शुक्रवार : येदियुरप्पा के लिए अग्निपरीक्षा का दिन, राज्यपाल के लिए “राज-धर्मसंकट” का

कौन सा लिस्ट भाजपा का होगा, कौन सा कांग्रेस-जेडी(एस) का : सूली पर लटकने को है "विवेक" कल्याण कुमार सिन्हा विश्लेषण : भाजपा के बी.एस. येदियुरप्पा कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद पर काबिज तो हो गए हैं, और कांग्रेस उन्हें रोक पाने में सफल भले ही नहीं हो पाई, लेकिन एक बात तो हुई, जो येदियुरप्पा के लिए बड़ी भारी मुश्किल खड़ी कर गया है. सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों से राज्यपाल को दी गई अपने-अपने समर्थकों की सूची मांग ली है, और इसकी अगली सुनवाई की तिथि शुक्रवार, 18 मई तय कर दिया है. इस कारण बहुमत सिद्ध करने के लिए राज्यपाल से मिला 15 दिनों का समय अब घट कर मात्र 24 घंटे रह गए हैं. तो "विवेक" पर भी उठ खड़े होंगे सवाल इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट के सामने यदि येदियुरप्पा इन 24 घंटों में यह बता नहीं पाए कि उन्हें 112 निर्वाचित विधायकों का समर्थन प्राप्त है, तो राज्यपाल के "विवेक" पर भी सवाल उठ खड़े होंगे. जानकारों के मुताबिक कल का दिन येदियुरप्पा के लिए यदि अग्निपरीक्षा का दिन है तो राज्यपाल वजुभाई वाला के लिए भी "राज-धर्मसंकट" का दिन है. येदियुरप्पा विफल रहे तो फिर देश के इतिहास में एक नया संवैधानिक प्रश्न उठ खड़ा होने की संभावना है. "राज-धर्म" की बात भले ही कोई संवैधानिक मसला न हो, लेकिन यह संवैधानिक सुचिता से जुड़ा पहलू तो है ही. संवैधानिक प्रावधानों की दुविधा और "विवेक" का द्वंद्व इस लिहाज से कर्नाटक में सत्ता की जंग का पटाक्षेप अभी नहीं हुआ है. इसका अंत कैसा और कब होगा, यह अब शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से ही पता चल पाएगा. सत्ता प्रदान करने का आधार बहुमत हो अथवा सबसे बड़े दल को सत्ता सौंपी जाए, इस पर भी संवैधानिक प्रावधानों की दुविधा और "विवेक" का द्वंद्व खत्म होने का मार्ग बन सकता है. देर रात सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई कर्नाटक के मसले को लेकर कांग्रेस की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए.के. सीकरी, अशोक भूषण और एस.ए. बोबड़े की खंडपीठ ने आधी रात के बाद पौने दो बजे कांग्रेस-जेडी(एस) की याचिका पर सुनवाई शुरू की और सुबह पांच बजे य‍ह फैसला सुना दिया कि व‍ह राज्‍यपाल के संवैधानिक अधिकारों में दखल नहीं दे सकती. इसलिए येदियुरप्‍पा के लिए पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक आज ही शपथ लेने का मार्ग प्रशस्त हो गया. याचिकाकर्ता कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने अर्जी दी थी कि शाम तक इस शपथ ग्रहण समारोह को टाल दिया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. बहुमत साबित करना होगा चुनौती लेकिन देर रात की सुनवाई के बाद खंडपीठ ने एक अहम बात कही कि शुक्रवार (18 मई) को अदालत इस मामले में पर दोबारा सुनवाई करेगी और दोनों ही पक्षों के समर्थन करने वाले विधायकों की सूची सौंपनी होगी. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वे भाजपा और कांग्रेस-जेडीएस के समर्थकों की वह लिस्ट कोर्ट में जमा करवाएं, जो उन्होंने राज्यपाल को सौंपी हैं. अब येदियुरप्पा कौन सी लिस्ट पेश करेंगे और कांग्रेस-जेडी(एस) कौन सा, यह देखना दिलचस्प होगा. शिवसेना नाराज, कहा- देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं... कर्नाटक मामले पर...

