदने पर भारत के खिलाफ अमेरिकी कानून के तहत दंडात्मक कार्रवाई होती है अथवा नहीं इसके बारे में जल्द स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. अमेरिका ने अपने विरोधियों के खिलाफ प्रतिबंध लगाने के लिए 'काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट' (काट्सा) कानून बनाया है. इसके तहत रूस के साथ हथियार सौदे पर अमेरिकी प्रतिबंधों से भारत को छूट देने का अधिकार केवल राष्ट्रपति के ही पास है.

‘लालू लीला’ के विमोचन के बाद बिहार की राजनीति में भूचाल

राजद प्रमुख के बचाव में सुशील मोदी के खिलाफ घोर नाराजगी प्रकट कर रहे पार्टी नेता सीमा सिन्हा, पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की किताब 'लालू लीला' का आज गुरुवार, 12 अक्टूबर को पटना में विमोचन हुआ. इसके साथ ही बिहार की राजनीति में मानो भूचाल सा आ गया है. राजद ने किताब को झूठ का पुलिंदा करार दिया है. राजद ने कहा है कि इस किताब का नाम 'सुशील की साजिश' होना चाहिए. मोदी की इस पुस्तक पर लालूजी के पुत्र और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की टिप्पणी अभी नहीं आई है, लेकिन राजद के अन्य नेता लालू प्रसाद यादव के बचाव में उतर आए हैं. राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी, सांसद जय प्रकाश नारायण यादव, विधायक भाई विरेंद्र, प्रवक्ता चितरंजन गगन एवं आभालता समेत कई नेताओं ने सुशील मोदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जय प्रकाश यादव ने लालू प्रसाद को गरीबों का मसीहा बताया और कहा कि उन्होंने सांप्रदायिक ताकतों का हमेशा मुंहतोड़ जवाब दिया. शिवानंद तिवारी ने किताब को झूठ से भरा बताया और कहा कि इसका बिहार की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा. लालू लीला में क्या है? प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित लगभग 200 पृष्ठों की 'लालू लीला' में लालू और उनके परिवार के सदस्यों के कथित बेनामी भूखंड और लेनदेन का ब्योरा शामिल है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली पिछली महागठबंधन सरकार में आरजेडी और कांग्रेस भी शामिल थी. इस दौरान सुशील मोदी ने करीब 40 प्रेस कॉन्फ्रेंस कर लालू और उनके परिवार की कथित बेनामी संपत्तियों का खुलासा किया था. इन्हीं खुलासों को लालू लीला में संकलित किया गया है. सुशील मोदी ने गुरुवार को 'लालू-लीला' विमोचन करते हुए आरोप लगाया कि लालू परिवार आज भी 141 भूखंड, 30 फ्लैट और आधा दर्जन से ज्यादा मकानों का मालिक है. बिहार के उप मुख्यमंत्री ने कहा, 'ऐसा कहा जाता है कि कुछ लोग जेल जाने के बाद सुधर जाते हैं. हालांकि कुछ लोग कभी नहीं सुधरते हैं. चारा घोटाले में दोषी करार दिए जाने के बाद भी लालूजी नहीं रुके. लालू फैमिली 141 प्लॉट, 30 फ्लैट और आधा दर्जन से ज्यादा मकानों की मालिक है.' पटना के विद्यापति भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राधा मोहन सिंह एवं गिरिराज सिंह के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय, राज्य सरकार में मंत्री नंद किशोर यादव तथा श्रवण कुमार भी शामिल हुए. दूसरी ओर, राजद की सहयोगी पार्टी 'हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर' के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने सुशील मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर लालूजी के नाम पर किसी का खाना-दाना चल रहा है तो वह उसकी पूजा करेगा ही. सुशील सुबह-शाम लालू जी की आरती उतारें.

