सेमी हाई स्पीड ‘ट्रेन 18’ रेल पटरियों पर दौड़ने को तैयार

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शताब्दी एक्सप्रेस रिप्लेस होगा इंटरनेशनल स्टैंडर्ड के ‘ट्रेन 18’ से, इंटर-सिटी ट्रेन भी सेमी हाई स्पीड

नई दिल्ली : भारतीय रेल की ओर से जल्द ही शताब्दी एक्सप्रेस को रिप्लेस कर इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की सेमी हाई स्पीड ट्रेन ‘ट्रेन 18’ चलाई जाएगी. इसी तरह जल्द ही सेमी हाई स्पीड इंटर-सिटी ट्रेन भी लॉन्च किया जाएगा. ‘ट्रेन 18’ नाम से आने वाली नई रेलगाड़ी की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटा की होगी और इसमें वर्ल्ड क्लास सुविधाएं मुहैया कराई जाएंगी.

सेमी हाईस्पीड इंटरसिटी के कोच का इंटीरियर.

आधी कीमत में तैयार हुई ‘ट्रेन 18’
‘ट्रेन 18’ प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत तैयार की गई है. इसे चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) ने तैयार किया है. आईसीएफ की ओर से बताया गया है कि यह ट्रेन दूसरे देशों में तैयार होने वाली ट्रेन से आधी कीमत में तैयार की गई है. बताया गया कि पहली ‘ट्रेन 18’ में 16 चेयर कार कोच होंगे. ये पूरी तरह से वातानुकूलित एग्जीक्यूटिव और नॉन-एग्जीक्यूटिव दोनों तरह के कोच होंगे. एग्जीक्यूटिव चेयर क्लास में 56 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी और नॉन-एग्जीक्यूटिव में 78 सीटें होंगी.

वर्ल्ड क्लास सेमी हाईस्पीड ट्रेन 18 के दरवाजे.

मिलेगी वाई-फाई सुविधा, शून्य निर्वहन जैव-वैक्यूम शौचालय
‘ट्रेन 18’ में वाई-फाई की भी सुविधा होगी. साथ ही इसमें जीपीएस आधारित यात्री सूचना प्रणाली भी है. ट्रेन में पर्यावरण का भी खासतौर पर ध्यान रखा गया है. ‘ट्रेन 18’ में शून्य निर्वहन जैव-वैक्यूम शौचालय (जीरो डिस्चार्ज बायो वैक्यूम टॉयलेट) होंगे. इसके के अंदर मॉड्यूलर टॉयलेट हैं. ट्रेन के आगे और पीछे दोनों तरफ ड्राइविंग केबिन होगा.

खासतौर पर डिजाइन किया गया है इंटीरियर
‘ट्रेन 18’ का इंटीरियर भी शानदार ढंग से डिजाइन किया गया है. यह ट्रेन पूरी तरह से बुलेट ट्रेन की तरह इंटरनेशनल स्टैंडर्ड की होगी. देश में ही निर्मित ‘ट्रेन 18’ के दरवाजे मेट्रो की तरह यात्रियों के आवागमन पर स्वचालित होंगे. प्लेटफॉर्म से जैसे ही आप ट्रेन में प्रवेश करेंगे तो कोच के अंदर के दरवाजे आपके कदमों की आहट सुनते ही अपने-आप खुलेंगे और बंद होंगे.

20 फीसदी कम समय लगेगा यात्रा में
मेक इन इंडिया के तहत तैयार होने वाली यह ट्रेन विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होगी. किसी भी सफर में लगने वाले समय में इस ट्रेन से 20 फीसदी तक कम समय लगेगा. दिव्यांग यात्रियों के लिए भी ट्रेन में खास उनके लिए व्हीलचेयर की सुविधा होगी, ताकि वे खुद से टॉयलेट जा सकें.

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