उच्च पेंशन

उच्च पेंशन फैसले के कार्यान्वयन को जटिल बना रहा ईपीएफओ

सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के क्रियान्वयन एवं पेंशन की गणना में ईपीएफओ का रवैया अनुचित विदर्भ आपला डेस्क- ईपीएफओ (अपराजिता जग्गी, क्षेत्रीय पीएफ आयुक्त-I, पेंशन) ने अपने संचार/परिपत्र संख्या ई-399180/2543 दिनांक 13 दिसंबर 2023 के माध्यम से माननीय सर्वोच्च न्यायालय के दिनांक 04-11-2022 के उच्च पेंशन पर फैसले के कार्यान्वयन के लिए FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों) के रूप में कुछ दिशा निर्देश जारी किए हैं.   ईपीएस- 95 पेंशनर्स योद्धा दादा तुकाराम झोड़े ने इसका विश्लेषण किया है. उनका मत है कि इस परिपत्र से सर्वोच्च न्यायालय के उच्च पेंशन फैसलेके कार्यान्वयन के मामले को और अधिक जटिल बनाया जा रहा है. जारी किए गए दिशा निर्देश नियमों के अनुरूप नहीं प्रतीत होते हैं और परिणामस्वरूप, वे अवैध, मनमानी और अतार्किक हैं.  दादा झोड़े ने कहा है कि इस संबंध में उच्च पेंशन लागू करने अदालत के फैसले के कार्यान्वयन के लिए ईपीएफओ द्वारा जारी इस परिपत्र के निम्नलिखित 6 बिंदुओं पर ध्यान देना आवश्यक है. 1). वास्तविक वेतन पर उच्च पेंशन / पेंशन की पात्रता के लिए, प्रासंगिक खंड पेंशन योजना के पैरा क्रमांक 9, पैरा क्रमांक हैं. पीएफ योजना के 26(6) और पेंशन योजना के पैरा संख्या 11(3) का प्रावधान. संदर्भित संचार में पैरा 26(6) के तहत संयुक्त अनुमति पर चर्चा की गई है. वास्तविक वेतन पर योगदान की अनुमति के प्रमाण की मांग अनुचित  इस संबंध में, स्पष्ट है कि जिन कर्मचारियों के नियोक्ता ने वैधानिक सीमा पर नहीं बल्कि वास्तविक वेतन पर योगदान दिया है, वे उच्च पेंशन के लिए पात्र हैं. आरसी गुप्ता के मामले में माननीय सर्वोच्च न्यायालय की टिप्पणियों के अनुसार यह सबसे महत्वपूर्ण शर्त है और आवश्यक भी है. इसलिए, यह जांचना ईपीएफओ की एकमात्र आवश्यकता है कि क्या नियोक्ता ने वास्तविक वेतन पर वैधानिक सीमा से अधिक योगदान जमा किया है या नहीं और यदि यह वास्तविक वेतन पर जमा किया गया है और बाद में ईपीएफओ द्वारा अनुमति दी गई है, तो उक्त अनुमति के प्रमाण की मांग क्यों की जाती है? ऐसा किसी तरह से आवश्यक नहीं है. इस प्रकार के मुद्दे को ईपीएफओ ने अपने परिपत्र दिनांक 22 जनवरी 2019, पैरा नंबर 3 के माध्यम से पहले ही हल कर दिया था, जिसे बाद में अन्य कारणों से वापस ले लिया गया. छूट प्राप्त प्रतिष्ठान (Exempted Establishment) के कर्मचारियों के संबंध में, ईपीएफ और एमपी अधिनियम.1952 की धारा 17(1) (ए)/(बी) के तहत छूट की अनुमति, वास्तविक वेतन पर योगदान करने की अनुमति है, क्योंकि यह छूट के लिए एक अनिवार्य शर्त है. इसलिए, उच्च पेंशन फैसले के कार्यान्वयन में छूट प्राप्त प्रतिष्ठान के कर्मचारियों के मामले में, अनुमति का उक्त प्रमाण वास्तव में आवश्यक नहीं है. 2). पेंशन की गणना ईपीएस 95 के पैरा 12 के अनुसार होनी है. हालांकि, दिशानिर्देश, कि पेंशन शुरू होने की तारीख पेंशन योग्य सेवा, पेंशन योग्य वेतन और पेंशन की गणना के लिए लागू फॉर्मूला निर्धारित करेगी, सही और कानूनी नहीं है. 
पंजाब