लालू यादव परमिट लेकर चीनी ब्लैक में बेचते थे : सुशील मोदी

बिहार के उपमुख्यमंत्री ने उजागर किया राजद प्रमुख के पुराने दिनों के भी कारनामें कन्हैया भेलारी, पटना : अपनी पांचवी किताब 'लालू-लीला’ की लॉन्चिंग के बाद विशेष बातचीत में बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने बताया कि ‘लालू यादव से मेरी पहली मुलाकात 1969 में हुई थी. तभी मुझे लगा था कि ये विशेष किस्म के इंसान हैं'. फिर मुस्कुराते हुए आगे कहते हैं कि ‘49 साल बाद आज मुझे लगता है कि लालू यादव को देखने और परखने का मेरा नजरिया बिल्कुल सही था. गलत तरीके से पैसा बनाने की उनकी चाहत हमेशा से ही रही थी.' परिवार मोह में अपने आपको भ्रष्टतम आदमी बना लिया... सुशील कुमार मोदी एक पुरानी घटना को याद करके अपनी बात को पुख्ता करते हैं, ‘बतौर पटना विश्वविद्यालय छात्रसंघ अध्यक्ष लालू यादव चीनी का परमिट लेकर चीनी ब्लैक में बेचने का काम करते थे. तब मैं उनका महासचिव हुआ करता था.’ बहरहाल, बुराइयों के बावजूद मोदी बेबाकी से स्वीकार करते हैं कि लालू यादव जैसा ताकतवर नेता देश में 20वीं शताब्दी में पैदा नहीं हुआ था. लेकिन गरीबों के इतने बड़े नेता ने परिवार मोह में अपने आपको भ्रष्टतम आदमी बना लिया. अंग्रेजों के चंगुल से देश को आजाद कराने के लिए सुभाषचंद्र बोस ने लोगों से कहा था कि आप मुझे खून दें, मैं आपको आजादी दूंगा. लालू यादव कहते हैं कि 'आप मुझे पैसा दें, मैं आपको काम दूंगा’. अपने पोजिशन का बेरहमी के साथ दुरुपयोग किया... 198 पेज की किताब में सुशील कुमार मोदी ने विस्तार से बताया है कि किस तरह लालू यादव ने अपने परिवार को अरबपति बनाने के लिए अपने पोजिशन का बेरहमी के साथ दुरुपयोग किया. किताब के अनुसार, 15 साल तक बिहार की बागडोर अपने हाथ में रखकर और 5 साल तक रेलवे मंत्री की कुर्सी पर बैठकर लालू यादव ने अपने और परिवार के नाम पर कुल 141 बेशकीमती जमीन, 30 फ्लैट और 6 आलीशान बंगले बनाए. किताब बताती है कि... लालू परिवार की भ्रष्टाचार जनित अकूत संपत्ति की पड़ताल सुशील कुमार मोदी ने बहुत ही गहन तरीके से की है. किताब बताती है कि पड़ताल की शुरुआत में मिट्टी घोटाला सामने आया. इसी मिट्टी घोटाले की कोख से रेलवे टेंडर घोटाले के जरिए पटना की बेशकीमती साढ़े तीन एकड़ जमीन पर बन रहे बिहार के सबसे बड़े मॉल का पर्दाफाश हुआ. उसके बाद फर्जी कम्पनियां उजागर होती चली गईं. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी धोया राजद नेता पर हाथ किताब की लॉन्चिंग प्रोग्राम में शामिल केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अनुसार, यह किताब नहीं बल्कि डाक्यूमेंट्री प्रूफ है, जो साबित करती है कि लालू यादव ने गरीबों के उत्थान करने के नाम पर कैसे बिहार को लूटा है. मोदी ने लिखा है कि लालू यादव ने दान, वसीयत, लीज और पॉवर ऑफ अटॅार्नी के मार्फत अकूत संपत्ति अर्जित की है. आरजेडी सुप्रीमो ने विधायक, पार्षद, सांसद और मंत्री बनाने के एवज में रघुनाथ झा और कांति सिंह से भी जमीन और मकान गिफ्ट में लिए. अनवर अहमद उर्फ 'कबाब मंत्री' को विधान परिषद सदस्य बनाने के बदले उसके अवमी बैंक से करोड़ों रुपये...

दारूबाज पिता ने अपने दो मासूम बच्चों के हत्या कर दी कुएं में फेंक...

