नागपुर सहित पूरे विदर्भ में कांग्रेस के भारत बंद का मिलाजुला असर

आधे दिन बाद बाजारों में लौटी रौनक, विपक्ष ने दिया समर्थन, पर नजर नहीं आए विपक्षी नागपुर : पेट्रोल-डीजल की कीमतों में भारी वृद्धि और कथित राफेल घोटाले को लेकर कांग्रेस के भारत बंद के आह्वान पर नागपुर सहित पूरे विदर्भ में मिलाजुला असर दिखाई दिया. नागपुर शहर सहित पूरे विदर्भ में शहर बस सेवा और एसटी बस सेवा पर भी बंद का प्रभाव नजर आया. तान्हा पोला के कारण और नागपुर में परम्परागत सालाना मारबत जुलूस का दिन होने के कारण उसकी अलग ही धूम रहती है. ऐसे में पूरे विदर्भ में बंद की सफलता पर पहले से ही संदेह व्यक्त किया जा रहा था. शहरी क्षेत्रों में सुबह में बंद के दौरान तोड़फोड़ की आशंका से व्यस्त व्यापारिक क्षेत्रों में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान आधे दिन तक बंद रहे. लेकिन बाद में दुकानें खुलनी शुरू हो गईं. शहरी क्षेत्र के बाहरी महामार्गों पर अन्य दिनों की अपेक्षा अपराह्न तक सन्नाटा ही छाया रहा. यात्री बसों का आवागमन सीमित रहा. विपक्ष का समर्थन मिला, पर विपक्षी नजर नहीं आए नागपुर के इतवारी, सीए रोड, सीताबर्डी, धरमपेठ, महल, सक्करदरा के व्यावसायिक इलाकों में सुबह से लेकर दोपहर तक बहुत कम दुकानें खुली नजर आईं, लेकिन दोपहर बाद कुछ दुकानें और खुलीं. शहर के लगभग सभी पेट्रोल पम्पों पर अन्य दिनों की तरह सामान्य भीड़ बनी रही. सभी स्कूल खुले थे. लेकिन विद्यार्थियों की उपस्थिति कम बताई गई. कांग्रेस के बंद को विपक्षी दलों का समर्थन तो मिला, लेकिन विपक्षी दलों के नेता कहीं दिखाई नहीं दिए. शहर के व्यवसायिक संगठनों की ओर से बंद के संबंध में कोई सक्रियता अथवा समर्थन देने जैसे स्वर सुनाई नहीं दिया. बताया गया कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, समाजवादी पार्टी, शेतकरी कामगार पक्ष आदि ने बंद का समर्थन किया था. नागपुर में कांग्रेस नेताओं की सक्रियता शहर कांग्रेस मुख्यालय देवड़िया भवन से प्रातः 10 बजे पेट्रोल-डीजल की कीमतों में वृद्धि और राफेल घोटाले को लेकर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन शुरू किया गया. इसमें शहराध्यक्ष विकास ठाकरे के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री विलास मुत्तेमवार,वरिष्ठ नेता मुकुल वासनिक, राज्य मंत्री नितिन राऊत और शहर के अन्य नेताओं के साथ महिला कांग्रेस की नेता और कार्यकर्ता शामिल थे. कांग्रेस के झंडे और बंद को लेकर बनाए गए बैनर के साथ सभी नारेबाजी करते हुए मोर्चे के रूप में एकत्र हुए शहर के विभिन्न क्षेत्रों में व्यापारियों से बंद में शामिल होने की अपील की. शहराध्यक्ष विकास ठाकरे अपने पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बाइक और स्कूटरों पर भी नारों के साथ पार्टी के झंडे के साथ रैली करते नजर आए. विदर्भ के अन्य जिलों में भी बंद का मिश्र असर यवतमाल शहर और जिले के कुछ तहसीलों प्राप्त समाचार के अनुसार बंद का प्रभाव संमिश्र रहा. गढ़चिरोली जिले के आष्टी में बंद को पूरी सफलता मिलाने समाचार हैं. अमरावती से मिली खबर में बताया गया कि शहर के इतवारा, जयस्तंभ चौक क्षेत्र में अनेक दुकानें बंद रहीं, बड़े व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद के दिन वैसे भी ग्राहकी कम रहे की दृष्टि से छुट्टी मनाना ही बेहतर समझते हैं....

