घर में घुसकर नाबालिग से सामूहिक रेप, 3 में से 2 गिरफ्तार

माता-पिता को पहले मारपीट और धमकाकर घर से बाहर निकाल दिया मुंबई : मुंबई के भिवंडी में एक नाबालिग लड़की के घर में घुस कर उसके साथ रेप करने वाले तीन नराधमों में से दो को गिरफार करने में पुलिस सफल रही है. तीसरे की तलाश जारी है. प्राप्त जानकारी के अनुसार यहां न्यू आजादनगर में माता-पिता को मारपीट और धमकाकर घर से बाहर निकाल दिया और तीनों ने उनकी नाबालिग लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया. माता-पिता की गुहार पर बचाने कोई सामने नहीं आया हालांकि इस घटना से इलाके में खलबली मच गई है, लेकिन उस दौरान, जब मां-बाप बाहर लोगों से मदद की गुहार कर रहे थे, तब कोई उनकी लड़की को बचाने सामने नहीं आया. यह घटना भिवंडी के न्यू आजादनगर में घटी. दरिंदों ने माता-पिता को चाकू दिखाकर डराया-धमकाया और घर से बाहर निकाल कर एक नाबालिग युवती के साथ तीन लोगों ने दुष्कर्म किया. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ्तार किया है और एक अब तक फरार है. तीन नराधमों ने किया बलात्कार मामला मुंबई के भिवंडी स्थित न्यू आजादनगर का है, जहां एक नाबालिग के पीछे पड़े तीन दरिंदों की हिम्मत इतनी बढ़ गई कि वे उसके घर में घुस गए. घर में मौजूद मां-बाप के साथ गाली-गलौच की और मारपीट भी की. मारपीट के बाद उन्हें घर के बाहर निकाल दिया और लड़की के साथ बलात्कार किया. इस दौरान मां-बाप बाहर खड़े बेबस देखते रहे और मदद की गुहार लगाते रहे. आरोपी 14 फरवरी तक पुलिस हिरासत में तीनों बलात्कारियों के खिलाफ शांतिनगर पुलिस स्टेशन में बलात्कार का मामला दर्ज किया गया है. उनके नाम इमरान खान (उम्र 24), जावेद खान (उम्र 23) और किन्ना बताए जाते हैं. इसमें से गिरफ्तार दो लोगों इमरान और जावेद को पुलिस ने ठाणे के जिला सत्र कोर्ट में पेश किया है. दोनों को 14 फरवरी तक पुलिस हिरासत सुनाई है.

अमिताभ अचानक लीलावती अस्पताल में भर्ती

मुंबई : बॉलीवुड के महानायक अभिनेता अमिताभ बच्‍चन को उन्हें मुंबई लीलावती अस्‍पताल में भर्ती कराया गया है. अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने के बाद आज शुक्रवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती कराने का फैसला किया गया. पारिवारिक सूत्रों ने 'विदर्भ आपला' को बताया कि अमिताभ बच्चन को पेट से जुड़ी तकलीफ के कारण अस्पताल में दाखिल कराया गया है. हालांकि, उनकी तबीयत फिलहाल कैसी है, इसको लेकर ज्यादा जानकारी नहीं दी गई है. सूत्रों के अनुसार उनके परिवार के सभी सदस्‍य अस्‍पताल में उनके साथ मौजूद हैं. इससे पहले 2012 में भी पेट की सर्जरी के लिए बिग बी को 12 दिन तक अस्पताल में रहना पड़ा था. 69 वर्षीय अभिनेता पहले भी पेट से जुड़ी बीमारियों से जूझते रहे हैं.
रविवार

रविवार की छुट्टी किसने दिलाई? जानिए क्या है उद्देश्य और इतिहास!