सीएम बने तो येदियुरप्पा, 15 दिन के बदले 24 घंटे में ही साबित करना...

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री पद कायम रखने के मार्ग में अटका दिया है बड़ा रोड़ा विशेष संवाददाता नई दिल्ली : कर्नाटक में बी.एस. येदियुरप्पा के मुख्यमंत्री पद के शपथ को रोकने के लिए कांग्रेस रातों-रात सुप्रीम कोर्ट जा पहुंची. कोर्ट में आधी रात के बाद करीब साढ़े तीन घंटे चली बहस के बाद येदियुरप्पा को राहत मिली, जिसके बाद वे आज सुबह पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक सीएम पद के लिए शपथ लेकर सत्ता के सिंहासन पर काबिज तो हो गए, लेकिन 24 घंटे के अंदर उन्हें अपने समर्थक विधायकों की लिस्ट कोर्ट को देनी है. भाजपा के लिए 112 विधायकों की लिस्ट सौंपना आसान नहीं है. इतने कम समय में येदियुरप्पा के सामने बहुमत साबित करना एक बड़ी चुनौती है. येदियुरप्पा तीसरी बार बने कर्नाटक के सीएम ज्ञातव्य है कि कर्नाटक विधानसभा की हाल के चुनाव में 222 सीटों पर आए नतीजों में भाजपा को 104 सीटें मिली हैं, जो कि बहुमत से 8 विधायक कम हैं. कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं. ऐसे में भाजपा भले ही सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी हो, लेकिन बहुमत से वो दूर है. जबकि कांग्रेस और जेडीएस ने नतीजे आने के बाद हाथ मिला लिया है. देर रात सुप्रीम कोर्ट ने की सुनवाई कांग्रेस की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस ए.के. सीकरी, अशोक भूषण और एस.ए. बोबड़े की खंडपीठ ने आधी रात के बाद पौने दो बजे कांग्रेस-जेडीएस की याचिका पर सुनवाई शुरू की और सुबह पांच बजे य‍ह फैसला सुना दिया कि व‍ह राज्‍यपाल के संवैधानिक अधिकारों में दखल नहीं दे सकती, इसलिए येदियुरप्‍पा पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक आज ही शपथ लेंगे. याचिकाकर्ता कांग्रेस के अभिषेक मनु सिंघवी ने अर्जी दी थी कि शाम तक इस शपथ ग्रहण समारोह को टाल दिया जाए, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया है. बहुमत साबित करना होगा चुनौती लेकिन साथ ही देर रात तक सुनवाई करने के बाद खंडपीठ ने एक अहम बात कही है कि शुक्रवार (18 मई) को अदालत इस मामले में पर दोबारा सुनवाई करेगी और दोनों ही पक्षों के समर्थन करने वाले विधायकों की सूची सौंपनी होगी. कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी से कहा कि वे भाजपा और कांग्रेस-जेडीएस के समर्थकों की वह लिस्ट कोर्ट में जमा करवाएं जो उन्होंने राज्यपाल को सौंपी हैं. राह में एक बड़ा रोड़ा अटका दिया कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट ने येदियुरप्पा की राह में एक बड़ा रोड़ा अटका दिया. सुप्रीम कोर्ट ने राज्यपाल से भाजपा द्वारा दिए गए समर्थन पत्र की मांग की है. मामले में अब शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे दोबारा सुनवाई होगी. ऐसे में येदियुरप्पा को अपने 112 विधायकों की लिस्ट सौंपनी है. जबकि उनके पास 104 विधायक ही हैं. ऐसे में 8 विधायकों का समर्थन हासिल करना अपने आप में एक टेढ़ी खीर है. मुश्किल खड़ी हो सकती है येदियुरप्पा के लिए भाजपा शुक्रवार को सुबह 10.30 बजे अपने 112 विधायकों की लिस्ट नहीं सौंपती है, तो ऐसी हालत में येदियुरप्पा के सामने मुश्किल खड़ी हो सकती है. भाजपा बहुमत के लिए जरूरी विधायकों की संख्या को पूरा करने में अगर दो अन्य विधायक और...