एचडीएफसी बैंक के वाइस प्रेसिडेंट सांघवी की हत्या सहकर्मी ने की?

कोपर खैरने पुलिस ने एक संदिग्ध को किया गिरफ्तार, सहकर्मी पर पुलिस को संदेह मुंबई : पिछले बुधवार, 5 सितंबर से लापता एचडीएफसी बैंक के वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ सांघवी का शव मुंबई पुलिस ने कल्याण हाईवे से बरामद कर लिया है. सिद्धार्थ की हत्या के आरोप में पुलिस ने सरफराज शेख नाम के शख्स को गिरफ्तार किया है. सिद्धार्थ मुंबई के लोअर परेल स्थित ऑफिस से लापता हो गए थे. अगले दिन कोपर खैरने इलाके से उनकी कार बरामद की गई थी. 39 वर्षीय सिद्धार्थ सांघवी की कार में खून के धब्बे पाए गए थे, जिसके आधार पर जांच शुरू की गई. बता दें कि सांघवी जब बुधवार रात को 10 बजे तक घर नहीं पहुंचे, तब उनकी पत्नी ने पुलिस थाने में गुमशुदगी का केस दर्ज कराया था. पुलिस ने कमला मिल्स स्थित एचडीएफसी दफ्तर के सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले हैं, जिनसे पता चला है कि सांघवी बुधवार शाम 7.30 बजे वहां से निकले थे. सांघवी एचडीएफसी बैंक में सीनियर एनालिस्ट, एसेट एंड लायबिलिटी मैनेजमेंट का काम देख रहे थे. सांघवी के गायब होने में उनके एक सहकर्मी का हाथ? मुंबई पुलिस को संदेह है कि सिद्धार्थ सांघवी के गायब होने में उनके एक सहकर्मी का हाथ है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वह सहकर्मी सिद्धार्थ के प्रमोशन और पैकेज से जलता था, इसलिए हो सकता है कि उसने ऐसा घातक कदम उठाया हो. फिलहाल मामले की तफ्तीश जारी है. पुलिस ने डीएनए टेस्ट के लिए संघवी के माता-पिता का ब्लड सैंपल भी लिया है. ज्ञातव्य है कि सिद्धार्थ सांघवी पिछले 5 सितंबर से मुंबई के कमला मिल्स स्थित ऑफिस से गायब थे. सिद्धार्थ सांघवी की पत्नी ने एन.एम. जोशी मार्ग पुलिस स्टेशन में उनके लापता होने की शिकायत दर्ज करवा रखी है. एडिशनल सीपी डॉ. रवींद्र शिशवे ने बताया कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.

