20 साल बाद हुंडई ने उतारे सेंट्रो के 5 नए मॉडल

हुंडई के ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने किया लॉन्च नई दिल्ली : हुंडई ने आज दिल्ली में सैंट्रो का नया मॉडल हुंडई के ब्रांड एंबेसडर बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान ने इस न्यू सैंट्रो को लॉन्च किया. सेंट्रो को भारत में लॉन्च हुए 20 साल हो गए हैं. 1998 में सेंट्रो पहली बार लॉन्च हुई थी और 2018 में सेंट्रो का नया मॉडल लॉन्च हुआ है. हुंडई सेल्स के वाईस प्रेसिडेंट विकास जैन का कहना है कि अब तक लोग 23000 से ज़्यादा की बुकिंग कर चुके है वो भी तब जब उन्होंने ये गाड़ी देखी भी नहीं. तो सोचिये की लोगों का गाड़ी में कितना भरोसा है. सेंट्रो के इस नई कार के अलग-अलग वेरिएंट की कीमत ये है- सैंट्रो डिलाइट - 3 लाख 89 हज़ार सैंट्रो इरा - 4 लाख 24 हज़ार 900 सैंट्रो मैग्ना - 4 लाख 57 हज़ार 900 सैंट्रो स्पोर्ट्स - 4 लाख 99 हज़ार सैंट्रो एस्टा - 5 लाख 45 हज़ार वहीं ऑटोमेटिक और सीएनजी में भी ये गाड़ी उपलब्ध है, जो 5 लाख 65 हज़ार के करीब तक जाती है. नई सैंट्रो की खासियत नई सैंट्रो को 6 नए बदलाव के साथ बाजार में उतारा गया है. जिसमें सबसे खास है डायनामिक टेंशन और टॉलबॉय डिजाइन. इस फीचर के साथ नई सैंट्रो में हेडरूम को बढ़ाया गया है, साथ ही शोल्डर रूम को भी तरजीह दी गई है. कुल मिलाकर सैंट्रो के बाहर का डिजाइन कुछ इस तरह दिया गया है - # इसकी लेंथ 3610 एमएम, विड्थ 1645 एमएम और हाइट 1560 एमएम है. # इसका व्हीलबेस 2400 एमएम रखा गया है और मैक्स टायर 165/70 आर 14 steel रखा गया है. # दूसरी खास बात ये की केबिन को भी खास तरजीह दी है. इसका केबिन कम्फ़र्टेबल और प्रीमियम रखा गया है. # वहीं पीछे बैठने वालों के लिए रियर एसी सेगमेंट रखा गया है, जो पहले की सैंट्रो में नहीं रखा गया था. 12 नई तकनीक का इस्तेमाल वहीं नई सैंट्रो में तीसरी खास बात नई तकनीक का इस्तेमाल की होगी. करीब 12 नई तकनीक का इस्तेमाल करके बनाया गया है. जैसे कि- - वॉइस रिकग्निशन, 17.64 सेमी टच स्क्रीन ऑडियो और वीडियो सिस्टम, स्मार्टफ़ोन कनेक्टिविटी भी है. - ईको कोटिंग तकनीक से गाड़ी में सिर्फ अच्छी हवा ही आ सकेगी. वहीं रियर पार्किंग कैमरा भी इस सैंट्रो में होगा. - चौथी खास बात ये है कि सेफ्टी पर ध्यान दिया गया है. - इसकी बॉडी पर ध्यान दिया गया है और बॉडी मज़बूत बनाई गई है. - पांचवीं खास बात है कि इसका माइलेज भी अच्छा है. 20 किलोमीटर प्रति लीटर से लेकर 30 किलोमीटर प्रति लीटर तक ये माइलेज देगी. - वहीं इसका पेट्रोल इंजन 1.1 लीटर होगा. और आखिरी खास बात ये है कि इसमें 3 साल/100000 किलोमीटर का रोड अस्सिस्टेंस मिलेगा. इसकी मेंटेनेंस कम कीमत पर होगी और एक दिन में सर्विस डिलीवरी मिल जाएगी और आपके दरवाजे तक सेवा दी जाएगी. नई सैंट्रो 7 अलग अलग रंगों में भारत में उपलब्ध होगी और इस बार आकर्षक डायना ग्रीन कलर भी शामिल किया गया है. इसके प्रतियोगी इयॉन, ग्रैंड आई 10 और मारुति की सेलेरियो होंगी.