प्रवीण बागी हालांकि 137 वर्षों बाद भी असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के शोषण में आज भी विशेष कमी नहीं आई है, फिर भी यह जानना सुखद लगता है कि मजदूरों के शोषण के विरुद्ध अपने देश में भी कभी किसी भारतीय ने ही आठ वर्षों तक आंदोलन चला कर तत्कालीन अंग्रेज सरकार को बाध्य किया था कि वह मजदूरों को सप्ताह में कम से कम रविवार को एक दिन का अवकाश घोषित करे और उस एक छुट्टी के दिन का उसकी मजदूरी अथवा वेतन नहीं काटा जाए. अफसोस की बात तो यह है कि ऐसे महापुरुष को आज भी वामपंथी नेतृत्व के मजदूर आंदोलन के लोग भी याद नहीं करते. 1881 में शुरू किया गया आंदोलन 8 वर्षों बाद रंग लाया उस महापुरुष के कारण ही देश के मजदूरों और कर्मचारियों के लिए सरकार ने रविवार को साप्ताहिक अवकाश का दिन घोषित करने पर बाध्य हुई. उस महापुरुष का नाम है "नारायण मेघाजी लोखंडे". लोखंडे जी ने यह आंदोलन 1881 में शुरू किया था. उन्होंने अंग्रेजी सरकार के समक्ष 1881 में ही यह प्रस्ताव रखा था. लेकिन अंग्रेज इसे मानने के लिए तैयार नहीं थे. अंग्रेजी सरकार के विरुद्ध उन्होंने इसके लिए जो आंदोलन शुरू किया, वह दिन ब दिन जोर पकड़ता गया और आखिरकार 1889 में अंग्रेजों को रविवार के दिन को साप्ताहिक अवकाश का दिन घोषित करने के लिए मजबूर होना पड़ा. अब तो सप्ताह में दो दिनों के अवकाश की ओर हम बढ़ रहे हैं. यह दो दिन भी समाज के काम कभी आ सकेगा, इसमें संदेह ही है. समाज के लिए साप्ताहिक अवकाश नारायण मेघाजी लोखंडे तत्कालीन पुना (अब पुणे) में शिक्षा महर्षि और विख्यात समाजसेवी महात्मा ज्योतिराव फुलेजी के सत्यशोधक समाज आन्दोलन के सक्रीय कार्यकर्ता थे. साथ ही वे कामगार नेता भी थे. अंग्रेजों के समय में सप्ताह के सातों दिन मजदूरों को काम करना पड़ता था. लेकिन नारायण मेघाजी लोखंडे जी का मानना था कि सप्ताह में सात दिन हम अपने परिवार के लिए काम करते हैं, लेकिन जिस समाज की बदौलत हमें नौकरियां मिली हैं, उस समाज की समस्या की ओर ध्यान देने और समस्या दूर करने के लिए हमें एक दिन छुट्टी मिलनी ही चाहिए. उनका मानना था कि मजदूरों, कर्मचारियों के सप्ताह के अवकाश का एक दिन समाजसेवा के लिए होना चाहिए. मनोरंजन और आराम का दिन बन गया परिवार की समस्या पर ध्यान देने के साथ ही मजदूर और कर्मचारी अपने समाज के लिए भी काम आ सकें, इस उद्देश्य से लोखंडे जी का यह आंदोलन इस मायने में सफल तो हो गया कि मजदूरों को सप्ताह का एक दिन रविवार, सवैतनिक अवकाश का मिल गया, लेकिन थोड़े समय बाद ही स्वयं मजदूरों और कर्मचारियों ने ही लोखंडे जी के सपनों को धुसरित करना शुरू कर दिया. अब समाज सेवा की बात गौण होती चली गई है. अब तो 90 प्रतिशत से अधिक मजदूर और कर्मचारी साप्ताहिक अवकाश रविवार को मात्र अपने मनोरंजन और आराम का दिन ही मानने लगे हैं. साप्ताहिक अवकाश पर हमारा हक नहीं, "समाज का हक" है अनपढ़ लोगों को भले ही लोखंडे जी के इस देन की जानकारी न हो, पढ़े-लिखे लोग भी...