कृषि उत्पाद : एमएसपी से कम दर में खरीदी पर अब नहीं होगी गिरफ्तारी

सरकारी आश्वासन के बाद महाराष्ट्र की मंडियों में व्यापारिक गतिविधियां शुरू, स्पष्टीकरण जारी करने की मांग नागपुर : फेडरेशन ऑफ असोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र ट्रेडर्स (फेट) के उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने महाराष्ट्र सरकार का अभिनंदन कर कहा कि व्यापारियों के विरोध में महाराष्ट्र में पिछले एक सप्ताह से चला आ रहा व्यापारिक गतिरोध अब दूर हो गया है. राज्य सरकार से ठोस आश्वासन मिलने के बाद व्यापारियों ने सभी पंजीकृत एवं मान्यता प्राप्त मंडियों में कारोबार पुनः आरंभ कर दिया है. एपीएमसी से सरकारी सजा एवं जुर्माना के नियम पर स्पष्टीकरण जारी करने की मांग इस बीच सभी मंडियों के व्यापारियों ने अपने-अपने एपीएमसी से सरकारी सजा एवं जुर्माना के नियम पर स्पष्टीकरण जारी करने का आग्रह किया है, ताकि यह साफ हो सके कि वास्तव में उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी. इस स्पष्टीकरण को लोकल मीडिया में प्रकाशित करने तथा मंडी में प्रदर्शित करने की मांग की गई है. एमएसपी से दर देने पर व्यापारियों को गिरफ्तारी का बनाया था नियम ज्ञातव्य है कि कथित रूप से महाराष्ट्र सरकार ने नियम बनाया था कि जो व्यापारी न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम पर किसानों से कृषि उत्पाद खरीदेगा, उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा. उसे एक साल जेल की सजा होगी और 50 हजार रुपए का जुर्माना अदा करना होगा. इस नियम के बारे में पता चलते ही व्यापारियों ने मंडियों का बहिष्कार कर दिया था. मोटवानी ने बताया कि महाराष्ट्र सरकार ने व्यापारियों को आश्वास्त किया है कि समर्थन मूल्य से नीचे दाम पर खरीद किए जाने के बावजूद उनके खिलाफ कोई कार्यवाई नहीं की जाएगी. बहिष्कार से मंडियों का हुआ बुरा हाल, माल रखने की जगह नहीं रही थी फेडरेशन ऑफ असोसिएशन ऑफ महाराष्ट्र ट्रेडर्स के उपाध्यक्ष प्रताप मोटवानी ने बताया कि व्यापारियों के बहिष्कार के कारण महाराष्ट्र की विभिन्न मंडियों में खाद्यान्न सहित अन्य कृषि जिंसों का अम्बार लगने लगा था और सैकड़ों ट्रकों में लदे माल को उतारने के लिए जगह की कमी पड़ने लगी थी. कृषि उत्पाद विपणन समिति (एपीएमसी) के व्यापारिक परिसरों (मंडियों) में अनाज एवं तिलहन आदि की नीलामी तो हो रही थी, मगर उसे खरीदने वाला कोई नहीं था. लातूर, अहमदनगर एवं बारामती सहित सभी राज्य की मंडियों में कारोबार पूरी तरह ठप्प पड़ गया था. छिटपुट नीलामी 7 सितम्बर से आरंभ हो गई थी. जबकि शनिवार, 8 सितम्बर से पूर्ण नीलामी की प्रक्रिया शुरू हो गई है.

महाजेनको के कार्यकारी संचालक विनोद बोंदरे ‘बेस्ट एच.आर.प्रोफेशनल’ पुरस्कार से सम्मानित

मानव संसाधन विषयक उत्कृष्ट कार्यपद्धति के लिए एशिया स्तरीय पुरस्कार प्राप्त हुए नागपुर : टाईम्स असेंट द्वारा आयोजित एशिया पैसेफिक एच.आर.एम. कांग्रेस 2018 शिखर परिषद में महाजेनको को दो एशिया स्तरीय पुरस्कारों से सम्मानित किया है. कॉर्पोरेट(पी.एस.यु.) संस्थात्मक स्तर पर बेस्ट एच.आर. प्रैकटीसेस के लिए महाजेनको को और व्यक्तिगत स्तर पर बेस्ट एच.आर. प्रोफेशनल पुरस्कार से महाजेनको के कार्यकारी संचालक विनोद बोंदरे को गौरवान्वित किया गया. पुरस्कार का मूल्यांकन विशेषत: प्रकल्प पीड़ित विषयक निर्णय के कार्यान्वयन, प्रकल्पबाधित गांवों के युवक-युवतियों के लिए शिष्यवृत्ति योजना, ऑनलाईन व पारदर्शक नियुक्ति प्रक्रिया का दृष्टिकोण, नियुक्ति से सेवानिवृत्ति एक खिड़की योजना, क्रीड़ा/नाट्य स्पर्धा, कार्पोरेट सामाजिक दायित्व के अंतर्गत प्रत्यक्ष उपक्रम आदि के आधार पर किया गया था. विनोद बोंदरे ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से कंपनी के वरिष्ठ व्यवस्थापन के सहयोग से महाजेनको में परिवर्तनों को स्वीकार करने का जो उत्साह का वातावरण है, उसी का परिणाम है कि महाजेनको को ये दोनों पुरस्कार प्राप्त हुए हैं. उर्जा, कोयला, पेट्रोलियम, ऑईल, खनिकर्म, टेलीकॉम, बैंकिंग, आई.टी., वस्त्रोद्योग, फुड, स्वास्थ्य, रियल इस्टेट में विख्यात कोर्पोरेट जगत की कंपनियां परिषद में शामिल थीं. शिखर परिषद के संयोजक डॉ. आर.एल. भाटिया, आई.आय.एम. अहमदाबाद के पूर्व डीन डॉ. इंदिरा पारिख, डॉ.न्यूटन व डॉ.लक्ष्मी के हाथों इन पुरस्कारों का वितरण किया गया. पुरस्कार वितरण समारोह अवसर पर महाजेनको के महाव्यवस्थापक (मासं) आनंद कोंत, वरिष्ठ व्यवस्थापक(मासं) रणधीर पाठक प्रमुख रूप से उपस्थित थे. दो दिवसीय यह शिखर परिषद होटेल ताज व्हिवांटा, यशवंतपुर बंगलुरु (कर्नाटक) में 4 और 5 सितंबर को आयोजित किया गया था. एशिया खंड में भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया, मलेशिया और मालदीव के कॉर्पोरेट क्षेत्र के 450 मानव संसाधन विषयक प्रतिनिधि परिषद शामिल थे. लगभग 50 विशेषज्ञ और सुप्रसिद्ध वक्ता, मानव संसाधन विषयक अभिनव 20 प्रभावी सत्र शिखर परिषद की भव्यता थी. संस्थात्मक व व्यकितगत स्तर पर उल्लेखनीय कार्य करने वाले 50 कॉर्पोरेटस का परीक्षकों ने पुरस्कारों के लिए चयन किया था. महाजेनको के अध्यक्ष तथा व्यवस्थापकीय संचालक बिपीन श्रीमाली, संचालक(संचलन) चंद्रकांत थोटवे, संचालक(प्रकल्प) विकास जयदेव, संचालक(वित्त) संतोष आंबेरकर, संचालक तथा सलाहकार (खनिकर्म) श्याम वर्धने, साथ ही सभी कार्यकारी संचालक व विद्युत् केंद्रों के मुख्य अभियंताओं ने विनोद बोंदरे व टीम महाजेनको मानव संसाधन का इस उपलब्धि के लिए अभिनन्दन किया है.