रात में सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस, कहा- मोदी-शाह ने किया संविधान का एनकाउंटर

येदुरप्पा को शपथ ग्रहण करने से की रोकने की मांग, जनता दल(एस) भी साथ नई दिल्ली : कर्नाटक में बहुमत से दूर भारतीय जनता पार्टी को सरकार बनाने के राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने रात में ही सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. कांग्रेस नेता और वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की. याचिका में कल सुबह होने वाले बीएस येदुरप्पा के शपथ शपथ ग्रहण को रोकने की मांग की गई है. कांग्रेस ने याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए कहा है. याचिका कांग्रेस और जनता दल (एस) दोनों की तरफ से दायर की गई है. राज्यपाल का फैसला गलत, हम अधिकारों का इस्तेमाल करेंगे कांग्रेस ने राज्यपाल के फैसले को गलत बताया है, कांग्रेस ने राज्यपाल पर भाजपा के मुखौटा होने का आरोप लगाते हुए अपने अधिकारों के इस्तेमाल की बात कही. कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा, "अमित शाह और मोदी ने आज संविधान का एनकाउन्टर किया है. मोदी और शाह ने संविधान को रौंद डाला. राज्यपाल ने मोदी और शाह से निर्देश लिए, न कि संविधान से." येदुरप्पा को सुबह 9 बजे शपथ दिलाने की तैयारी दूसरी ओर भाजपा ने कल सुबह 9 बजे बीएस येदुरप्पा के शपथग्रहण समारोह का एलान कर दिया है. राज्यपाल ने भाजपा को सदन में बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त दिया है. भाजपा नेता मुरलीधर राव ने राज्यपाल के बुलावे और शपथ ग्रहण की जानकारी दी.

इंदौर देश का सबसे स्वच्छ शहर, भोपाल दूसरा, चंडीगढ़ तीसरा

स्वछता सर्वे में झारखंड सर्वश्रेष्ठ, महाराष्ट्र दूसरे नंबर पर, छत्तीसगढ़ तीसरा नई दिल्ली : सरकार के स्वच्छता सर्वे में इंदौर फिर एक बार सबसे साफ शहर बनकर सामने आया है. इसके बाद सफाई के मामले में भोपाल और चंडीगढ़ क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर आए हैं. पिछले साल भी स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर और भोपाल पहले और दूसरे नंबर पर आए थे. वहीं सरकार के 'स्वच्छता सर्वे 2018' में झारखंड को सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला राज्य घोषित किया गया है. इसके बाद दूसरे स्थान पर महाराष्ट्र है और तीसरे स्थान पर छत्तीसगढ़ को जगह मिली है. स्वच्छता सर्वे का मकसद देश भर के शहरों में स्वच्छता स्तर का आकलन करना है. केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने आज ट्वीट कर इसका एलान किया. उन्होंने ट्वीट कर इंदौर और भोपाल के लोगों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी. पुरी ने ये भी लिखा कि वे नतीजों से हैरान नहीं है और दूसरों को भी इसमें जगह पाने के लिए कोशिश करनी चाहिए.

