दो घंटे पूजा करने के बदले बेटियों को पुलिस अधिकारी, तहसीलदार बनाने का प्रयास करें

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‘सत्यपाल महाराज की सत्यवाणी’ : हजारों श्रद्धालुओं का सत्यपाल महाराज ने किया कोंढाली में समाज प्रबोधन

संवाददाता
कोंढाली (नागपुर) :
रोज दो घंटे पूजा करने बजाय अपनी बेटियों को पुलिस अधिकारी, तहसीलदार बनाने का प्रयास करना जरूरी है, लड़कियों को पढ़ाना जरूरी है. आज दुनिया चाँद पर जा रही है और हम यहां अपने ऊपर देवी आने का स्वांग रचाने में ही अपनी बड़ाई मानने और मनवाने में ही लगे हैं. हम एक ओर संतों की जयंती मनाते हैं और दूसरी ओर हमारे युवा बेटे डीजी बजाकर उसकी कर्कश धुन में नाचकर जश्न मनाते हैं. जबकि संतों की जयंती के अवसर पर नाचने की बजाय उनके बताए मार्ग का चिंतन करना और उस पर आचरण करना जरूरी है.

यह सारे विचार आज शनिवार, 21 अप्रैल को यहां महाराष्ट्र के सुप्रसिद्ध समाज सुधारक संत सत्यपाल महाराज ने अपने चिर-प्रचलित विनोदी शैली में व्यक्त करते हुए भक्ति और पूजा-पाठ की जगह ढोंग और दिखावे पर करारा प्रहार किया. वे यहां ‘सत्यपाल महाराज की सत्यवाणी’ समाज प्रबोधन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे.

यह कार्यक्रम स्थानीय श्रीसंत गोरबा काका कुंभार बहुउद्देशीय संस्था, कोंढाली तथा दुर्गा उत्सव मंडल, कुंभारपुरा द्वारा गोरबा काका पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित किया गया था.

कोंढाली के स्थानीय देशमुख वाड़े में रात 9 बजे आरंभ हुए समाज प्रबोधन में भारी संख्या में श्रद्धालु एवं श्रोता उपस्थित थे. कार्यक्रम का शुभारंभ सत्यपाल महाराज के हाथों कोंढाली के पूर्व सरपंच सोमराज पालिवाल तथा कोंढाली के थानेदार पुरुषोत्तम अहेरकर की उपस्थिति में डीप प्रज्वलन कर तथा संत गोरबा काका की प्रतिमा का पूजन कर किया गया.

कार्यक्रम की प्रस्तावना सचिन सावरकर ने किया. उन्होंने बताया कि संत गोरबा महाराज ने संत ज्ञानेश्वर की संत परंपरा को कायम रखा तथा समाज को भक्ति का मार्ग दिखाकर समाज प्रबोधन किया. इसीलिये आज समाज प्रबोधन के लिए सत्यपाल महाराज की सत्यवाणी कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

सत्यपाल महाराज ने लगभग दो घंटे तक लगातार समाज प्रबोधन कर कहा कि संत गोरबा काका जैसे संतों के बताए मार्ग पर चलना और आचरण करना जरूरी है. किसानों की आत्महत्याओं की ओर ध्यान दिलाते हुए सत्यपाल महाराज ने कहा कि किसानों को समस्या का मुकाबला करना चाहिए समस्याओं भागने के लिए जान देने की जरूरत नहीं है.

कार्यक्रम की सफलता के लिए संत गोरबा काका बहुउद्देशीय संस्था के सभी पदाधिकारी तथा सदस्यों ने परिश्रम लिया.

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