अचलपुर में 15 लाख का गुटखा जब्त, गुटखा तस्करों ने फिर पैर पसारे

पुलिस ने फिर छेड़ी अवैध गुटखा तस्करों के खिलाफ मुहीम इरशाद अहमद अचलपुर (अमरावती) : अचलपुर पुलिस ने छापा मार कर मोमिनपुरा निवासी बुरहान नामक एक पुराने व्यापारी के घर से करीब 15 लाख का तलब, नजर आदि गुटखा जब्त किया. यह अवैध माल माजिद नामक कारोबारी का बताया जा रहा है. बताया यह भी जा रहा है कि यह अवैध गुटखा कारोबारी जाविद का है, लेकिन पुलिस अभी इसकी तहकीकात करने में लगी है. अचलपुर के थानेदार आधार सिंह सोनोने के मार्गदर्शन में गुप्त सूचना के आधार पर रवि बवने, पुरूषोत्तम बावनेर, विनोद राउत व सचिन बुंबे ने कार्रवाई की है. तस्करों के हौसले बुलन्द अचलपुर पुलिस की बार-बार कार्रवाई के बाद भी अचलपुर में गुटखा तस्करों के हौसले बुलन्द हैं. अचलपुर थाना प्रभारी आधार सिंह ने पिछले डेढ़ वर्ष में शहर के दो बड़े तस्करों को यह अवैध धंधा बंद करने पर मजबूर कर दिया था. लेकिन इसके बाद भी भी थानेदार ने गुटखा विक्रेताओं को रंगे हाथों पकड़ा था. अभीतक 38 लाख का अवैध गुटखा आधार सिंह सोनोने ने पकड़ा है. इसके बावजूद वही तस्कर आज पुलिस व खाद्य पदार्थ फुड एंड ड्रग्स प्रशासन विभाग के बिना डर के बेखौफ अवैध गुटखा बेच रहे हैं. अचलपुर में जिन लोगों ने गुटखा तस्करी बंद कर दी थी, वे फिर से अपने तस्करी में आगे बड़ कर फिर इसकी शुरआत कर चुके हैं. चर्चा यह भी है कि एक तस्कर ने तो यहां तक दावा कर रहा है कि पुलिस हमारा कुछ नही बिगाड़ सकती, हमारा बड़ा डॉलर तस्कर बडनेरा से सब कुछ संभाल लेगा. फिलहाल कार्रवाई के नाम पर पुलिस को अवैध गुटखा पकड़ने का अधिकार नहीं है. उच्च न्यायालय के ऐसे आदेश से उनके हौसले परवान चढ़े हुए हैं. लेकिन सरकारी आदेशों और कानून का उल्लंघन करने वाले लोगों पर संबंधित विभाग को पुलिस थाने में ही मामला दर्ज करना होता है. अब खाद्य व औषधि प्रशासन को चाहिए कि छोटे-छोटे तस्करों पर कार्रवाई के साथ बड़े तस्करों परभी हाथ डाले. इसी सप्ताह अचलपुर के थानेदार आधार सिंह सोनोने ने 4 सितंबर को एएसआई शांतिलाल पटेल की दर्दनाक हत्या के मामले में कड़े कदम उठाना आरंभ कर दिया है. शहर में गांजेठिए, शराबी व जुआरियों के साथ वर्ली मटका व अवैध गुटखा के खिलाफ भी उन्होंने विशेष मोहीम छेड़ दी है. आज अचलपुर में सभी के मोबाइल पर थानेदार की पोस्ट धुमाल मचा रही है. अब रही बात तो अचलपुर पुलिस स्टेशन के अलावा दूसरा सरमसपुरा पुलिस स्टेशन अभी हाथ पर हाथ धरे बैठा है.

