गीतकार अख्तर की ट्वीट पर लोगों ने गिनाए जिन्ना के कारनामे और कुछ ने पूछा कहां लगी है गोडसे की तस्वीर?
मुंबई : बॉलीवुड फेम मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने ट्विटर पर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर लगाए जाने को शर्मनाक तो बताया, लेकिन साथ ही उनकी यह टिप्पणी कि ‘जिन्ना की तस्वीर का विरोध करने वालों को अब नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने वालों का विरोध करना चाहिए’, अनेक लोगों के गले में नहीं उतरी.
जावेद अख्तर के जिन्ना की तस्वीर हटाए जाने के समर्थन का तो लोगों ने ट्विटर पर ही स्वागत तो किया है, वहीं गोडसे की टिप्पणी को लेकर उन्हें आड़े हाथों भी ले रहे हैं. ज्ञातव्य है कि जिन्ना की तस्वीर को हटाने को लेकर विवाद के चलते अलीगढ़ में तनाव का माहौल है. वहां छात्रों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई थीं. कुछ लोगों ने उनके ट्वीट के जवाब में तारीफ़ भी की है तो कुछ उनके पीछे भी पड़े हैं.
यहां देखें कुछ जवाबी ट्वीट की बानगी-
– जावेद अख्तर के इस ट्वीट के जवाब में विवेक कुमार विश्वास ने कहा – ‘जावेद अख्तर को गोडसे के बारे में एक अलग ट्वीट करना चाहिए था. विवेक ने ये भी कहा कि धर्मनिरपेक्ष ट्वीट करके अख्तर ने पूरे मुद्दे को ही हल्का बना दिया है.’
– एक ट्विटर यूजर ने अख्तर से पूछा कि वो एक ऐसी शिक्षण संस्था बता दें, जहां गोडसे की फोटो लगाई गई हो.
– वहीं एक हर्षदीप ने अख्तर का समर्थन करते हुए कहा है कि ‘जिन्ना और गोडसे का एक ही ट्वीट में ज़िक्र बिलकुल भी आपतिजनक नहीं है. दोनों गोडसे और जिन्ना ने भारत का नुक्सान ही किया है.’
– आसिफ रफीक ने कहा- ‘जिन्ना ने भारत और पाकिस्तान की आज़ादी के लिए लड़ाई लड़ी थी. साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के एक म्यूजियम की फोटो भी शेयर करी, जिसमे जिन्ना और गाँधी दोनों के ही पुतले लगे हैं.’
– नुज़त फिरदौस ने ट्वीट कर कहा, ‘इस लिहाज़ से तो मुंबई में स्थित जिन्ना हाउस और गुंटूर के जिन्ना टावर का नाम भी बदल देना चाहिए. साथ ही उन्होंने ने यह भी कहा – ये इतिहास का हिस्सा हैं और इनका सम्मान करना चाहिए.
– एक और यूजर का मानना है, ‘AMU सरकारी पैसे से चलता है और ये कोई निजी संसथान नहीं है. जिन्ना के हाथ खून से रंगे हैं और वो हमारा आदर्श नहीं बन सकते हैं.’