कर्नाटक : कल सुबह शपथ लेंगे भाजपा के येदुरप्पा

भाजपा 'दक्षिण प्रवेश' का अपना लक्ष्य साधने में सफल, तोड़फोड़ का लेगी सहारा बंगलूरु : कर्नाटक में खंडित जनादेश के बाद सरकार बनाने को लेकर सभी अनिश्चितताओं पर विराम लग गया है. राज्यपाल ने सबसे बड़ी पार्टी भाजपा को सरकार बनाने का न्योता दिया है. भाजपा के बी.एस. येदुरप्पा कल सुबह नौ बजे सीएम पद की शपथ लेंगे. भाजपा ने इसकी आधिकारिक जानकारी दी. राज्यपाल ने येदुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त दिया है. गुरुवार को सुबह 9 बजे शपथ लेंगे येदुरप्पा बीएस येदुरप्पा कल सुबह 9 बजे लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, कर्नाटक भाजपा ने ट्वीट कर दी जानकारी. ट्वीट में लिखा- "करोड़ों कर्नाटक निवासियों को जिस दिन का इंतजार था, वह आ गया है. बी.एस. येदुरप्पा कल सुबह नौ बजे राजभवन में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. स्वर्ण कर्नाटक बनाने का क्षण आ गया है." कर्नाटक में 104 सीटों के साथ भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन बहुमत के जादुई आंकड़े से 8 सीट पीछे है. कांग्रेस को 78 सीटें मिली है और वह दूसरे नंबर की पार्टी बनी है. जबकि जेडीएस को सिर्फ 38 सीटें मिली हैं, अन्य के खाते में दो सीट हैं. खरीद-फरोख्त को बढ़ावा : कांग्रेस कांग्रेस ने कहा कि राज्यपाल वजुभाई वाला कांग्रेस-जदएस गठबंधन को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करने को संवैधानिक रूप से बाध्य हैं और अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो यह राज्य में खरीद-फरोख्त को बढ़ावा देना होगा. उसने यह भी कहा है कि अगर राज्यपाल इस गठबंधन को न्योता नहीं देते हैं तो फिर राष्ट्रपति या न्यायालय के पास जाने का विकल्प खुला हुआ है. फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस के 12 विधायक अनुपस्थित रह सकते हैं भाजपा ने "दक्षिण प्रवेश" के अपने लक्ष्य को साधने के लिए हर संभव उपाय करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है. कर्नाटक में सियासी ड्रामे के बीच बहुत बड़ी खबर यह भी है कि भाजपा के फ्लोर टेस्ट के दौरान कांग्रेस के 12 विधायक अनुपस्थित रह सकते हैं. इनमें से पांच विधायक लिंगायत समुदाय के हैं. 12 विधायकों के इस्तीफा देने से सदन में बहुमत के लिए जरूरी संख्या 112 से 106 हो जाएगी. कांग्रेस ने अपने विधायकों को बंगलुरु के एक रिजॉर्ट में भेजा इधर ऐसी संभावनाओं से सावधान कांग्रेस ने अपने विधायकों को बंगलुरु के एक रिजॉर्ट में भेज दिया है. उसने विधायकों को खरीद फरोख्त से बचाने के लिए तैयारी में जुट गई है. भाजपा को मिले सराकर बनाने के न्योते के बाद कांग्रस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस फैसले का विरोध किया. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, "जेडीएस और कांग्रेस ने राज्यपाल से मुलाकात कर पूर्ण बहुमत का दावा किया है. हमने सदस्यों के नाम की लिस्ट भी सौंपी है. हमने उन्हें सुप्रीम कोर्ट के फैसले की कॉपी भी सौंपी है. वे संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बंधे हुए हैं.'' बहुमत साबित करने के लिए 15 दिन का वक्त भाजपा नेता मुरलीधर राव ने राज्यपाल से मिले न्योते का एलान किया. मुलरीधर राव ने बताया कि कल सुबह गुरुवार, 17 मई को येदुरप्पा का शपथ ग्रहण होगा. राज्यपाल ने येदुरप्पा को बहुमत साबित करने के लिए 15...