आधार कार्ड आपने लैमिनेट करा रखा है तो गए काम से…

सामान्य कागज पर डाउनलोड किया आधार कार्ड या मोबाइल आधार कार्ड ही पूरी तरह से मान्य नई दिल्ली : अपने आधार कार्ड को यदि आपने लैमिनेट करा रखा है या फिर प्लास्टिक स्मार्ट कार्ड के तौर पर उसे उपयोग करते हैं तो मान लें कि हो गई छुट्टी...!... ऐसा करने पर आपके आधार का क्यूआर कोड काम करना बंद कर सकता है या फिर निजी जानकारी चोरी हो सकती है. यूआईडीएआई प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड्स के इस्तेमाल पर चिंतित यह कहना है आधार कार्ड तैयार करने वाली सरकारी एजेंसी 'भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण' अर्थात यूआईडीएआई का. यूआईडीएआई ने प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड्स के इस्तेमाल को लेकर चिंता जताई है. उसका कहना है कि ऐसा करने पर आपकी मंजूरी के बिना ही आपकी जानकारी किसी तरह पहुंच सकती हैं. यूआईडीएआई के सीईओ अजय भूषण पांडे ने कहा कि सामान्य कागज पर डाउनलोड किया गया आधार कार्ड या फिर मोबाइल आधार कार्ड ही पूरी तरह से मान्य है. आधार स्मार्ट कार्ड्स की प्रिटिंग अनावश्यक यूआईडीएआई ने कहा कि आधार का कोई एक हिस्सा या मोबाइल आधार पूरी तरह से मान्य है. आधार स्मार्ट कार्ड्स की प्रिटिंग पर 50 रुपए से लेकर 300 रुपए तक का जो खर्च आता है, वह पूरी तरह से बेकार है. यूआईडीएआई की ओर से जारी बयान में कहा गया, 'प्लास्टिक या पीवीसी आधार स्मार्ट कार्ड्स अकसर बेकार होते हैं. इसकी वजह यह होती है कि क्विक रेस्पॉन्स कोड आमतौर पर काम करना बंद कर देता है. इस तरह की गैर-अधिकृत प्रिंटिंग से क्यूआर कोड काम करना बंद कर सकता है.'

इलेक्ट्रिक वाहनों की बहार लेकर आएगा देश का सबसे बड़ा वाहन मेला ‘ऑटो एक्सपो’

सरकारी नीतियों के अनुरूप हरित प्रौद्योगिकी वाले वाहन ही होंगे इस मेले की थीम नई दिल्ली : देश का सबसे बड़ा वाहन मेला 'ऑटो एक्सपो 2018' इसी बुधवार, 7 फरवरी से शुरू होने वाला है. वाहन कंपनियां मेले में इलेक्ट्रिक कारों के अलावा तमाम दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों के अनावरण करने वाली हैं. यह ऑटो एक्सपो आम लोगों के लिए शुक्रवार, 9 फरवरी से शुरू होकर आगामी बुधवार, 14 फरवरी को खत्म होगा. ऑटो एक्सपो में सरकार की भावी नीतियों की झलक मिलेगी. सरकार ने संकेत भी दिया है कि 2030 तक देश में सभी वाहनों को इलेक्ट्रिक करना लक्ष्य है. नियमित दहन इंजन के साथ पूरी तरह नए मॉडल के अलावा इलेक्ट्रिक वाहन एवं हरित प्रौद्योगिकी वाले वाहन इस साल की थीम होंगे. कोरिया की प्रमुख कंपनी किया मोटर्स पहली बार उतरेगी कार बनाने वाली कोरिया की प्रमुख कंपनी किया मोटर्स पहली बार इस ऑटो एक्सपो में अपनी मौजूदगी दर्ज करेगी, क्योंकि वह अगले साल घरेलू बाजार में दस्तक देने के लिए तैयार है. टाटा मोटर्स भी ऑटो एक्सपो में अपने इलेक्ट्रिक यात्री एवं वाणिज्यिक वाहनों को प्रदर्शित करेगी. अशोक लीलैंड भी इलेक्ट्रिक बसों को प्रदर्शित करेगी. मारुति सुजूकी अपना पहला कॉन्सेप्ट इलेक्ट्रिक वाहन 'सरवाइवर' पेश करेगी कार बनाने वाली देश की सबसे बड़ी कंपनी मारुति सुजूकी अपने पहले कॉन्सेप्ट इलेक्ट्रिक वाहन 'सरवाइवर' का अनावरण करेगी. कंपनी ने कहा है कि यह कॉन्सेप्ट भारत में कलपुर्जों के स्थानीय विनिर्माण, चार्जिंग बुनियादी ढांचा और बैटरियों की रीसाइकलिंग सहित इलेक्ट्रिक वाहनों का पूरा जीवन-चक्र विकसित करने में मारुति सुजूकी की प्रतिबद्धता का प्रतीक है. इसके अलावा कंपनी हाइब्रिड वाहन प्रणाली के एक वर्किंग मॉडल की झलक भी दिखाएगी. सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने का संकेत दिया है, लेकिन इसके बावजूद कंपनी का मानना है कि हाइब्रिड वाहनों से उत्सर्जन और ईंधन की खपत में कमी आएगी. एक्सपो में होगा हुंडई का भी आयनिक इलेक्ट्रिक वाहन मारुति की करीबी प्रतिस्पर्धी हुंडई एक्सपो में आयनिक इलेक्ट्रिक वाहन को प्रदर्शित करेगी. इसके अलावा आयनिक के एक हाइब्रिड मॉडल को भी प्रदर्शित किया जाएगा. कंपनी अगले साल भारतीय बाजार में एक इलेक्ट्रिक कार उतारने की तैयारी कर रही है, ताकि यहां के खरीदारों के मिजाज का अंदाजा लगाया जा सके. महिंद्रा एंड महिंद्रा छह नए इलेक्ट्रिक वाहन उतारेगी देसी वाहन कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा मेले के दौरान छह नए इलेक्ट्रिक वाहनों का अनावरण करेगी, जिसमें दो भविष्य के लिए कॉन्सेप्ट वाहन होंगे. कंपनी को सबसे पहले इलेक्ट्रिक कार उतारने का फायदा मिलेगा. वाहन मेले में इस बार फोक्सवैगन, निसान, फोर्ड और जीएम जैसी प्रमुख कार कंपनियां नहीं नजर आएंगी. जीएम पिछले साल ही भारतीय बाजार से बाहर हो गई थी. पिछले ऑटो एक्सपो में भाग न लेने वाली बजाज ऑटो और रॉयल एनफील्ड जैसी कंपनियां इस साल भी मेले से दूर रहेंगी.

