नए साल में मिले तीन फायदे, अब एक झटका भी खाएं

फायदों के साथ-साथ देशवासियों को नुकसान का भी करना पड़ेगा सामना

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नई दिल्‍ली : नया वर्ष 2018 आज से शुरू हो गया है. सरकार की ओर से नए साल के 3 तोहफे एक झटके का शॉक भी मिलने वाला है. सरकार ने देश में 1 जनवरी 2018 से कुछ नए नियम लागू किया है, जिससे फायदा और नुकसान दोनों मिलने वाला है. इन फैसलों का लोगों पर जो सीधा असर पड़ने जा रहा है, वह हैं –

1. मोबाइल सिम की आधार से लिंकिंग घर बैठे संभव

जिन लोगों ने अभी तक अपने मोबाइल सिम की लिंकिंग आधार से नहीं कराई है, वे अब आज 1 जनवरी, 2018 से घर बैठे अपनी मोबाइल सिम आधार से लिंक करा सकते हैं. वैसे तो यह सुविधा 1 दिसंबर से शुरू होने वाली थी लेकिन टेलीकॉम कंपनियों की तैयारी पूरी न होने के चलते इसे 1 महीना आगे बढ़ा दिया गया। अब लोग ओटीपी व अन्‍य जरिए से सिम को घर बैठे आधार से लिंक कर सकेंगे.

2. डेबिट कार्ड से आसान होगा भुगतान करना

1 जनवरी, 2018 से डेबिट कार्ड से भुगतान सस्‍ता हो गया है, क्‍योंकि नए साल पर रिजर्व बैंक द्वारा जारी नए मर्चेंन्‍ट डिस्‍काउंट रेट लागू हो गए. एमडीआर यानी मर्चेंन्‍ट डिस्‍काउंट रेट वह चार्ज है, जो डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर दुकानदार पर लगता है. इसे ग्राहक को नहीं देना होता है, लेकिन कई दुकानदार डेबिट कार्ड ट्रांजैक्‍शन करने वालों से 2 फीसदी चार्ज लेते हैं.

नए मर्चेंन्‍ट डिस्‍काउंट रेट लागू

रिजर्व बैंक के नए नियम के मुताबिक अब 20 लाख रुपए तक सालाना टर्नओवर वालों के लिए एमडीआर 0.40 फीसदी तय किया गया है, वहीं इससे ज्‍यादा टर्नओवर वालों के लिए 0.9 फीसदी है. 20 लाख तक टर्नओवार वालों के लिए प्रति ट्रांजैक्‍शन एमडीआर 200 रुपए से ज्‍यादा नहीं होगा, वहीं 20 लाख से अधिक टर्नओवर वालों के लिए एमडीआर प्रति ट्रांजैक्‍शन 1,000 रुपए से ज्‍यादा नहीं होगा. वहीं सरकार ने 2000 रुपए तक की खरीदारी पर एमडीआर खुद ही वहन करने का फैसला भी किया है.

3. अनिवार्य हुआ स्वर्णाभूषणों पर हॉलमार्किंग

आज 1 जनवरी 2018 से 14 कैरेट, 18 कैरेट और 22 कैरेट ज्वैलरी की हॉलमार्किंग सरकार अनिवार्य कर सकती है. इससे ग्राहकों को स्वर्णाभूषणों की शुद्धता को लेकर आसानी होगी. हॉलमार्किंग को तीन चरणों में अनिवार्य करने की योजना है. पहले चरण में 22 शहरों में हॉलमार्किंग अनिवार्य की जाएगी. इन शहरों में मुंबई, नई दिल्‍ली, नागपुर, पटना जैसे शहर शामिल हैं. दूसरे चरण में 700 शहर और आखिर में देश के बाकी शहरों में इसे लागू किया जाएगा.

4- झटका : पीपीएफ की में कटौती दरों के बाद अब ईपीएफ की बारी

केंद्र सरकार ने हाल में पब्लिक प्रॉविडेंट फंड यानी पीपीएफ पर ब्‍याज दर 7.8 फीसदी से घटा कर 7.6 फीसदी कर दी है. पीपीएफ पर इंटरेस्‍ट रेट में कटौती इम्‍लाइज प्रॉविडेंट फंड ईपीएफ पर भारी पड़ने वाली है. कर्मचारी भविष्‍य निधि संगठन (ईपीएफओ) जनवरी 2018 में जब ईपीएफ पर इंटरेस्‍ट तय करने बैठेगा तो उस पर पीपीएफ पर इंटरेस्‍ट रेट और ईपीएफ पर इंटरेस्‍ट रेट के बीव संतुलन बनाने का दबाव होगा. पीपीएफ ओर ईपीएफ के बीच इंटरेस्‍ट रेट का गैप बढ़ कर 105 बेसिस प्‍वाइंट हो गया है. ऐसे में इसका नुकसान ईपीएफओ के करोड़ों पीएफ मेंबर्स को कम इंटरेस्‍ट रेट के तौर पर उठाना पड़ सकता है. यानी ईपीएफ पर 2017-18 के लिए इंटरेस्‍ट रेट कम हो सकती है. पिछले साल ईपीएफ पर 8.65 फीसदी इंटरेस्‍ट रेट घोषित किया गया था.

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