गड़करी ने मार्केट क्षेत्र में सड़क की चौड़ाई कम करने से किया इंकार

नितिन गड़करी में बनकर तैयार सभी 68 दुकानें व्यापारियों को अलॉट करने का आदेश नागपुर : केंद्रीय मंत्री एवं नागपुर के सांसद नितिन गड़करी ने कलमना कृषि उत्पन्न बाजार समिति परिसर में होलसेल अनाज बाजार न्यू ग्रेन मार्केट में 68 दुकानों को अलॉट करने का आदेश कलेक्टर को दिया है. भाजपा व्यापारी आघाड़ी के संयोजन में रविवार को गड़करी के रामनगर स्थित कार्यालय के प्रांगण में होलसेल अनाज व्यापारियों सहित अन्य व्यापारी संगठनों की सभा हुई. सभा में उन्हें उपरोक्त जानकारी दी गई. उन्होंने पूर्व नागपुर के विधायक कृषणाजी खोपड़े को भी दुकान अलॉट करने में व्यापारियों को सहयोग प्रदान करने को कहा. दी होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट असोसिएशन के महासचिव प्रताप मोटवाने ने बाजार समिति में व्यापारियों को हो रही कठिनाइयों से गड़करी को अवगत कराया. साथ ही उन्होंने बाजार समिति से मिले सहयोग की जानकारी भी केंद्रीय मंत्री को दी. सड़क की चौड़ाई कम कराने से किया इंकार गड़करी ने व्यापारियों का यह सुझाव मानने से इंकार कर दिया कि सेन्ट्रल एवेन्यू में मेयो हॉस्पिटल से सुनील होटल तक 18 मीटर यानि 60 फुट की मार्ग की चौड़ाई कम कर 15 मीटर कर दी जाए. व्यापारियों का कहना था कि मार्ग की चौड़ाई कम करने से अनेक दुकानदारों की दुकानें टूटने से बच जाएंगी. गड़करी ने यह सुझाव मानने से इंकार करते हुए कहा कि शहर के भविष्य के विकास के मद्देनजर ऐसा करना उचित नहीं है. मार्केट एरिया में सड़कें चौड़ी होना व्यापारियों के भी हित में है. सभा में नाग विदर्भ चेम्बर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हेमंत गांधी ने विचार प्रकट किए. कार्यक्रम का आयोजन भाजपा व्यापारी अघाड़ी के संयोजन में हुआ. अध्यक्ष संजय वाधवानी ने अंत में आभार प्रदर्शन किया. सभा में महापौर श्रीमती नंदाताई जिचकार, स्थाई समिति सभापति विकीभाई कुकरेजा, नागपुर के कलेक्टर, विधायक कृष्णाजी खोपड़े, विधायक अनिल सोले, विधायक विकास कुंभारे, प्रवीण दटके, दयाशंकर तिवारी, मनपा ट्रस्ट के पदाधिकारी आदि उपस्तिथ थे.