झंकार ने कूलर, फल और ग्लूकोमीटर प्रदान किया शांति भवन को

मदर टेरेसा द्वारा स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी की 90 महिलाएं, 65 पुरूष होंगे लाभान्वित नागपुर : झंकार महिला मंडल ने स्थानीय काटोल चौक स्थित मिशनरीज ऑफ चैरिटी से सम्बद्ध शांति भवन में रह रहे लोगों के उपयोग के लिए दो कूलर, फल एवं ग्लूकोमीटर आज प्रदान किया. वेस्टर्न कॉल फील्ड्स लि. से संबद्ध झंकार महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती अनिता मिश्र ने शांति भवन की प्रमुख सिस्टर जोसिका को उपरोक्त सामग्री सौंपी. उन्होंने वहां रह रहे लोगों से मिल कर उनके अच्छे स्वास्थ्य की कामना की. इस अवसर पर उपाध्यक्ष श्रीमती अंजना झा, सचिव श्रीमती संगीता दास, संगिनी क्लब की सचिव श्रीमती सिम्मी सिंह एवं श्रीमती वंदना गुप्ता तथा श्रीमती मौसमी सरकार प्रमुखता से उपस्थित थीं. उल्लेखनीय है कि मदर टेरेसा की प्रेरणा से स्थापित मिशनरीज ऑफ चैरिटी के शांति भवन में 90 महिलाएं और 65 पुरूष रह रहे हैं. सिस्टर जोसिका ने झंकार महिला मंडल की इस सदाशयता के लिए आभार प्रकट किया.

दक्षिण के द्वार पर भाजपा को अटकाने में सफल हो रही कांग्रेस

अधिक सीटें जीत कर भी अब अपनी ही 'चाल' में जा उलझी भाजपा विशेष संवाददाता नई दिल्ली : कर्नाटक विधानसभा चुनावों में भाजपा 104 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरी, लेकिन वह 112 के जादुई आंकड़े से दूर रह गई. इससे पहले कि भाजपा देवेगौड़ा की जनता दल (सेक्युलर) से संपर्क साधती, 78 सीट जीतने वाली कांग्रेस ने उसे मुख्यमंत्री पद की पेशकश कर दी. 22 वर्ष पूर्व भी कांग्रेस ने इसी तरह देवेगौड़ा को बनाया था पीएम कांग्रेस ने जद (एस) से मिल कर भाजपा को दक्षिण के द्वार पर अटकाने में पूरी तरह सफल होने की कगार पर है. साथ ही कांग्रेस मुक्त करने के भाजपा के सपने को भी आघात पहुंचने की स्थिति बन गई है. ऐसा तब हुआ है, जब पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की पार्टी जद (एस) को मात्र 37 सीटें मिली हैं, जबकि एक सीट उसकी सहयोगी बसपा के खाते में गई है. 22 वर्ष पूर्व इन्हीं परिस्थितियों में कांग्रेस ने देवेगौड़ा को भी प्रधानमंत्री पद पर आसीन किया था. अपनी ही चाल से मात खा गई भाजपा एक तरह से कांग्रेस ने कर्नाटक में भाजपा को उसी की चाल से मात दे दी. पिछले साल गोवा, मेघालय और मणिपुर चुनावों में भाजपा ने छोटे दलों और निर्दलीयों के साथ हाथ मिलाकर सबसे बड़े दल कांग्रेस को सरकार बनाने से वंचित कर दिया था. कांग्रेस और जद (एस)के मिलकर सरकार बनाने के दावे को सही ठहराते हुए कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने गोवा, मेघालय और मणिपुर के मामले में व्यवस्था दी है कि सबसे बड़े दल होने का मतलब यह नहीं है कि आप स्वाभाविक रूप से सरकार बनाने के योग्य हैं. विभिन्न दलों के दावों पर मौन हैं राजयपाल कर्नाटक के राज्यपाल वजूभाई वाला ने सरकार बनाने के लिए विभिन्न दलों के दावों पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं और उन्हें आधिकारिक नतीजे आने तक इंतजार करने को कहा है. संविधान के जानकारों का कहना कि राज्यपाल सबसे बड़े दल को सरकार बनाने के वास्ते आमंत्रित करने के लिए बाध्य नहीं हैं. हालांकि बहुमत परीक्षण सदन में होना है. भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन किंगमेकर बनी जद (एस) इस अहम राज्य में कांग्रेस को सत्ता में बने रहने के लिए मदद कर रही है. बिल्ली के भाग्य से टूटना ही था छींका कांग्रेस ने सोमवार को ही संकेत दे दिए थे कि वह मुख्यमंत्री पद को लेकर समझौता करने को तैयार है. निवर्तमान मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने कहा था कि वह दलित मुख्यमंत्री के लिए कुर्सी छोड़ने को तैयार हैं. कांग्रेस की शीर्ष नेता सोनिया गांधी ने देवेगौड़ा को फोन किया और उनके बेटे एच.डी. कुमारस्वामी को कांग्रेस के समर्थन से मुख्यमंत्री बनाने की पेशकश की. देवेगौड़ा और कुमार स्वामी को भी इसी सन्देश का इंतजार था. कांग्रेस का मकसद भाजपा को सत्ता में आने से रोकना है तो बिल्ली के भाग्य से छींका टूटना ही था. जद (एस) को सस्ते में सत्ता मिलाने जा रही है.