शराबी पति से दूर रखने की कीमत सरिता मेश्राम ने बच्चों को खो कर चुकाई विपेन्द्र कुमार सिंह, नागपुर : दारूबाज पति संतोष लक्ष्मण मेश्राम (31) की सुबह होते ही दारू के अड्डे की सैर की आदत से क्षुब्ध पत्नी सरिता ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि शराबी पति बाता-बाती और उससे अपने बच्चों को दूर रखने की कीमत अपने दोनों बच्चों की जान से चुकानी पड़ेगी और अपने दोनों बच्चों को कुएं में फेंक कर उनकी जान लेने वाला कोई और नहीं, बल्कि व्यसनी, निर्दयी पिता ही होगा. दिल-दिमाग को सुन्न कर देने वाली यह घटना हिंगणा एमआईडीसी थाना क्षेत्र के इसासनी-वाघधरा मेंआज गुरुवार, 11 अक्टूबर को लगभग सुबह 10 बजे घटी. हिंगणा एमआईडीसी पुलिस को सरिता से मिली जानकारी के अनुसार सुबह-सुबह ही दारू पी कर घर लौटे संतोष से सरिता की जमकर बाता-बाती हुई. शोर सुन कर उनके दोनों बच्चे हर्ष कुमार (6) और प्रिन्स कुमार (4) जग गए और रोने लगे. उन्हें रोता देख संतोष दूकान गया और उनके लिए बिस्किट के दो छोटे पैकेट लेकर लौटा. बच्चों के हाथों में बिस्किट देख सरिता और भड़क गई. उसने बच्चों से बिस्किट छीन कर गुस्से में संतोष को कहा कि तुम मेरे बच्चों की जान बिस्कुट में जहर डाल कर ले सकते हो. सरिता एमआईडीसी की एक कंपनी में दिहाड़ी पर काम करती है. सुबह 9 बजे वह अपना टिफिन तैयार कर बच्चों को भी नाश्ता खिलाया.और उन्हें तैयार कर अपने साथ पास ही में रहने वाली अपनी बहन रंजिता के घर उन्हें छोड़ा और अपने काम पर चली गई. थोड़ी ही देर में उसकी बहन रंजिता का फोन आया. उसने सरिता से पूछा- 'तूने पति के साथ कैसी लड़ाई की है, वह काफी गुस्से में यहां आया और दोनों बच्चों को जबरदस्ती अपने साथ ले गया है.' रंजिता ने सरिता को तुरंत आने को कहा. थोड़ी ही देर में सरिता घबराई हुई जब पहुंची तो उसने अपने पति संतोष को घर के पास घूमता हुआ पाया. बच्चों के बारे में पूछने पर संतोष ने जब कोई जवाब नहीं दिया, तब सरिता उस पर बरस पड़ी. घर के बाहर ही दोनों में फिर झगड़े शुरू हो गए. किसी ने उनके झगड़े की सूचना पुलिस को दे दी. पुलिस स्टेशन से दो बीट मार्शल वहां पहुंचे और रास्ते पर दोनों के झगड़े के कारण जमी भीड़ को हटाते हुए उन्हें थाने ले गए. सरिता ने थाने में भी पुलिस से अपने बच्चों के बारे में संतोष से पूछने को कहा. काफी मशक्कत के बाद संतोष ने जब पुलिस को बच्चों के बारे में जानकारी दी तो पुलिसकर्मियों के भी होश उड़ गए. उसने बताया कि अपने दोनों बेटों हर्ष कुमार (6) और प्रिन्स कुमार (4)को वह वहां से 1 किलोमीटर दूर माधव नगर के बाहर एक कुएं में फेंक आया है. उसे लेकर पुलिस कुएं के पास पहुंची. कुएं में एक जानवर का शव तैरता नजर तो आया, लेकिन बच्चे नजर नहीं आए. इसके बाद अग्निशमन दल को बुलाया गया. अग्निशमन दल के लोग कुएं में उतरे और गुरुवार की देर शाम बच्चों...