पंजाब में कैदी पर हमला मामले में झूठा हलफनामा दाखिल 

पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने एडीजीपी को तलब किया पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने अदालत के समक्ष "प्रथम दृष्टया" झूठा हलफनामा दायर करने के लिए अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, जेल, पंजाब (एडीजीपी) के साथ-साथ जेल के उप महानिरीक्षक को तलब किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कैदी को " न तो पीटा गया और न ही उसे कोई चोट लगी.” मामला पंजाब के होशियारपुर स्थित सेंट्रल जेल का है.  मामले को 14 दिसंबर के लिए सूचीबद्ध करते हुए, अदालत ने जिला एवं सत्र न्यायाधीश, होशियारपुर को "वर्तमान याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत आवेदन के संबंध में एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया." जस्टिस एन.एस. शेखावत ने कहा कि कार्यवाही के दौरान जब कैदी के वकील की ओर से सीसीटीवी फुटेज चलाया गया, तो "यह स्पष्ट है कि जेल के अंदर जेल अधिकारियों द्वारा किसी व्यक्ति की पिटाई की जा रही थी." निर्देशों के अनुपालन में, एडीजीपी (जेल), पंजाब द्वारा हलफनामा दायर किया गया था, जिसमें कहा गया था, "सुबह 11:59 बजे के आसपास सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में केवल जेल कर्मचारियों को देखा जा सकता है." हालांकि, कैदी हरिंदर पाल सिंह को सीसीटीवी कैमरे के फुटेज में नहीं देखा गया था. आगे कहा गया है कि "जांच अधिकारी के अनुसार, कैदी हरिंदर पाल सिंह को न तो पीटा गया था और न ही उन्हें कोई चोट लगी थी." अदालत ने कहा, इस प्रकार, अदालत की प्रथम दृष्टया राय में इस अदालत के समक्ष एक झूठा हलफनामा दायर किया गया है. अदालत पंजाब के होशियारपुर स्थित सेंट्रल जेल द्वारा कैदी के खिलाफ कथित मानसिक और शारीरिक यातना की न्यायिक जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई कर रही थी. कैदी की तत्काल चिकित्सा जांच और सुरक्षा की भी मांग की गई. यह आरोप लगाया गया है कि हरिंदर पाल सिंह, जो वर्तमान में एक हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है, को जेल अधिकारियों और सिविल ड्रेस में एक प्राइवेट पर्सन द्वारा बेरहमी से पीटा गया था. याचिका में कहा गया है कि सिंह फिलहाल बिना भोजन और पानी के एकांत कारावास में हैं. आरोपों पर विचार करते हुए, अदालत ने एडीजीपी (जेल) से एक हलफनामे पर जवाब मांगा और सभी सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने का निर्देश दिया. 
WIPS WCL