दिवालिया घोषित होने की कगार पर पहुंची अनिल अंबानी की 3 टेलिकॉम कंपनियां

एरिक्सन का दावा 11.5 अरब रुपए का, वित्तीय संस्थानों का 450 अरब है बकाया मुंबई : टेलिकॉम गियर कंपनी एरिक्सन की तीनों याचिका मंजूर हो जाने के बाद अनिल अंबानी की 3 दूरसंचार कंपनियां दिवालिया संहिता के तहत नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के दायरे में आ गई हैं. एरिक्सन ने रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम), रिलायंस इन्फ्राटेल और रिलायंस टेलिकॉम के खिलाफ दिवालिया याचिका दाखिल की थी, जो इन कंपनियों के बुनियादी ढांचों के रखरखाव, उसके उन्नयन आदि के भुगतान से जुड़ा था. आज इन्सॉल्वेंसी ट्राइब्यूनल के समक्ष एरिक्सन पेश करेगा प्रस्ताव एरिक्सन आज बुधवार, 16 मई को एनसीएलटी के मुंबई पीठ के सामने उपयुक्त रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के नाम का प्रस्ताव रखने वाली है. रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के पास कर्ज पुनर्भुगतान योजना या समापन योजना पर काम करने के लिए इसके बाद कुल 270 दिन का वक्त मिलेगा और बैंकरों व ट्रिब्यूनल की मंजूरी चाहिए होगी. पिछले सप्ताह एरिक्सन के कानूनी प्रतिनिधिधयों ने ट्रिब्यूनल से कहा था कि उनपर कुल बकाया 11.5 अरब रुपए है. अब तीनों कंपनियां आईबीसी के दायरे में आ गई हैं, लिहाजा अन्य परिचालक लेनदार अपने बकाया वसूली के लिए ट्रिब्यूनल से संपर्क कर सकते हैं. इसके जवाब में आरकॉम के वकील ने तर्क दिया कि इसी आधार पर बकाया वसूली की याचिका आब्ट्रिेशनल ट्रिब्यूनल के पास दाखिल की गई थी, लिहाजा आईबीसी के दायरे में कंपनी को लाना जरूरी नहीं है. जिओ के साथ हुआ करार भी संभवतः अब काम नहीं आएगा अनिल अंबानी की अगुआई वाली आरकॉम के ऊपर वित्तीय संस्थानों का करीब 450 अरब रुपए बकाया है और पिछले दिसंबर को कंपनी को अपने कर्ज के पुनर्गठन पर पर सहमति मिली थी. कर्ज पुनर्गठन योजना में स्पेक्ट्रम, मोबाइल टावर, ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क जैसी संपत्तियां अपने भाई मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो को 180 अरब रुपए में बेचना शामिल है. जियो ने भी टावर, फाइबर और स्पेक्ट्रम साझा करने का आरकॉम केसाथ 2016 में समझौता किया था. यह सौदा 26 अगस्त तक पूरा होना था, लेकिन एनसीएलटी के आदेश के तहत तीनों कंपनियां आईबीसी के दायरे में आ गई.