पुलगांव में डेंगु की दहशत, पीड़ितों को जल्द राहत दिलाने की मांग

नागरी सेवा समिति ने सीएस, विधायक, सांसद, आरोग्य मंत्री और नगर पालिका प्रशासन को ध्यान दिलाया अश्विन शाह पुलगांव (वर्धा) : वर्धा जिले की पुलगांव नगरी में इन दिनों डेंगु की दहशत व्याप्त है. डेंगु जैसी खतरनाक बीमारी की गम्भीर समस्या से शहर वासियों को राहत देने के उद्देश्य से पुलगांव नागरी सेवा समिति ने जिला शल्यचिकित्सा अधिकारी (सिविल सर्जन) से मांग की कि डेंगु पीड़ित रोगी के रक्त की जांच पुलगांव ग्रामीण अस्पताल को सेवाग्राम स्थित अस्पताल से कराने की व्यवस्था करने की मांग की गई. साथ ही स्थानीय पैथोलॉजी जांच केंद्रों द्वारा जांच के नाम पर लूट मचाए जाने पर रोक लगाने की भी मांग की गई. विश्राम भवन में पुलगांव नागरी सेवा समिति द्वारा आज पत्रकार परिषद में समिति ने यह मांग की. पत्रकार परिषद में समिति के गिरीश चौधरी, साबिर कुरैशी, कनु बजाज, सुरेश गणेश पुरे, प्रशांत इंगोले, अशोक म्हात्रे, बाबा खड़से, आरोग्य विभाग के प्रमोद कडु कार तथा नीलेश गायकवाड़, मानसिंग जांजोते तथा दिलीप साहू, जयपाल ठाकुर, मदन ढगे, भीमराव तिरपुड़े, रवि खड़से, अनवर हुसैन, नितिन बढे, जितु नंदेश्वर, शैलेश सहारे आदि समाज सेवक उपस्थित थे समिति ने सीएस, विधायक, सांसद, आरोग्य मंत्री और नगर पालिका प्रशासन से पुलगांव के लोगों द्वारा झेली जा रही इस गंभीर बीमारी की समस्या से राहत दिलाने की अपील की. उन्होंने कहा कि पुलगांव के ग्रामीण अस्पताल में सुविधा का अभाव है. यहां के डॉक्टर डेंगु, पीड़ित मरीज के रक्त की जांच समय पर नहीं करवा पाते हैं. क्षेत्र की गरीब जनता महंगे निजी अस्पतालों में पीड़ितों का इलाज कराने में असमर्थ हैं. स्थानीय पैथोलॉजी लैब. खून जांच करने की भारी फीस मांगते हैं. ऐसे में स्थानीय पीड़ित नागरिकों को बिना कोई राजनीति किए जल्द से जल्द राहत पहुंचाने की मांग पुलगांव नागरी समिति ने पत्र परिषद में की.

वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि. को मिला उत्कृष्टता का एवार्ड

एमजीएमआई के 7वें कोल समिट 2018 में, 'बड़े कोयला खनन प्रतिष्ठानों' की श्रेणी में सम्मानित हुई कंपनी नागपुर : वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) को उत्कृष्ट कार्य निष्पादन के लिए एवार्ड से सम्मानित किया गया है.गत दिवस दिल्ली में एमजीएमआई द्वारा आयोजित 7वें कोल समिट 2018 में, 'बड़े कोयला खनन प्रतिष्ठानों' की श्रेणी में परियोजना क्रियान्वयन के लिए "एक्सीलेंस इन परफॉर्मेंस एवार्ड" से सम्मानित किया गया. वेकोलि के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक राजीव रंजन मिश्र ने उक्त उपलब्धि पर टीम डब्ल्यूसीएल को बधाई दी है. कम्पनी की ओर से आनन्द आजमी, महाप्रबंधक (योजना एवं परियोजना) तथा नितिन सेन, वरिष्ठ प्रबंधक (योजना व परियोजना ) ने समारोह में उपरोक्त एवार्ड ग्रहण किया.

सांसद पप्पू यादव को भारत बंद के दौरान अज्ञात लोगों ने पीटा, रो-रोकर दी...

बताया- एसपी को, आईजी को, सीएम को फोन किया, किसी ने नहीं उठाया मेरा फोन सीमा सिन्हा पटना : जन अधिकार पार्टी (लोकतांत्रिक) के मुखिया और मधेपुरा से सांसद पप्पू यादव पर बुधवार, 6 सितंबर को बिहार के मुजफ्फरपुर में एसटी-एससी एक्ट के विरोध में 'भारत बंद' के दौरान बंद में शामिल अज्ञात लोगों द्वारा हमला होने का समाचार है. गंदी-गंदी गालियां देते हुए उन्होंने उनको पीटा राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव के जमाने में जिस पप्पू यादव की दबंगई की तूती बोलती थी, उस पप्पू यादव पर नीतीश कुमार के शासन में अज्ञात लोगों ने ऐसे हमला किया, यह जानकारी यहां प्रसार माध्यमों के प्रतिनिधियों के समक्ष रो-रोकर दिए उनके बयान के बाद टीवी समाचार से लोगों को मिली. उन्होंने बताया कि 'भारत बंद' वालों को उन्होंने कहाकि वे भी एससी-एसटी एक्ट के विरोध में उनके साथ हैं, इसके बावजूद गंदी-गंदी गालियां देते हुए उन्होंने उनको पीटा. मेरा गार्ड नहीं होता तो मुझे ये लोग मार देते प्रसार माध्यमों को अपनी आपबीती बताते हुए पप्पू यादव फूट-फूटकर रोने लगे. उन्होंने कहा, "मेरा गार्ड नहीं होता तो मुझे ये लोग मार देते. उन्होंने कहा कि मैंने एसपी को फोन किया. आईजी को फोन किया. सीएम को फोन किए, नहीं उठाए मेरा फोन. उन्होंने कहा, 'सीएम के सचिव ने तो फोन उठाया भी. हमने कहा जान बचा लीजिए, हम फंस गए हैं, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली." उन्होंने कहा, जिस तरह से मुझे मारा बता नहीं सकते. उन्होंने कहा कि जाति पूछ-पूछकर मारा गया. ट्वीट कर भी यादव ने दी जानकारी पप्पू यादव ने ट्वीट कर भी अपने ऊपर हुए हमले की जानकारी दी. उन्होंने लिखा 'नारी बचाओ पदयात्रा में मधुबनी जाने के दौरान हमारे काफिले पर भारत बंद के नाम पर गुंडों ने हमला किया. कार्यकर्ताओं को बुरी तरह जाति पूछ-पूछकर पीटा गया. आखिर बिहार में कोई शासन प्रशासन है, या नहीं! सीएम नीतीश कुमार आप किस कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं.' उल्लेखनीय है कि पप्पू यादव को वाई (Y) कटैगरी की सुरक्षा प्राप्त है.

एस-एसटी एक्ट के विरोध में भारत बंद को महाराष्ट्र सहित म.प्र., बिहार, राजस्थान में...