WIPS WCL ‘बेस्ट एक्टिविटी अवार्ड’ से सम्मानित 

 नागपुर : वुमेन इन पब्लिक सेक्टर WIPS WCL को वर्ष 2022-23 के दौरान उत्कृष्ट कार्य के लिए ‘बेस्ट एक्टिविटी अवार्ड’ से नवाजा गया. पुरस्कार वितरण पिछले 9 दिसंबर 2023 को छत्तीसगढ़ बिलासपुर में किया गया. विप्स के 31वें पश्चिमी क्षेत्रीय सम्मेलन में SECL के सीएमडी डॉ. पी.एस. मिश्रा एवं रायगढ़ की एडि. एस.पी. श्रीमती सुरेशा चौबे ने पुरस्कार दिए.  WIPS WCL की ओर से अध्यक्ष (पश्चिम क्षेत्र) श्रीमती अनुपमा टेमुर्णीकर, कोऑर्डिनेटर श्रीमती सुजाता सरमुकद्दम, को-कोऑर्डिनेटर श्रीमती मेधा हरदास, सचिव श्रीमती अंकिता घोष एवं सदस्यों ने ग्रहण किया. पुरस्कार जीतने के उपरान्त, WIPS WCL की टीम ने डब्लूसीएल के सीएमडी मनोज कुमार से भेंट कर उन्हें इस पुरस्कार एवं अपने कार्यों की जानकारी दी. मनोज कुमार ने  WIPS WCL को बधाई देते हुए उनके द्वारा वर्ष भर किए सकारात्मक कार्यों को सराहा. अपने संवाद के दौरान उन्होंने कहा कि किसी भी संस्था के उत्थान में महिलाओं की भूमिका अहम होती है. अतः उन्होंने सबसे अपना उत्कृष्ट कार्य जारी रखने को कहा. विप्स द्वारा महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता शिविर, रक्तदान शिविर, योग शिविर, पोषण संबंधी जागरूकता, यूटेराइन कैंसर स्क्रीनिंग शिविर आदि के साथ वृक्षारोपण, स्वच्छ भारत अभियान में सक्रिय योगदान, स्कूली बच्चों में सामग्री का वितरण, वुमन्स डे, नर्सेज डे, मदर्स डे के उपलक्ष में कार्यक्रम जैसे कार्यों की उन्होंने सराहना की.  इसी क्षेत्रीय सम्मेलन में डब्लूसीएल मुख्यालय की श्रीमती स्वाति सक्सेना को स्लोगन प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ.  इन कार्यों के लिए किया गया सम्मानित  ज्ञात हो कि  WIPS WCL द्वारा सामाजिक उत्तरदायित्व, स्वास्थ्य एवं प्रशिक्षण के तारतम्य में विशेष कार्य किए गए हैं. इनमें महिलाओं के लिए ब्रेस्ट कैंसर जागरूकता शिविर, रक्तदान शिविर, योग शिविर, पोषण संबंधी जागरूकता, यूटेराइन कैंसर स्क्रीनिंग शिविर आदि का आयोजन शामिल है. इन कार्यों के साथ ही वृक्षारोपण, स्वच्छ भारत अभियान में सक्रिय योगदान, स्कूली बच्चों में सामग्री का वितरण, वुमन्स डे, नर्सेज डे, मदर्स डे के उपलक्ष में कार्यक्रम जैसे अनेक कार्यों का भी समावेश है.  WIPS WCL के वर्ष भर के सकारात्मक कार्यों के लिए ‘बेस्ट एक्टिविटी अवार्ड’ प्राप्त होने से सभी में हर्ष व्याप्त है.
IFFCO

IFFCO ने चाइना से मंगाया यूरिया, लिखा आत्मनिर्भर भारत

बोरी का फोटो दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी कंपनी इफको का है  नई दिल्ली : चाइना से मंगाया यूरिया, बोरी पर लिखा आत्मनिर्भर भारत – यूरिया की एक बोरी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. बोरी का यह फोटो दुनिया की सबसे बड़ी सहकारी कंपनी IFFCO इफको (इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड) का है. इस फोटो में IFFCO की यूरिया की बोरी पर एक ओर लिखा है ‘सशक्त किसान-आत्मनिर्भर भारत’ और वही दूसरी ओर इस खाद का उद्गम स्थल चाइना को बताया गया है. इसी भ्रम को लेकर इस बोरी की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इसी बीच  कृषि समाचार पोर्टल "कृषक जगत" ने IFFCO  के एमडी प्रबंध संचालक डॉ. यू.एस. अवस्थी की टिप्पणी के हवाले से इस वायरल फोटो के बारे में बताया है. डॉ. अवस्थी ने इस वायरल की जा रही फोटो को भ्रामक बताया है. उन्होंने कहा है कि ऐसा करने वाले लोगों में समझ की कमी है. "कृषक जगत" के अनुसार आजकल AI के जमाने में तकनीकी तौर पर देखा जाए तो बहुत हद तक डॉ. अवस्थी की बात सही भी है. उल्लेखनीय है कि भारत में 30 मिलियन टन यूरिया उत्पादन की क्षमता है, जिसमें से 90% उत्पादन क्षमता का उपयोग किया जाता है. यूरिया की बाकि जरूरतों के लिए IFFCO समेत अन्य उर्वरक कंपनियां दूसरे देशों से यूरिया आयात करती हैं. हालांकि, भारत अभी तक आत्मनिर्भर नहीं हैं. लेकिन भारत 2025-26 तक यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की कोशिश कर रहा है. 'आत्मनिर्भर भारत-सशक्त किसान' का नारा आत्मनिर्भर भारत-सशक्त किसान’ का नारा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की आर्थिक विकास योजनाओं के लिए इस नारे का इस्तेमाल किया और इसे लोकप्रिय बनाया. 'आत्मनिर्भर भारत' की प्रमुख कड़ी है आत्मनिर्भर किसान. प्रधानमंत्री मोदी ने 'सशक्त और समृद्ध किसान, आत्मनिर्भर भारत' की पहचान बताई है. 'आत्मनिर्भर भारत' के तहत, देश के कृषि क्षेत्र को मजबूत करने के लिए कई प्रयास किए गए हैं. इन प्रयासों से देश के किसान लाभान्वित हो रहे हैं और सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दे रहे हैं. उर्वरकों के उत्पादन के मामले में भारत आत्मनिर्भर नहीं दरअसल, भारत IFFCO के माध्यम से लंबे समय से खेती-किसानी में अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए रासायनिक उर्वरकों का दूसरे देशों से आयात कर रहा है. जिसमें यूरिया का आयात सबसे अधिक है. भारत आजादी के 75 साल बाद भी हम उर्वरकों के उत्पादन के मामले में आत्मनिर्भर नहीं हो सके हैं. लेकिन, अब उस रास्ते पर चल रहे हैं, जिसमें आयात को कम करने और घरेलू उत्पादन को बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. काफी हद तक इसमें सफलता भी मिली है. सरकार कृषि क्षेत्र की मांग को पूरा करने के लिए साल दर साल मजबूरी में उर्वरकों का आयात कर रही है. जिसे देश की IFFCO जैसी कंपनियां किसानों तक पहुंचा रही है. 
महाज्योति