देश के लोकतंत्र पर पूंजीपति काबिज : वाजपेयी

17वें रुईकर स्मृति व्याख्यान में वरिष्ठ पत्रकार पुण्यप्रसून का प्रतिपादन जीवंत शरण, नागपुर : 'हमारे लोकतंत्र और संविधान पर अब बड़े पूंजीपतियों का वर्चस्व हो गया है. इसकी कमान अब उनके हाथों में है. अब हमारे लोकतंत्र को चलाने के लिए इन्हीं कारपोरेट घरानों द्वारा भारी धन खर्च किए जा रहे हैं.' यह प्रतिपादन यहां वरिष्ठ पत्रकार पुण्यप्रसून वाजपेयी ने की. वे यहां दीक्षाभूमि स्थित आम्बेडकर महाविद्यालय के सभागार में आयोजित "कामगार केसरी रुईकर स्मृति व्याख्यान "भारतीय लोकशाही : दशा व दिशा" के अंतर्गत अपने विचार व्यक्त कर रहे थे. लूट रहे हैं मल्टीनेशनल... आर.एस. रुईकर इंस्टीच्यूट ऑफ लेबर एन्ड कल्चरल स्टडीज, नागपुर और अन्य सामाजिक संस्थाओं द्वारा आयोजित कार्यक्रम में वाजपेयी ने कहा कि देश की खुली अर्थव्यवस्था में भारी संख्या में मल्टीनेशनल सक्रीय हैं. विदेशों में अपने व्यवसाय के माध्यम से जो भी पैसा यहां लगा रहे हैं, उसका कई गुना ने यहां से लूट कर ले जा रहे हैं. उन्होंने आंकड़ों के हवाले से बताया कि पिछले दस वर्षों में मल्टीनेशन्स 50 लाख करोड़ रुपए से अधिक धन लूट कर अपने देश ले गए हैं. राजनीतिक दल सबसे बड़े रोजगारदाता... उन्होंने कहा कि लोगों को लगता है कि देश में रेलवे सबसे बड़ा रोजगारदाता है, लेकिन आपको जान कर आश्चर्य होगा कि राजनीति के क्षेत्र में पार्टियां सबसे बड़ी रोजगारदाता बन गई हैं. लोकसभा और विधानसभा चुनावों के मात्र 40 दिनों के प्राचार्य कार्य में राजनीतिक दल लाखों बेरोजगारों को करोड़ों रुपए देती हैं. पार्टियां 500 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से प्रति कार्यकर्ता 20 हजार रुपए खर्च कर रही हैं. अकेले भाजपा विभिन्न चुनावों में 6 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है. इसमें से अधिकांश राशि पूंजीपतियों और मल्टीनेशनल्स के पास से इन्हें मिल रही है. पेट्रोल-डीजल के सेस से 4 लाख करोड़ की कमाई और... उन्होंने बताया कि 2014 से 2018 तक पेट्रोल-डीजल की कीमतें तेजी से बड़ी हैं. 2015-16 में इससे 14 हजार 56 करोड़ रुपए सेस के रूप में देश की जनता से वसूले गए. इसी तरह पिछले तीन वर्षों में देश की जनता ने पेट्रोल-डीजल के सेस के रूप में सरकार को 4 लाख करोड़ सरकार को दिए हैं. इनमें से सरकार ने 2 लाख 30 हजार करोड़ रुपए विकास कार्यों पर खर्च किए और बाकी की राशि राजनीति, प्रचार और विदेश दौरों पर खर्च किए गए हैं. लोकसभा में 171, राज्यसभा में 51 दागी... लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में गंभीर अपराध करने वाले लोग जनप्रतिनिधि के रूप में बैठे हैं. वाजपेयी ने बताया कि लोकसभा में 171 सदस्यों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं. राजयसभा में 51 सदस्य दागी हैं. इनमें से 114 पर ऐसे-ऐसे गंभीर हैं, जिनमें उन्हें कम से कम 5 वर्षों की सजा हो सकती है. महाराष्ट्र विधानसभा में सर्वाधिक दागी विधायक इसी तरह विधानसभाओं के 4500 विधायकों में से 1355 विधायक दागी हैं. उन्होंने बताया कि राज्यों सर्वाधिक दागी विधायक महाराष्ट्र विधानसभा में हैं. महाराष्ट्र के कुल 282 में से 160 विधायक दागी हैं. जबकि 111 विधायकों पर गंभीर मामले दर्ज हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में भाजपा के सर्वाधिक 107 विधायक हैं और दूसरे नंबर पर उसकी...