बाबा रामदेव को कतर सरकार ने दिया बड़ा झटका, पतंजलि प्रोडक्ट्स को किया बैन

बताया-पतंजलि प्रोडक्ट में तय मात्रा से ज्यादा केमिकल प्रयोग किया गया है नई दिल्ली : बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि, आयुर्वेद पर आधारित औषधियों के साथ ही अनेक तरह के दैनंदिन उपयोग में आने वाली सामग्रियों का उत्पादन करती है. बाबा रामदेव का दावा है कि उनकी पतंजलि नेचुरल प्रोडक्ट बनाती है. लेकिन उन्हें कतर सरकार की ओर से जोरदार झटका उस वक्त लगा, जब कतर सरकार ने पतंजलि के सभी प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगा दी. कतर सरकार की तरफ से प्रतिबंध लगाने की वजह हैरान करने वाली है. कतर सरकार के मुताबिक पतंजलि प्रोडक्ट में तय मात्रा से ज्यादा केमिकल प्रयोग किया गया है. इसके चलते प्रतिबंध लगाया गया. वहीं, पतंजलि के प्रवक्ता ने इस सूचना को पूरी तरह भ्रामक बताते हुए कहा कि पतंजलि प्रोडक्ट्स को कतर सरकार की एनओसी मिली हुई है. शशि थरूर ने ट्वीट कर मामले को गंभीर बताया कांग्रेस नेता शशि थरूर ने विवेक पांडे नाम के व्यक्ति का एक ट्वीट शेयर किया. इसमें कतर सरकार के पत्र के हवाले से लिखा गया कि कतर सरकार ने रामदेव की कंपनी के सभी प्रोडक्ट की बिक्री पर रोक लगा दी है. थरूर ने लिखा कि अगर ये खबर सही है, तो ये काफी गंभीर मामला है.

रामपाल हत्या के दो मामलों में दोषी करार, सजा 16 और 17 अक्टूबर को

विशेष अदालत ने जेल में ही पूरी की कार्यवाही नई दिल्ली : कबीरपंथ के कथित गुरु रामपाल को हत्या के दो मामलों में हरियाणा के जिला हिसार की विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. ये अहम फैसला सुनाने के लिए हिसार जेल में ही अदालत लगाई गई थी, जहां जज ने अपना फैसला सुनाया है. रामपाल की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कोर्ट की कार्यवाही जेल में ही पूरी की गई. इन दोनों मामलों में सजा का ऐलान 16 और 17 अक्टूबर को किया जाएगा. जिन दो मामलों में रामपाल को दोषी करार दिया गया है, उनमें पहला केस महिला भक्त की संदिग्ध मौत का है, जिसकी लाश उनके सतलोक आश्रम से 18 नवंबर 2014 को बरामद की गई थी. जबकि दूसरा मामला उस हिंसा से जुड़ा है, जिसमें रामपाल के भक्त पुलिस के साथ हिंसा पर उतर आए थे. इस दौरान करीब 10 दिन चली हिंसा में 4 महिलाएं और 1 बच्चे की मौत हो गई थी. कोर्ट के फैसले से पहले हरियाणा के हिसार शहर को किले में तब्दील कर दिया गया है. किसी भी संभावित बवाल, हिंसा और तोड़फोड़ जैसी घटनाओं से निपटने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं. हिसार जिले में धारा-144 लागू कर दी गई है. अदालत के चारों ओर तीन किलोमीटर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है. इस सुरक्षा घेरे को भेदकर कोई भी बाहरी व्यक्ति अंदर प्रवेश नहीं कर सकेगा.

