*सीमा सिन्हा,
पटना : बिहार में सत्ता पक्ष में बड़े घटक भाजपा, लगता है अपना संख्या बल बढ़ाने की कोशिशें तेज कर दी है. उसने विपक्षी गठबंधन के कांग्रेस के 11 विधायकों पर डोरे दाल दिए हैं. अरुणाचल में अपने सहयोगी दल जेडीयू के ही छह विधायकों को ही शामिल करने के बाद अब बिहार में भी गतिशील होता नजर आ रहा है. लेकिन फिलहाल यहां अपने एनडीए गठबंधन में कोई छेड़छाड़ तो नहीं कर रहा, लेकिन उसकी नजरें विपक्षी गठबंधन पर जरूर है.
विपक्षी गठबंधन के एक घटक कांग्रेस पार्टी के 11 विधायकों के बारे में आ रही खबर इस बात की पुष्टि करता नजर आ रहा है. क्योंकि कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक भरत सिंह ने माना है कि ये 11 विधायक टूट कर एनडीए में शामिल हो सकते हैं. उन्होंने दावा किया है कि पार्टी में जल्द ही यह सब सामने आ जाएगा. हालांकि, कांग्रेस हाईकमान ने उनके बयान को खारिज कर दिया है.
भरत सिंह का दावा है कि बिहार में पार्टी छोड़ने वाले नेताओं में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा व कांग्रेस विधायक दल के नेता अजित शर्मा के भी नाम जुड़ सकते हैं. कांग्रेस नेता के इस बयान पर बिहार में राजनीति गर्मा गई है.
ज्ञातव्य है कि हाल में सम्पन्न हुए बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 19 विधायक जीते हैं. भरत सिंह ने दावा किया कि इनमें से 11 विधायक ऐसे हैं, जो बाहर से आए और चुनाव जीत गए. ये पार्टी का कैडर नहीं हैं. उन्होंने आरोप लगाया चुनाव में कई लोगों ने पैसा देकर टिकट हासिल किए. भरत सिंह ने कहा कि बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए अपना संख्या बल बढ़ाने के लिए लगातार प्रयासरत है. ऐसे में कांग्रेस के विधायकों पर उसकी नजर है. भरत सिंह ने कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा पर भी पार्टी तोड़ने की इच्छा रखने वालों में शामिल होने का आरोप लगाया.
उनका कहना है कि ‘जो 11 कांग्रेस विधायक पार्टी छोड़ना चाहते हैं, उन सब के मार्गदर्शक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, राज्यसभा सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह और वरिष्ठ कांग्रेसी नेता सदानंद सिंह हैं. सदानंद सिंह और मदन मोहन झा एमएलसी बनाना चाहते हैं. राज्यपाल कोटे से अभी एमएलसी का नॉमिनेशन होना है.’
विदित हो कि पूर्व विधायक भरत सिंह कांग्रेस में प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा के पुराने विरोधी रहे हैं. बीते दिनों कांग्रेस मुख्यालय सदाकत आश्रम में उन्होंने मदन मोहन झा सहित कई बड़े नेताओं पर गंभीर आरोप लगाते हुए धरना भी दिया था. अब उनका ताजा बयान भी मदन मोहन झा सहित कई बड़े नेताओं को कटघरे में खड़ा कर रहा है.