पुत्र की हत्या में उ.प्र. विधानपरिषद सभापति की पत्नी गिरफ्तार

पुलिस की पूछताछ में अंततः कबूला अपराध, दुपट्टे से गला घोंट कर ली थी जान लखनऊ : उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के बेटे अभिजीत उर्फ विवेक यादव (23) की हत्या का खुलासा हुआ है. मां मीरा यादव ने ही अभिजीत की दुपट्टे से गला घोंटकर हत्या की थी. पर्यटन विभाग में अधिकारी रहीं मीरा यादव ने पूछताछ में अपना गुनाह कबूल लिया है. मिली जानकारी के अनुसार रमेश यादव ने दो शादियां की थीं. पहली पत्नी प्रेमा अपने बेटे आशीष के साथ एटा में रहती हैं. दूसरी पत्नी मीरा यादव दो बेटों के साथ लखनऊ के सरकारी आवास में रहती हैं. कहा जा रहा है कि रमेश यादव की दूसरी पत्नी से बातचीत नहीं थी. घटनाक्रम की एसएसपी नैथानी ने दी जानकारी मृतक की मां मीरा यादव द्वारा घटना दी गई जानकारी के अनुसार लखनऊ के एसएसपी कलानिधि नैथानी ने बताया कि अभिजीत नशे का आदी था और प्रतिदिन शराब पीकर मां मीरा देवी के साथ गाली-गलौच व अभद्रता करता था. रविवार रात भी वह शराब पीकर आया और मीरा देवी से गाली-गलौच करने लगा. जिस पर मीरा देवी ने उसे धक्का दे दिया. अभिजीत दीवार से टकराकर गिर गया और फिर उठकर गालियां देने लगा. इस दौरान धक्कामुक्की में अभिजीत दीवार से टकराकर बेहोश हो गया. ऐसे मां ने की बेटे की हत्या... इसके बाद मां मीरा यादव ने अपने दुपट्टे से अभिजीत का गला कसकर उसकी हत्या कर दी और वारदात में प्रयुक्त दुपट्टा चूल्हे में जलाकर नाली में फेंक दिया. वहीं, अभिजीत के गले में आए खरोंच के निशान को छिपाने के लिए सफेद क्रीम का इस्तेमाल किया. पुलिस ने चूल्हा व चोटों पर लगाई गई सफेद क्रीम बरामद कर जांच के लिए भेज दी है. अंतिम संस्कार के लिए लेजाते वक्त पुलिस ने रोका एसएसपी के अनुसार, परिजन मौत को प्राकृतिक बताकर बैकुण्ठ धाम में अंतिम संस्कार करने जा रहे थे. पुलिस को दोपहर सोशल मीडिया पर मैसेज चलने पर इस घटना की जानकारी हुई. इसके बाद पुलिस हरकत में आई और उन्हें रास्ते में रोका गया और डॉक्टरों का पैनल गठित कर पोस्टमार्टम करवाया गया, जिसमें दम घुटने से मौत होने की बात सामने आई. पूछताछ में माना कि उसी ने ली जान पुलिस की पूछताछ में देर रात मां मीरा ने अभिजीत की गला घोंट कर हत्या करने की बात स्वीकार कर ली है. इसके बाद विधान परिषद सभापति के बेटे अभिजीत की हत्या में पुलिस ने अभिजीत की मां मीरा को गिरफ्तार किया. जबकि उनके बड़े बेटे अभिषेक यादव को हिरासत में लिया है. मीरा यादव पर्यटन विभाग में अधिकारी थीं. उन्होंने कुछ दिन पहले ही इस्तीफा दे दिया था. पुलिस के मुताबिक, बेटे अभिजीत की हत्या के बाद मीरा ने घटनास्थल (कमरे) से साक्ष्य मिटाने की कोशिश की थी. बेटे अभिजीत की हत्या के मामले में आरोपी मां मीरा यादव को लखनऊ के कैंट थाना से कोर्ट भेज कर रिमांड पर ले लिया गया है. इससे पहले सुबह मीरा को विधायक आवास, दारुलशफा से गिरफ्तार कर कैंट थाना लाया गया था....