आंध्रप्रदेश से भागकर वापस लौटे दो बंधुआ मजदूरों की मौत, 7 का इलाज जारी

सभी 12 मजदूर अचलपुर तहसील के, फुड प्वायजनिंग से सभी हैं पीड़ित इरशाद अहमद, अचलपुर (अमरावती) : अचलपुर तहसील के बंधुआ बनाकर रखे गए 12 लोग आंध्रप्रदेश से भागकर पिछले दिनों बीमार अवस्था में अचल पुर लौटे, इनमें से दो की मृत्यु हो गई है. अन्य 10 लोगों का इलाज यहां अचलपुर उपजिला अस्पताल में किया गया है. तहसील के वडगांव फतेहपुर के 12 लोगों को मजदूरी के लिए आंध्रप्रदेश ले जाया गया था. इन 12 बीमार लोगों में से एक मजदूर विलास शेन्दरे (32) की मृत्यु मंगलवार की सुबह 9 बजे के करीब हो गई जबकि दूसरे शाम वायले (28) मृत्यु एक दिन पूर्व सोमवार को रात 9 बजे हो गई थी. दोनों के शव अचलपुर के उपजिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए लाया गया, जहां दूसरे दिन अपराह्न 4 बजे दोनों शवों को उनके परिजनों को सौंपा दिया गया. प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम वडगांव फत्तेहपुर के 12 लोगों को अकोट के पास के गांव का एक एजेंट मजदूरी के लिए पहले चालीसगांव ले जाया गया, बाद में उसने आंध्रप्रदेश के एजेंट को गन्ना काटने के काम के लिए इन्हें सौंप दिया. इसके बाद आंध्रप्रदेश में इन मजदूरों पर जुल्मो-सितम का दौर चलने लगा. मजदूरों ने बताया कि उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता था. एक मजदूर सुनील सुखदेव सावले ने बताया कि हमें आँध्रप्रदेश के साथ ही कर्नाटक के मैसूर के मांड्या में भी मजदूरी करवाई गई, लेकिन मजदूरी का पैसा भी नहीं दिया गया. हमें डरा-धमका कर हमसे काम लिया जाता था, यह कहा जाता था कि यहां से भागकर बताओ फिर देखो क्या हाल करते हैं. यही नहीं, खाने में मात्र खिचड़ी व एक नशीला लिक्विड दिया जाता था. सभी के सभी कमजोर दिख रहे मजदूरों ने बताया कि ऐसे हालात से परेशान उन सभी 12 मजदूरों ने वहां से भागने का प्लान बनाया और करीब 50 किलोमीटर पैदल भागकर किसी तरह ट्रेन पकड़ कर वापस लौटे. लेकिन वहां से लौटने पर एक के बाद एक की तबीयत बिगड़ती गई और वे बीमार पड़ते गए जिस में से वडगांव फत्तेहपुर निवासी उपजिला अस्पताल में अभी 7 लोगों में अक्षय सुरेश चमलाडे (20), रूपेश नागाराव चमलाड़े (27), कैलाश शंकर राव वानखड़े (30), वैभव सरवले (20), सुनील सुखदेवराव सावले (37), मनोज बड़े (30), मनोहर यादव (45), का इलाज चल रहा है. तीन लोगों को छुट्टी दे दी गई है. एक मजदूर ने बताया कि हमारे साथ वहां देवरी फाटे का अवि भोयर (30), मोरगांव तोड़ा का ज्ञानेश्वर राठौड़ (40) व गोकुल (40) आदि भी काम पर थे. अस्पताल की मेडिकल ऑफिसर डॉ. कंचन जवंजाल ने बताया कि पोस्टमार्टम करने पर लगता है कि मृतक को अल्कोहोल दिया जाता था, उनका दिल बड़ा हो चुका है. अभी हम इसके सेम्पल फोरेंसिक जांच के लिए नागपुर भेज रहे हैं, रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ ठोस कहा जा सकता है. अभी यह कहना गलत नहीं होगा कि यह सभी फुड प्वायजनिंग का मामला है. इनलोगों साथ दस्त, उल्टी व बुखार आदि की भी शिकायत है. इस घटना से बंधुआ मजदूरी की बात सामने आई है. गांव के पुलिस पाटिल पांडुरंग खड़के मानते...

ब्रह्मोस जासूसी : कनाडा में 30,000 डॉलर की नौकरी का डाला चारा और फांस...