आईपीएल-11 : अब हारी तो 3 बार की चैंपियन मुंबई इंडियंस हो जाएगी बाहर

विश्लेषण : पंजाब के लिए भी शेष दोनों मैच जीतना अनिवार्य, दोनों टीमों के लिए 'करो या मारो' की स्थिति मुंबई : धमाकेदार शुरूआत करने वाली किंग्स इलेवन पंजाब आईपीएल-11 के अपने आखिरी छह में से पांच मैच गंवाकर अपने सुरक्षित तीसरे स्थान से खिसककर पांचवें नंबर पर पहुंच गई है और प्लेऑफ में पहुंचने के लिए अब उसके पास मुंबई इंडियंस के खिलाफ मैच में जीत के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है. मुंबई के लिए तो पंजाब से जीतना हर हालत में जरूरी हो गया है. तीन से खिसककर पांचवें नंबर पर पहुंची पंजाब पंजाब को पिछले मैच में मुहाने पर खड़ी विराट कोहली की रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के हाथों 10 विकेट की शर्मनाक हार झेलनी पड़ी थी. जिसके बाद वह तीसरे नंबर से खिसककर सीधे पांचवें स्थान पर पहुंच गई है. पंजाब ने अपने पिछले छह में से पांच मैच गंवाए हैं. उसने राजस्थान, कोलकाता और बेंगलुरू के हाथों लगातार तीन मैच हारने की हैट्रिक भी लगा ली है और अब नॉकआउट में उसके लिए शेष दोनों मैच जीतना अनिवार्य हो गया है. मुंबई अगर हारी को हो जाएगी बाहर रविचंद्रन अश्विन की कप्तानी वाली पंजाब की टीम 12 मैचों में छह जीत और छह हार के साथ 12 अंकों पर पांचवें नंबर पर है. उसके लिए सीधी टक्कर अब तीसरे नंबर की कोलकाता और चौथे नंबर की राजस्थान से है, जिनके उसके बराबर 12 मैचों में 12 अंक हैं. वहीं मुंबई इंडियंस 12 मैचों में 10 अंकों के साथ छठे नंबर पर है और यदि रोहित शर्मा की कप्तानी में तीन बार चैंपियन बनी यह टीम मैच हारती है तो वह टूर्नामेंट से बाहर हो जाएगी. निराशाजनक प्रदर्शन रहा है मुंबई इंडियंस का मुंबई की टीम ने इस वर्ष काफी निराशाजनक प्रदर्शन किया है और पिछले मैच में वह अपने घरेलू वानखेड़े स्टेडियम में भी राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ सात विकेट से मैच गंवा बैठी थी. आईपीएल की सबसे सफल टीम मुंबई तीन बार की चैंपियन है, लेकिन मौजूदा संस्करण में उसके खेल में निरंतरता उसकी हार की वजह बनी. स्टार खिलाड़ियों से सुसज्जित टीम राजस्थान के खिलाफ अपने 168 रन के संतोषजनक स्कोर का भी बचाव नहीं कर सकी थी. वहीं पंजाब भी पिछली लगातार हार के बाद दबाव में है और बेंगलुरू के खिलाफ टीम 15.1 ओवर में 88 रन पर ही जिस तरह ढेर हो गई थी. उसके बाद तो टीम और भी मनोवैज्ञानिक दबाव में दिख रही है. गेल पंजाब के लिए चिंता का कारण टीम के तूफानी बल्लेबाज क्रिस गेल जरूरी मौकों पर लगातार फेल हो रहे हैं. अच्छी फार्म में चल रहे ओपनर लोकेश राहुल पर टीम रनों के लिए सबसे ज्यादा निर्भर है और पिछले मैच में उनके 21 रन पर सस्ते में आउट होने के बाद कोई अन्य खिलाड़ी स्कोर नहीं बना सका. राहुल 12 मैचों में 558 रनों के साथ शीर्ष स्कोरर हैं, जबकि दूसरे नंबर पर गेल हैं, जिन्होंने नौ मैचों में 350 रन बनाए हैं. नायर 12 मैचों में 22.45 के औसत से 247 रन ही बना सके हैं और इसके अलावा टीम के पास कोई बड़ा स्कोरर नहीं है....

