विदर्भवादियों के पृथक विदर्भ मोर्चे पर पुलिस का लाठी चार्ज, 7 घायल

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पृथक विदर्भ राज्य के लिए विदर्भवादियों के मोर्चे के साथ मंगलवार को पुलिस की झड़प का दृश्य और अन्य चित्र में पृथक विदर्भ राज्य के लिए.ही बहुजन विद्यार्थी मोर्चा का प्रदर्शन के दृश्य.

नागपुर : पृथक विदर्भ राज्य की मांग को लेकर मंगलवार, 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के विरोध में विदर्भवादियों द्वारा निकाले गए मोर्चे पर पुलिस ने यहां लाठीचार्ज किया, जिसमें सात कार्यकर्ता घायल हो गए. घायल कार्यकर्ताओं सहित पुलिस ने वरिष्ठ विदर्भवादी नेता वामनराव चटप, राम नेवले, प्रबीरकुमार चक्रवती, पूर्व विधायक सरोज काशीकर, अधि. नंदा पराते, डॉ. श्रीनिवास खांदेवाले सहित सैकड़ों कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले कर मोर्चे को विफल करने की कोशिश किया, जिसकी विदर्भवादी नेताओं ने घोर निंदा की है.

कस्तूरचंद पार्क पर पुलिस ने मोर्चा रोका
विदर्भ आंदोलन समिति ने महाराष्ट्र दिवस पर काला दिवस मनाने और इस अवसर पर नागपुर स्थित विधानभवन में विदर्भ का झंडा फहराने का ऐलान किया था. इसी के तहत हजारों विदर्भवादियों ने मंगलवार दोपहर को विधानभवन की ओर कूच किया. यशवंत स्टेडियम से निकला यह मोर्चा जैसे ही कस्तूरचंद पार्क पहुंचा, पुलिस ने बैरीगेट लगाकर विदर्भ राज्य समर्थकों का रास्ता रोक दिया.

विदर्भवादियों और पुलिस बीच झड़प
इस पर विदर्भवादियों और पुलिस बीच झड़प के दौरान उग्र प्रदर्शनकरियों पर नियंत्रण के लिए पुलिस ने बल प्रायोग किया और लाठियां भांजी. जिसमें सात प्रदर्शनकारी घायल हुए. घायलों में रवि वानखेड़े, बंटी केजरीवाल, बबलू वानखेड़े, राजू मिस्त्री, सौरभ मिर्जा, कैलाश गणेशे और रामेश्वर वानखेड़े शामिल हैं. रवि वानखेड़े और कैलाश गणेशे लाठीचार्ज में गंभीर जख़्मी हो गए, जिनका बाद में पुलिस के द्वारा ही इलाज कराया गया. बाद में सभी को छोड़ दिया गया.

पृथक विदर्भ के लिए बहुजन रिपब्लिकन विद्यार्थी मोर्चा की रैली
महाराष्ट्र दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों की ओर से भी पृथक विदर्भ की मांग को लेकर सीताबर्डी स्थित यूनिवर्सिटी कैम्पस से लेकर संविधान चौक तक महारैली निकाली गई. जिसमें विदर्भ के सभी जिलों के कॉलेज और विश्वविद्यालय के विद्यार्थी शामिल थे. बहुजन रिपब्लिकन विद्यार्थी मोर्चा के बैनर तले यह रैली निकाली गई. इस दौरान विदर्भ के विभिन्न मुद्दों पर बात की गई.

महारैली में शामिल बहुजन रिपब्लिकन विद्यार्थी मोर्चा के प्रभारी प्रमोद कानेकर ने कहा कि 1 अक्टूबर 1938 को विदर्भ का प्रस्ताव पारित किया गया था. 80 साल बाद भी पृथक विदर्भ की मांग पूरी नहीं हो सकी है. 20 साल पहले विदर्भ वैधानिक विकास महामंडल की निर्मिति के बाद भी विदर्भ का विकास नहीं हो पाया है.

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