नई दिल्ली : एस-एसटी एक्ट (अनुसूचित जाति-जनजाति अधिनियम) के विरोध में सपाक्स द्वारा भारत बंद के आह्वान को मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, सहित महाराष्ट्र में भी समर्थन देखने को मिला. इन सभी राज्यों के प्रमुख शहरों के अलावा छोटे शहरों में भी विरोध के स्वर और हिंसक घटनाएं हुईं. महाराष्ट्र में भी बंद को मिला समर्थन महाराष्ट्र में भी सपाक्स द्वारा बंद के आह्वान को पूरा समर्थन मिला. ठाणे में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए और एससी-एसटी एक्ट का पुरजोर विरोध किया. महाराष्ट्र में दुकानों से लेकर पेट्रोल पंप बंद रहे. बंद का असर देखते हुए स्कूलों 5 सितंबर को ही स्कूलों की छुट्टी का ऐलान कर दिया गया था. भारत बंद को नागपुर में भी असर देखने को मिला. गुरुवार सुबह सवर्ण जाति के लोग शहर के वेरायटी चौक में एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. राज्य के अनेक इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर जाम लगा दिया. उधर इंटेलिजेंस के मुताबिक कुछ असामाजिक तत्व भीमा-कोरेगांव जैसे दंगे भड़काने की कोशिश में थे, जिसके चलते महाराष्ट्र के संदिग्ध इलाकों में ड्रोन्स की मदद से नजर रखी गई. मध्य प्रदेश में व्यापारियों ने भी किया समर्थन मध्य प्रदेश में हिंसा के आसार को देखते हुए ग्वालियर, भोपाल, भिंड, जबलपुर, सागर आदि शहरों में बंद को पूर्ण समर्थन मिला और हिंसक घटनाएं देखने को मिली. इन सभी शहरों में पुलिस ने एहतियातन व्यापक बंदोबस्त किए थे. ग्वालियर में बंद का समर्थन करते हुए व्यापारी वर्ग ने भी सभी दुकानों पर ताले जड़ दिए. भोपाल में भी मंडियों से लेकर सभी पेट्रोल पंप 4 बजे तक के लिए बंद रखे गए. इसी तरह बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के शहरों में भी बंद को व्यापक समर्थन मिलने के समाचार हैं. इन राज्यों में हिंसक वारदातें भी हुईं.

अनुच्छेद 377 : समलैंगिकता अब अपराध नहीं

पशुओं से संबंध अपराध की श्रेणी में, सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ का फैसला नई दिल्ली : समलैंगिकता अब अपराध नहीं है, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में बड़ा फैसला सुनाया है. इसी के साथ कोर्ट ने समलैंगिकता को अपराध करार देने वाली भारतीय दंड संहिता (भादंवि) के अनुच्छेद 377 के कुछ प्रावधानों को खत्म कर दिया है. संविधान पीठ ने अनुच्छेद 377 को आंशिक रूप से निरस्त करते हुए इसे संविधान में प्रदत्त समता के अधिकार का उल्लंघन करने वाला करार दिया. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने फैसले में कहा कि देश में सबको सम्मान से जीने का अधिकारी है. समाज को अपनी सोच बदलने की जरूरत है. पुरानी धारणाओं को छोड़ना होगा. हालांकि कोर्ट ने पशुओं से संबंध को अपराध की श्रेणी में रखा है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एलजीबीटी समुदाय को अन्य नागरिकों की तरह समान मानवीय और मौलिक अधिकार हैं. अनुच्छेद 377 ‘अप्राकृतिक अपराधों’ से संबंधित है. इसमें कहा गया है कि जो कोई भी स्वैच्छा से प्राकृतिक व्यवस्था के विपरीत किसी पुरुष, महिला या पशु के साथ गुदा मैथुन करता है तो उसे उम्र कैद या फिर एक निश्चित अवधि के लिए कैद, जो दस साल तक बढ़ाई जा सकती है, की सजा होगी और उसे जुर्माना भी देना होगा. शीर्ष अदालत ने हालांकि अपनी व्यवस्था में कहा कि अनुच्छेद 377 में प्रदत्त पशुओं ओर बच्चों से संबंधित अप्राकृतिक यौन संबंध स्थापित करने को अपराध की श्रेणी में रखने वाले प्रावधान यथावत रहेंगे. असहमति या जबरन बनाए गए संबंध भादंवि के इस अनुच्छेद के तहत अपराध बने रहेंगे. (समाचार स्रोतों से प्राप्त)