नितिन गड़करी के खिलाफ वारंट जारी

2014 के संसदीय चुनाव में आचार संहिता उल्लंघन का मामला नई दिल्ली : चुनावी आचार संहिता उल्लंघन के एक 2014 के लंबित मुकदमे में केंद्रीय भूतल परवहन, जहाजरानी एवं जलसंपदा मंत्री नितिन गड़करी और भदोही के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त के खिलाफ कोर्ट में उपस्थित नहीं होने पर दोनों के खिलाफ जमानती वारंट जारी हुआ है. शनिवार, 20 अक्टूबर को यह प्रकरण स्पेशल कोर्ट (एमपी/एमएलए) में सुनवाई के लिए नियत था. केंद्रीय मंत्री गड़करी और सांसद वीरेंद्र सिंह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए. इस पर दोनों के खिलाफ जमानती वारंट जारी कर दिया गया. अब मामले में अगली सुनवाई 18 दिसंबर को होगी. बता दें कि यह पूरा प्रकरण उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के सुरियांवा थाने का है. वादी अजय विक्रम और जंगीलाल मौर्य ने कार्यकारी मजिस्ट्रेट के समक्ष उस प्रकरण की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जांच के बाद केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद के विरुद्ध कोर्ट ने नोटिस जारी कर शनिवार को उन्हें कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश दिया था. बताया गया कि भाजपा प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह मस्त के समर्थन में सुरियांवा के राजेश सिंह के बाग में 28 अप्रैल 2014 को चुनावी सभा थी. इसके लिए प्रशासन ने शाम पांच बजे तक की ही अनुमति दी थी. आरोप के मुताबिक नितिन गड़करी ने पांच बजे के बाद वहां पहुंचकर जनसभा को संबोधित किया और भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में लोगों से मतदान करने की अपील की थी.

शरद पूर्णिमा 2018 : कोजा गिरी पर करें चंद्र दर्शन, पाएं कष्टों से छुटकारा

अमरावती : शरद पूर्णिमा पर कोजा गिरी उत्सव इसी माह आगामी बुधवार, 24 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इस दिन चंद्रमा की सोलह कलाओं की शीतलता देखने लायक होती है. यह पूर्णिमा सभी बारह पूर्णिमाओं में सर्वश्रेष्ठ मानी गई है. चंद्र किरणें अमृत बरसाती हैं पौराणिक मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा कि सोममय रश्मियां पेड़ पौधों और वनस्पतियों पर पड़ती हैं तो उनमे भी अमृत्व का संचार हो जाता है. इसीलिए इस दिन खीर बना कर खुले आसमान के नीचे मध्य रात्रि में रखने का विधान है. रात में चन्द्र कि किरणों से जो अमृत वर्षा होती है, उसके फल स्वरुप वह खीर भी अमृत सामान हो जाती है. उसमें चंद्रमा से जनित दोष शांति और आरोग्य प्रदान करने क्षमता स्वतः आ जाती है. यह प्रसाद ग्रहण करने से प्राणी मानसिक कष्टों से मुक्ति पा लेता है. कर्ज से मुक्ति माने का दिन शास्त्रों में इस पूर्णिमा को जागर व्रत, यानी 'कौन जाग रहा है'व्रत' भी कहते हैं. मान्यता है कि इस दिन की लक्ष्मी पूजा सभी कर्जों से मुक्ति दिलाती हैं. अतः शरदपूर्णिमा को कर्ज मुक्ति पूर्णिमा भी कहते हैं. इस रात्रि को श्रीसूक्त का पाठ, कनकधारा स्तोत्र, विष्णु सहस्त्रनाम का जाप और भगवान् कृष्ण का मधुराष्टकम् का पाठ ईष्ट कार्यों की सिद्धि दिलाता है और उस भक्त को भगवान् कृष्ण का सानिध्य मिलता है.