महाज्योति : छात्रवृत्ति लेने वाले सरकारी कर्मी नप जाएंगे 

नागपुर : महात्मा ज्योतिबा फुले अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (महाज्योति), नागपुर की चयन सूची में प्रशिक्षु सरकारी कर्मियों द्वारा वेतन के साथ छात्रवृत्ति प्राप्त करने की खबर से खलबली मच गई है. महाज्योति ने इस खबर को गंभीरता से लेते हुए इसकी छानबीन शुरू कर दी है.  महाज्योति के प्रबंध संचालक राजेश खवले द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि हमारी चयन सूची में प्रशिक्षु सरकारी अधिकारी-कर्मचारी पाए गए तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.  : प्रबंध संचालक खवले ने स्पष्ट किया है कि यूपीएससी, एमपीएससी, महाज्योति के ग्रुप बी और सी प्रशिक्षण का परिणाम हाल ही में घोषित किए गए हैं. चयनित उम्मीदवारों को प्रशिक्षण संस्थानों में शामिल होने के लिए 15 दिसंबर 2023 तक का समय दिया गया है. फिलहाल किसी छात्र ने ज्वाइन नहीं किया है. इसलिए किसी भी अधिकारी को वेतन के साथ छात्रवृत्ति देने का सवाल ही नहीं उठता.   हालांकि, संगठन ने पहले ही एक सर्कुलर जारी कर दिया था कि सरकारी सेवाओं के साथ-साथ कंपनियों में काम करने वाले उम्मीदवारों को महाज्योति की छात्रवृत्ति का लाभ नहीं लेना चाहिए। ऐसे सरकारी कर्मचारी के बारे में मांगी गई है जानकारी महाज्योति के अनुसार, यदि कोई प्रशिक्षु नियोजित है, सरकारी सेवा में है और फिर भी जानकारी छिपाकर प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होता है, तो उसका नाम प्रशिक्षण कार्यक्रम से हटाने की कार्रवाई की जाएगी. तदनुसार, यदि किसी के पास प्रशिक्षण कार्यक्रम से लाभान्वित होने वाले किसी सरकारी कर्मचारी के बारे में जानकारी है, तो उस जानकारी को महाज्योति कार्यालय को सूचित करने की अपील की गई है.  विज्ञप्ति में कहा गया है कि योग्य छात्रों को प्रशिक्षण और छात्रवृत्ति कार्यक्रमों का लाभ प्रदान करना महाज्योति की नीति है. संगठन की ओर से बताया गया है कि यदि किसी भी प्रकार के अयोग्य विद्यार्थी प्रशिक्षण वर्ग का लाभ लेते हुए पाए गए तो उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी. 
काले धन