बाघ साहेबराव जल्द चल सकेगा नकली पैरों पर

नागपुर : बाघ साहेबराव, को नकली पैर लगाया जाएगा. दुनिया में पहली बार किसी बाघ को नकली पैर लगाया जाने वाला है. उसके लिए देश के चोटी के ऑर्थोपीडिक सर्जन और महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान यूनिवर्सिटी के डॉक्टर एकजुट हुए हैं. शिकारियों के पिंजड़े में फंसकर गंवा चुका है अपना पैर आठ साल के साहेबराव को गोद लेने वाले ऑर्थोपीडिक सर्जन डॉ. सुश्रुत बभूलकर के अनुसार 2012 में शिकारियों के पिंजड़े में फंसकर वह अपना पैर गंवा चुका है. साहेबराव, जब दो साल का था तब वह और उसका भाई शिकारियों के जाल में फंस गए थे. उसके भाई को बचाया नहीं जा सका था, जबकि साहेब का एक पैर घायल हो गया था. जर्मनी के एओ फाउंडेशन से आर्टिफिशल पैर मंगाएंगे डॉ. बभूलकर ने बताया कि अब तक कुत्तों और हाथियों को कृत्रिम पैर लगाए गए हैं, लेकिन बाघों के साथ यह प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है. उन्होंने बताया बाघ को लंगड़ाकर चलते हुए देख उन्होंने बहुत बुरा लगता है. इसलिए, अब वह जर्मनी के एओ फाउंडेशन से आर्टिफिशल पैर मंगाएंगे. यह फाउंडेशन इंसानों और जानवरों में फ्रैक्चर ठीक करने में एक्सपर्ट माना जाता है.