नहीं पता चल पाया है जब्त 10 करोड़ रुपए का राज

अदीलाबाद टोल नाके पर नागपुर से आ रही कार में मिले थे, दो गिरफ्तार हैदराबाद (तेलंगणा) : अदीलाबाद में पकड़े गए नागपुर से एक कार से लेकर कर्नाटक जा रहे 10 करोड़ रुपयों के बारे में अब तक पता नहीं चला है कि इतनी बड़ी रकम आखिर किस उद्देश्य से और किसके पास भेजी जा रही थी. पिछले शुक्रवार, 19 अक्टूबर को इस रकम के साथ पकड़े गए दो लोगों से पुलिस को कोई विशेष जानकारी नहीं मिल सकी है. उन दोनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. पुलिस को संदेह है कि यह रकम आगामी 7 दिसंबर को होने वाले तेलंगणा विधानसभा चुनाव के लिए किसी राजनीतिक दल की ओर से यहां भेजे गए हैं. अदीलाबाद के पुलिस अधीक्षक विष्णु एस. वारियर ने बताया कि राज्य में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राज्य भर में कड़े पुलिस बंदोबस्त किए गए हैं. उन्होंने कहाकि इस रकम की छानबीन जारी है. पता लगाया जा रहा है कि वास्तव में यह रकम किसके पास से और किसके लिए भेजी गई थी. ज्ञातव्य है कि महाराष्ट्र सीमा से लगे तेलंगणा के अदीलाबाद जिले के पिप्परवाड़ा टोल नाके पर तैनात पुलिस ने जब नागपुर से आ रही एक कार की जांच की तो उसमें पांच बैग नजर आए. बैगों को खोला गया तो सभी में 500 और 2000 रुपए के नोट भरे हुए थे. कार में सवार दो लोगों के पास से रकम संबंधी न तो कोई कागजात थे और नहीं उन दोनों ने पुलिस को कोई संतोषजनक उत्तर ही दिया. जब्त कार का नंबर कर्नाटक का है. उन्होंने पुलिस को बताया की हम दोनों बिजनेसमैन हैं और हम दोनों कर्नाटक के एक ही स्थान के रहने वाले हैं. उनका कहना था कि नागपुर से अपने व्यवसाय के पैसे वसूल कर हम अपने घर वापस लौट रहे थे.