ताजमहल को ले जाना पड़ेगा यमुना की बाईं ओर

रख-रखाव और बेहतरी लिए हो गया है जरूरी, शिफ्टिंग में यूनेस्को से ली जा सकती है मदद नई दिल्ली : ऐतिहासिक इमारत ताजमहल, दुनिया के अजूबों में शुमार है. आगरा की पहचान भी ताजमहल से होती है. यहां हर साल लाखों सैलानी आते हैं. विश्व में भी इसकी अलग छाप है. दुनियाभर के लोग दिल्ली से आगरा सिर्फ ताजमहल देखने पहुंचते हैं. हाल ही एक में चर्चा थी कि क्यों न ताजमहल को कहीं शिफ्ट कर दिया जाए. सुनने में बेतुका सा लगता है. लेकिन, क्या ये मुमकिन है. क्योंकि सैकड़ों साल पुरानी इतनी बड़ी इमारत को शिफ्ट करना कोई मामूली बात तो नहीं. आखिर कैसे उसे उठाकर शिफ्ट किया जाए और कहां? बीबीसी हिन्दी ने इस विषय पर एक लेख प्रकाशित किया है. लेख में ताजमहल की शिफ्टिंग पर अच्छी जानकारी है. हालांकि, ताजमहल आगरा से कहीं बाहर नहीं जाएगा. इससे अपनी पहचान नहीं खोनी होगी. मिस्र से ले सकते हैं उदाहरण दिल्ली से आगरा जाएं तो ताजमहल यमुना के दाईं तरफ पड़ता है. दिल्ली से जाने वालों को शहर के बीच से होकर यहां पहुंचना होता है. यही वजह है कि अक्सर यहां जाम लगा रहता है. बीबीसी ने अपने लेख में सुझाया है कि ऐसा हो कि ताजमहल को उठाकर यमुना के इस पार यानी बाएं ओर रख दिया जाए. कठिन है. लेकिन निश्चित ही यह संभव है. दरअसल, मिस्र में ऐसा कारनामा बरसों पहले किया जा चुका है. उस वक्त भी यह कारनामा इंसानों ने किया था. करीब तीन हजार साल पुरानी और ऐतिहासिक इमारत को उठाकर दूसरी जगह ले जाया गया था और उसी रूप में उसे स्थापित किया गया. मिस्र का ऐतिहासिक मंदिर आने वाली पीढ़ी के लिए ऐसी इमारतों को संजो कर रखने का काम काफी समय से चल रहा है. दुनिया में ऐसी बहुत सी ऐतिहासिक धरोहर हैं, जिन्हें अगर समय रहते बचाया नहीं गया होता तो शायद इतिहास का यह खजाना मिट्टी में मिल जाता. ताजमहल को लेकर भी यही चर्चा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में रखरखाव वाली एजेंसी को फटकार लगाई थी. साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को भी इस मामले में खरी-खरी सुनाई थी. यूनेस्को ने की थी मदद मिस्र के ऐताहासिक मंदिर को बचाने में यूनेस्को ने अहम भूमिका निभाई थी. यही नहीं यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट यानी विश्व की धरोहरों की फेहरिस्त में शामिल हैं. मिस्र का अबु सिम्बल मंदिर दक्षिणी मिस्र की प्राचीन घाटी नुबियन में पहाड़ काट कर बनाया गया है. मंदिर के अंदर की खूबसूरती देखते ही बनती है. मंदिर की छत से लेकर फर्श तक उस दौर के राजा फराओ रैमसेस द्वितीय की जंगों में मिली कामयाबियों के किस्से उकेरे गए हैं. दरअसल इस मंदिर का निर्माण इसी राजा ने करवाया था. मंदिर के बाहर भी फराओ के चार विशाल बुत बने हैं, जिनका रुख सामने से बह रही नदी की ओर है. डूब कर खत्म हो जाता मंदिर अबु मंदिर के पास से गुजरने वाली नील नदी से जुड़ी एक झील के पास बांध बनाया गया था. जिसकी वजह से अबु मंदिर के डूबने का खतरा हो गया था. अगर विएना हिस्टोरिक सेंटर, कम्बोडिया के अंकोरवाट...