महाराष्ट्र के 11 हजार 700 शासकीय कर्मियों को गंवानी पड़ेगी नौकरी

बोगस प्रमाणपत्र के आधार पर एससी, एसटी प्रवर्ग में बहाली का मामला मुंबई : महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति, जन जाति (एससी, एसटी) प्रवर्ग में बोगस प्रमाणपत्र के आधार पर शासकीय और शैक्षणिक संस्थानों नौकरी पाने वाले कर्मचारियों को हटाने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. इसके लिए कोर्ट ने राज्य सरकारको सात महीने का समय दिया है. यह सात महीने अब पूरे होने को हैं. कोर्ट के इस निर्णय से राज्य के लगभग 11 हजार 700 शासकीय और शैक्षणिक कर्मचारियों का भविष्य संकट में पड़ गया है. इनमें से ऐसे अनेक कर्मचारी हैं, जो पिछले दो दशकों से शासकीय सेवा में कार्यरत हैं. जुलाई 2017 में ही कोर्ट ने दिया था आदेश इस आशय का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2017 में आदेश दिया था. आदेशानुसार, जो व्यक्ति नकली प्रमाणपत्र के आधार पर शासकीय नौकरियां पाने दोषी रहे हैं, उन्हें अब अपनी नौकरी गंवानी पड़ेगी. मुख्य सचिव पर भी लटकी कोर्ट के अवमानना की तलवार किन्तु अभी तक कोर्ट के फैसले को लागू नहीं करने पर राज्य के मुख्य सचिव के विरोध में न्यायालय की अवमानना की याचिका दाखिल कर दी गई है. इस कारण अब मुख्य सचिव ने सामान्य प्रशासन विभाग को कोर्ट का आदेश जल्द से जल्द लागू करने का आदेश दे दिया है. क्लर्क से लेकर उपसचिव स्तर तक के लोग शामिल बोगस प्रमाणपत्र के आधार पर सरकारी नौकरी पाने का मामला देश के अन्य राज्यों में सामने आ चुका है. किन्तु महाराष्ट्र में ऐसा मामला पहले कभी सामने नहीं आया. अब इस मामले के सामने आने से राज्य शासन के समक्ष नई मुश्किलें खड़ी होने की संभावना बन गई है. बोगस प्रमाणपत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले एसटी और एससी प्रवर्ग के 11 हजार 700 कर्मचारियों में क्लर्क से लेकर उपसचिव स्तर तक के लोग शामिल हैं.

गढ़चिरोली के सिंरोचा में मिले लाखों वर्ष पुराने डायनासोर के जीवाश्म

गढ़चिरोली : भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम ने चंद्रपुर में एक भूगर्भ खोजी अभियान के तहत लाखों वर्ष पूर्व धरती पर वास करने वाले डायनासोर के जीवाश्म ढूंढ निकाले हैं. गढ़चिरोली जिले के सिरोंचा जंगलों में यह जीवाश्म पाए गए हैं. इन अवशेषों के मिलने से वैज्ञानिकों की टीम की यह एक भारी सफलता मानी जा रही है. अवशेषों को आगे प्रक्रिया व जांच के लिए भिजवा दिया गया है. भारत और अमेरिका के वैज्ञानिकों की संयुक्त टीम वॉशिंगटन विश्वविद्यालय के भूगर्भ वैज्ञानिक डॉ.जार्ज विल्सन, मिशिगन युनिवर्सिटी के डायनासोर वैज्ञानिक डॉ.जेफ विल्सन, पूर्व डेप्युटी डायरेय्टर जनरल और विभाग प्रमुख जिआलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के डॉ.धनंजय मोहाबे, सिरोंचा जंगलों के सर्वेक्षक डॉ.डी.के. कपगाते, नुसरत बाबर शेख तथा तुषार चव्हाण इस टीम में शामिल थे. इस टीम ने सिरोंचा के जंगलों में अपनी खोज प्रारंभ की. अपने अभियान के दौरान इस टीम को सिनरोचा तहसील के कोटापल्ली, बिट्टूर और बोरगुंडम गांवों से डायनासोर के जिवाश्म प्राप्त हुए. वैज्ञानिकों के अनुसार ये जिवाश्म कोटा बनावट के हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार ये जिवाश्म डायनासोर के पंजे और गर्दन के हो सकते हैं तथा ये लगभग डेढ़ सौ मिलियम वर्ष पूर्व के हैं. अब इन जिवाश्मों को प्रयोगशाला में आगे की जांच के लिए भेजा जाएगा. डायनासोर, मछली और पौधों के जिवाश्म 2015 में भी मिले थे डायनासोर, मछली और पौधों के ये जिवाश्म सिरोंचा के जंगलों से 2015 में भी एकत्रित किए गए थे. उसके बाद यहां एक जिवाश्म पार्क भी सिरोंचा के समीप वडधाम ग्राम में विकसित किया गया. इन जिवाश्मों की आगामी अंतर्राष्ट्रीय स्तर के अध्ययन और खोज के लिए इन खोजी वैज्ञानिकों को अमेरिका से बुलाया गया है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जीवाश्म पार्क स्थापित करने की योजना पाए गए इन जीवाश्म को आगे की जांच के लिए जीवाश्म पार्क में रखा जाएगा. उल्लेखनीय है कि देश में सिरोंचा एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां पेड़ों, मछली तथा जानवरों के जीवाश्म एक ही स्थान पर पाए गए हैं. अब यह प्रयास किया जा रहा है कि सिरोंचा में एक अंतर्राष्ट्रीय स्तर का जीवाश्म पार्क स्थापित किया जाए. यह जानकारी सिरोंचा के वनविभाग के उप वन संरक्षक चव्हाण ने दी.