किसान का सिर अलग कर धड़ ले गया नरभक्षी बाघ, अधखाया धड़ बरामद

धामणगांव तहसील के मंगरुल दस्तगीर गांव का युवा किसान बना शिकार अश्विन शाह, पुलगांव (वर्धा) : यहां से 15 किलोमीटर अंतर पर अमरावती जिले के धामणगांव तहसील के मंगरुल दस्तगीर गांव में शुक्रवार को एक बाघ युवा किसान राजेन्द्र देवराव निमकर (48) का शिकार कर धड़ लेकर गायब हो गया. देर रात घर वापस नहीं लौटने पर जब गांव वालों के साथ उसके परिजन किसान की खोज में निकले तो रात के 10.30 बजे एक स्थान पर मात्र राजेंद्र का सिर बरामद हुआ. आज शनिवार को जब फिर उसके धड़ की खोज शुरू हुई तो थोड़ी दूर पर किसान का धड़ तो मिला, लेकिन उसका पृष्ठ भाग बाघ ने खा लिया था. वन विभाग और मंगरुल दस्तगीर पुलिस की संयुक्त खोज अभियान में ग्रामवासी और मृतक राजेंद्र के परिजन भी साथ थे. इस घटना से परिसर में जबरदस्त खलबली मची हुई है. मृतक राजेन्द्र देवराव निमकर मंगरुल निवासी है. वह जिला परिषद सदस्य सुरेश निमकर का राजेंद्र चचेरा भाई है. उसके गांव से 8 किलोमीटर दूर उसका खेत है. विगत कुछ दिनों से पुलगांव-आर्वी मंगरुल गैरोली चिंचोली झाड़ा आदि गावों में वन विभाग ने किसानों और खेत मजदूरों को बाघ से सतर्क रहने ककी चेतावनी दी थी. ऐसे में शुक्रवार की शाम को राजेन्द्र अपने खेत पर गया था. शाम ढलने पर जब घर नहीं लौटा तो मंगरुल दस्तगीर पुलिस और वन विभाग के अधिकारियों के साथ परिजन और गांववासी उसे तलाश करने उसके खेत में पहुंचे तो एक स्थान पर राजेंद्र का खून से सना सिर नजर आया. पिछला सिर के नीचे का हिस्सा बाघ चट कर निकल चुका था. आज शनिवार को वनविभाग और पुलिस द्वारा धड़ की तलाश शुरू की गई. थोड़े अंतर पर मिले धड़ की स्थिति अत्यंत वीभत्स थी. इस नरभक्षी बाघ की इस वारदात से आसपास के 25 से 30 किलोमीटर तक लोगों में दहशत व्याप्त है. गौर करने की बात है कि यवतमाल वन विभाग द्वारा नरभक्षी बाघ को पकड़ने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है, किन्तु सफलता कोसों दूर नजर आती है. पैराग्लाइडिंग और ड्रोन कैमरा से लोकेशन लेकर विशेष शूटर की भी मदद ली जा रही है. लेकिन बाघ का कहीं आता-पता नहीं है. इस घटना के बाद वन विभाग के सर्च ऑपरेशन पर भी सवालिया निशान लग गया है.

शिरडी से ‘स्टार्टअप’ पहुंचा भोपाल, चढ़ावे के फूलों से बना रहे अगरबत्ती

युवा उद्यमियों ने गणपति पंडालों, मंदिरों से एकत्र किया 2.5 टन फूल, सड़े-गले फूलों से बना रहे खाद भोपाल : पूजा पंडालों और धार्मिक स्थलों में चढ़ने वाला फूलों को अब सामान्य कचरे के साथ खंती में नहीं फेंका जाएगा. बल्कि शिरडी की तर्ज पर भोपाल में भी इन फूलों से अगरबत्ती बनाई जाएगी. भोपाल नगर निगम स्वच्छता अभियान के तहत री-यूज थीम पर नवाचार कर रहा है. उल्लेखनीय है कि शिरडी के साई मंदिर में रोज करीब ढाई हजार किलो फूल चढ़ाए जाते हैं. यहां करीब सालभर से इन फूलों से अगरबत्ती बनाई जा रही है. शिरडी ट्रस्ट को जहां इससे आमदनी हो रही है, वहीं आसपास के गांवों के लोगों को रोजगार मिला है. पूजा पंडालों और धार्मिक स्थलों से 2.5 टन फूलों को एकत्र किया भोपाल नगर निगम ने भी गणपति उत्सव के दौरान पूजा पंडालों और धार्मिक स्थलों से 2.5 टन फूलों को एकत्र किया है. नवरात्रि के दौरान भी पंडालों और धार्मिक स्थलों से फूलों को एकत्र किया गया है. इसे 'यादगारे शाहजहांनी पार्क' में सुखाया जा रहा है. सूखे हुए फूलों को अलग किया जा रहा है, जबकि सड़े गले फूलों को खाद बनाने के लिए प्लांट में डाला जा रहा है. यही नहीं, निगम का स्वास्थ्य अमला तालाब में विसर्जन के दौरान निकलने वाले फूलों को शाहजहांनी पार्क भेजा जा रहा है. युवा उद्यमियों का प्रशंसनीय 'फ्लावर पावर स्टार्टअप' इस कार्य में युवा उद्यमी अभय वायंगंकर और प्रियंका गुप्ता ने 'फ्लावर पावर स्टार्टअप' के तहत इस अभियान को अपने हाथ मे लिया है. उनके साथ स्टार्टअप कम्यूनिटी के सदस्यों का भी सहयोग मिल रहा है. नगर निगम अपने संसाधनों से फूलों को संग्रह करने और जगह उपलब्ध कराने में सहयोग कर रहा है. ये युवा फूलों से अगरबत्ती बनाना और इसे बाजार में स्थापित करने की प्रक्रिया में जुटे हैं. युवा उद्यमी अभय के अनुसार वैसे तो मशीनों के माध्यम से फूलों से अगरबत्ती बनाना आसान है. लेकिन, इसमें लागत ज्यादा आ रही है. ऐसे समूहों से संपर्क किया जा रहा है, जो फूलों से अगरबत्ती बनाते हैं. कम खर्च में अगरबत्ती बनाकर इसे बाजार तक पहुंचाने की कवायद चल रही है. ऐसे आया आइडिया वर्तमान में धार्मिक स्थलों व तालाबों से निकलने वाला फूलों का वेस्ट कई बार सामान्य कचरे के साथ मिल जाता है. चूंकि इससे लोगों की धार्मिक आस्थाएं भी जुड़ी हैं, इसलिए इससे अगरबत्ती बनाने का विचार आया. अभय बताते हैं कि शिरडी सहित देश के कई शहरों में इसकी शुरुआत हो चुकी है. इसलिए इसे भोपाल में भी स्टार्टअप के तहत शामिल किया है. ('नई दुनिया' से साभार)