नागपुर : पाकिस्तानी गुप्तचर एजेंसी आईएसआई ने कनाडा में 30,000 डॉलर मासिक की आईटी फर्म में नौकरी दिलाने का लालच दिया और फांस लिया डीआरडीओ में अतिसंवेदनशील रक्षा क्षेत्र के सुपेसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस प्रोजेक्ट पर कार्यरत इंजीनियर निशांत अग्रवाल को. नौकरी देने के लिए फोन पर आईएसआई एजेंट ने डीआरडीओ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस मिसाइल प्रोजेक्ट पर उसके काम का नमूना मांगा और इतनी बड़ी रकम की नौकरी पाने की लालच में निशांत अग्रवाल ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल से संबंधित जानकारी पाकिस्तानी एजेंट को उपलब्ध करा दी. पिछले सोमवार, 8 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र एटीएस (आतंकवाद रोधी पथक) द्वारा गिरफ्तार निशांत अग्रवाल को दूसरे दिन मंगलवार को स्थानीय अदालत में पेश कर उत्तर प्रदेश एटीएस ने ट्रांजिट रिमांड मांगा और अदालत द्वारा तीन दिन का ट्रांजिट रिमांड मंजूर करने पर उसी दिन रात में उसे मामले से संबंधित पूछताछ के लिए लखनऊ ले गए हैं. जांच के दौरान पता चला कि निशांत कनाडा की एक महिला कथित 'शेजल कपूर' के साथ फेसबुक पर नियमित रूप से चैटिंग करता था. उसने उसे लिंकडिन पर आमंत्रित किया और साथ ही नौकरी के लिए अपने बॉस से बात करने के लिए एक लिंक भेजा. जैसे ही निशांत ने उस लिंक को क्लिक किया, उसके कम्प्यूटर में एक मालवेयर डाऊनलोड हो गया और उस मालवेयर के माध्यम से पाकिस्तानी एजेंट ने उसके कंप्यूटर से तमाम डाटा चुरा लिया. जांच में यह भी पाया गया कि निशांत फेसबुक पर ही एक और महिला कथित 'नेहा शर्मा' के साथ भी नियमित संपर्क में भी था. इस नेहा शर्मा का लिंक पाकिस्तान के ठिकाने का था. सूत्रों ने बताया कि निशांत इस बात से 'अनजान' है कि उसके कंप्यूटर से कितना संवेदनशील डाटा चुरा लिया गया है. उसने जांच अधिकारी को बताया कि उसने यह डाटा अपने डीआरडीओ के कुछ अधिकारियों और हैदराबाद के अपने सीनियर के साथ शेयर किया है. एटीएस अधिकारी डीआरडीओ के कुछ अधिकारियों से भी इस संबंध में पूछताछ कर रहे हैं.

कबीरपंथी गुरु रामपाल पर फैसला आज, पूरे हिसार जिले में धारा-144 लागू

चंडीगढ़ : कबीरपंथी गुरु रामपाल के विरुद्ध हत्या के मुकदमें पर सुनवाई पूरी हो जाने के बाद उस पर फैसला कल गुरुवार, 11 अक्तूबर को सुनाया जाएगा. सतलोक आश्रम प्रकरण में रामपाल पर फैसले से एक दिन पहले पूरे हिसार जिले में धारा-144 लगा दी गई है. सुनवाई के दौरान कोर्ट से तीन किलोमीटर का सुरक्षा घेरा बनाया गया है. इस सुरक्षा घेरे में किसी भी बाहरी व्यक्ति के प्रवेश पर पूर्ण रूप से पाबंदी होगी. वहीं सुनवाई वाले दिन शहर में कई जगहों पर मार्ग डाइवर्ट रहेगा. बरवाला के सतलोक आश्रम प्रकरण में हत्या के मुकदमा नंबर 429 और 430 में आने वाले फैसले को लेकर विधि-व्यवस्था भांग होने की आशंका व्यक्त की जा रही है. प्रशासन ने मामले को गंभीरता से लेते हुए रैपिड एक्शन फोर्स की कंपनियां मांगी हैं. फैसले को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. ज्ञातव्य है कि बरवाला के सतलोक आश्रम प्रकरण में हत्या के दो मुकदमों की सुनवाई अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय पराशर सेंट्रल जेल वन में कर रहे थे. उनका पिछले दिनों यहां से तबादला हो गया. उसके बाद रामपाल के प्रमुख तीन मुकदमें अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश डी.आर. चालिया की अदालत में स्थानांतरित हो गए. अब वे सेंट्रल जेल वन में इन मुकदमों की सुनवाई कर रहे हैं. दोनों मुकदमों में बहस पूरी हो चुकी है.