नागपुर विवि सिनेट के स्नातक क्षेत्र की 10 सीटों के लिए मतदान आज

17 हजार 340 मतदाता अपने मताधिकार का करेंगे प्रयोग नागपुर : राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय के स्नातक चुनाव क्षेत्र की 10 सीटों के लिए रविवार, 4 फरवरी को मतदान होंगे. चुनाव में कुल 17 हजार 340 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. इसके लिए नागपुर शहर सहित पूर्वी विदर्भ के पांच जिलों में कुल 81 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. 10 स्थान के लिए 37 उम्मीदवार चुनाव मैदान में विश्वविद्यालय के सिनेट में स्नातक क्षेत्र के 10 स्थान के लिए 37 उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इनमें ओपन (खुले) प्रवर्ग की 5 सीटों के लिए सर्वाधिक 17 उम्मीदवार खड़े हैं. ये सभी शिक्षण मंच, विद्यार्थी संग्राम परिषद, सेक्युलर पैनल और परिवर्तन पैनल के उम्मीदवार हैं. इन 5 सीटों के लिए जोरदार मुकाबला देखने को मिला है. इसके अलावा अनुसूचित जाति गुट से 5, तअनुसूचित जनजाति प्रवर्ग से 4, विमुक्त जाति गुट से 3, अन्य पिछड़ा प्रवर्ग से 5 और महिला प्रवर्ग से 3 उम्मीदवार हैं.

लोणावला के समीप भीषण सड़क दुर्घटना में 5 की मौत, 2 गंभीर

पुराने मुंबई-पुणे राष्ट्रीय महामार्ग पर रिट्ज कार ने आयशर टेम्पो को मारी सामने से टक्कर पुणे : पुराने मुंबई-पुणे राष्ट्रीय महामार्ग पर लोणावला के समीप साई मोरेश्वर होटल के सामने आयशर टेम्पो और रिट्ज कार के बीच आमने-सामने की भीषण भिड़ंत में रिट्ज कार के 5 यात्रियों की दुर्घटना स्थल पर ही मौत हो गई, अन्य तीन लोग बुरी तरह जख्मी हैं. यह दुर्घटना आज शनिवार को रात्रि लगभग 9 बजे हुई. दुर्घटना के बारे में मिली प्राथमिक जानकारी के अनुसार पुराने मुंबई-पुणे राष्ट्रीय महामार्ग क्रमांक-4 पर होटल साई मोरेश्वर के सामने एक रिट्ज कार (एम.एच. 04/डी.वाय. 6346) ने तेज गति से आयशर टेम्पो (एम.एच. 09/बी.सी. 8278) को सामने से जोरदार टक्कर मार दी. यह भीषण दुर्घटना का बना. इस दुर्घटना में कार में बैठे कुल 7 लोगों में से 5 की जान मौके पर ही चली गई. अन्य दो की हालत गंभीर है. मृतकों में 4 महिलाएं और एक पुरुष का समावेश है. अन्य दो घायलों सहित अन्य सभी को महामार्ग पुलिस ने पास के लोणावला अस्पताल में पहुंचा दिया है. कार में सवार सभी लोग रिदम होटल के कर्मचारी बताए जाते हैं.