नीरज के विक्रम से गूंज रहा है “मोटू और पतलू की जोड़ी” का डंका

रायपुर (छत्तीसगढ़) : बच्चों का पसंदीदा टी.वी. कार्टून सीरियल "मोटू और पतलू की जोड़ी..." की गूंज अब बड़ों के बीच भी खासा लोकप्रिय हो गया है. इस कार्टून सीरियल की दीवानगी ऐसी है कि बाजार में खिलौने तक मोटू-पतलू के नाम से खूब बिकते हैं क्योंकि ये बच्चों को खूब भाते हैं. मोटू और पतलू सीरियल के निर्देशक नीरज विक्रम ने बताया कि उन्होंने कॉमिक्स की कहानी में थोड़ा बदलाव कर इसमें इस्पैक्टर चिंगम और डॉ. झटका का किरदार डाला, जो कहानी में रोमांच के साथ इसे मजेदार बनाने में बड़ा मददगार हुआ है. यह बच्चों से लेकर बड़ों को भी पसंद आ रहा है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिविल लाइन के रहने वाले नीरज ने दोनों ही कार्टून किरदारों की कहानी फिर से लिखीं. इसके साथ ही कार्टून सीरियल की दुनिया में मोटू-पतलू अपना परचम लहरा रहा है. 1975 के दशक में आई केतन पांडेय की कामिक्स मोटू-पतलू को टीवी के परदे तक रायपुर के नीरज विक्रम ने ही पहुंचाया. 20 साल के कॅरियर में नीरज विक्रम ने बच्चों से जुड़ी कहानियां भी लिखीं हैं. उनका मानना है कि बच्चों के मनोरंजन के लिए बच्चों की स्वस्थ कहानियां उनके मानसिक विकास में भी सहायक होती हैं. छत्तीसगढ़ कॉलेज के लॉ के छात्र नीरज विक्रम ने वकालत का कोर्स तो कर लिया, लेकिन फिल्मी दुनिया से लगाव उन्हें मुंबई खींच लाया. वहां पहुंच कर उन्होंने कई स्टोरी लिखीं. इसमें शाका-लका बूम-बूम, सोनपरी जैसी बच्चों से जुड़ी कहानियां लिखीं. लेकिन सर्वाधिक सफलता मिली 'मोटू और पतलू' से. (इनपुट-'नई दुनिया' से)