चना और काबुली चना पर आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय किसान हित में

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केंद्र सरकार फैसले का स्वागत किया दी होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव प्रताप मोटवानी ने

नागपुर : दी होलसेल ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन के सचिव प्रताप मोटवानी ने केंद्र सरकार द्वारा चने पर आयात ड्यूटी बढ़ा कर 60% कर दिए जाने का स्वागत किया है. चने का भाव समर्थन मूल्य 4,400 रुपए से बेहद कम 3,900 रुपए चल चल रहा था. इसी तरह सरकार ने अब काबुली चना के आयात पर भी 40 प्रतिशत का भारी-भरकम सीमा शुल्क लगा दिया है.

किसानों के हितों का संरक्षण

राज्य सरकार किसानों से आगामी 15 मार्च से 4,400 रुपए की दर से चना की खरीद शुरू करने वाली है. मोटवानी ने कहा कि ठीक होली के एक दिन पूर्व किसानों को फसल का सही दाम दिलाने की दिशा में सरकार का चना और काबुली चने पर आयात शुल्क बढ़ाने का निर्णय किसानों के हितों का संरक्षण करने वाला है.

विदेशों से चना के आयात को पूरी तरह रोकना चाहती है सरकार

मोटवानी ने बताया कि संभवतः शानदार घरेलू उत्पादन की उम्मीद को देखते हुए केन्द्र सरकार विदेशों से चना के आयात को पूरी तरह रोकना चाहती है, इसलिए वह इस पर सीमा शुल्क में लगातार बढ़ोत्तरी कर रही है. दिसम्बर 2017 में मसूर के साथ चना पर 30 प्रतिशत का आयात शुल्क लगाया गया था. इसी प्रकार फरवरी 2018 में चना पर इसकी दर बढ़ाकर 40 प्रतिशत नियत की गई, जबकि अब इसे और 20 प्रतिशत बढ़ाकर 60 प्रतिशत किया गया है.

घरेलू प्रभाग में चना का दाम घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे आने के कारण सरकार बेहद परेशान और चिन्तित है. नई फसल की कटाई तैयारी पहले ही शुरू हो चुकी है, जबकि आगामी दिनों में इसकी रफ्तार बढ़ने से चना की कीमतों पर दबाव और भी बढ़ जाएगा.

मदद मिलेगी दलहन की कीमतों को स्थिर बनाए रखने में

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सरकर के इस कदम से आस्ट्रेलिया सहित अन्य देशों से चना के सस्ते आयात को रोकने तथा घरेलू बाजार में इस महत्वपूर्ण दलहन की कीमतों को स्थिर बनाए रखने में सहायता मिलेगी. उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार ने चना का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2017-18 सीजन के लिए बढ़ाकर 4,400 रुपए प्रति क्विंटल (150 रुपए का बोनस भी शामिल) निर्धारित किया है. जो 2016-17 के समर्थन मूल्य 4,000 रुपए प्रति क्विंटल से 10 प्रतिशत या 400 रुपए ज्यादा है.

केन्द्रीय कृषि मंत्रालय ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में 2017-18 सीजन के दौरान चना का घरेलू उत्पादन तेजी से उछलकर 111 लाख टन के सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंचने की संभावना व्यक्त की है. जबकि 2016-17 के सीजन में 93.50 लाख टन का उत्पादन हुआ था. मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं कर्नाटक जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में चना के नए माल की आवक शुरू हो चुकी है.

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