काले धन पर सुप्रीम कोर्ट की SIT जल्द सौंपेगी 8वीं रिपोर्ट

नई दिल्ली : काले धन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त विशेष जांच दल (SIT) जल्द ही शीर्ष अदालत को अपनी आठवीं अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी. पैनल के उपाध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अरिजीत पसायत ने मंगलवार को कटक (ओडिशा) में बताया. मई 2014 में सत्ता में आने के बाद, नरेंद्र मोदी सरकार ने अपनी पहली कैबिनेट बैठक में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार एसआईटी के पुनर्गठन को मंजूरी दी थी. पिछले नौ वर्षों में एसआईटी ने शीर्ष अदालत को सात अंतरिम रिपोर्ट सौंपी हैं. न्यायमूर्ति पसायत ने देश में काले धन के सृजन का पता लगाने और उस पर अंकुश लगाने के संबंध में मंगलवार को यहां कटक (ओडिशा) स्थित अपने आवास पर केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ बैठक की. आयकर, प्रवर्तन निदेशालय, सीमा शुल्क और उत्पाद शुल्क और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अधिकारियों की दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई, जिसमें प्रतिभागियों ने भारत और विदेशों में काले धन की उत्पत्ति का पता लगाने और उस पर अंकुश लगाने के लिए लागू किए जाने वाले तरीकों पर चर्चा की. जस्टिस पसायत पैनल के उपाध्यक्ष हैं. पिछले नौ वर्षों में एसआईटी ने शीर्ष अदालत को सात अंतरिम रिपोर्ट सौंपी हैं. काले धन पर विशेष जांच दल (SIT) की नियुक्ति उच्चतम न्यायालय द्वारा मई 2014 में की गई थी. उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश एम.बी. शाह एसआईटी के अध्यक्ष हैं. इससे पूर्व सुप्रीम कोर्ट ने काला धन मामले में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल का गठन 4 जुलाई 2011 में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी.पी. जीवन रेड्डी की अध्यक्षता में किया था. विदेशी बैंकों में जमा काले धन की जांच और उसे लाने की कोशिशों पर इस दल को निगरानी करना था. न्यायमूर्ति रेड्डी इस जांच दल के अध्यक्ष थे. सुप्रीम कोर्ट के ही पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.बी. शाह तब विशेष जांच दल के उपाध्यक्ष बनाए गए थे.
शिक्षा

शिक्षा लाती है अधिकारों के प्रति जागरूकता : उपायुक्त पवार

बाबासाहेब  स्कूल प्रवेश दिवस छात्र दिवस के रूप में मनाया गया नागपुर :  भारत रत्न डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर का स्कूल प्रवेश दिवस 7 नवंबर को बार्टी सब सेंटर नागपुर द्वारा छात्र दिवस के रूप में मनाया गया. इस अवसर पर भांडे चौक स्थित कैरियर कैंपस में "शिक्षा का महत्व मैं जानता हूं" विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें कैरियर कैम्पस है, पिरामिड ट्यूटोरियल , विलास एकेडमी के कुल 14 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया. डॉ. बाबासाहेब आम्बेडकर स्कूल प्रवेश दिवस कार्यक्रम का उद्घाटन उपायुक्त एवं सदस्य सचिव ने किया संचालन जिला जाति प्रमाण पत्र सत्यापन समिति सुरेंद्र पवार ने किया. मंच पर बार्टी उपकेंद्र नागपुर के सहायक परियोजना प्रबंधक कैरियर कैंपस के सुशांत भगत उपस्थित थे. अपने अध्यक्षीय भाषण में सुरेंद्र पवार ने उपस्थित विद्यार्थियों से सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ने को कहा. उन्होंने इस दौरान कहा कि शिक्षा अधिकारों के प्रति जागरूकता लाती है. इस अवसर पर अनिल वालके ने विद्यार्थियों को बाबा साहेब के आदर्श को सामने रखते हुए अच्छे विद्यार्थी बनने का मार्गदर्शन दिया. आजीवन विद्यार्थी रहने का महत्व बताया गया. उन्होंने कहा कि चूंकि मैंने शिक्षा के महत्व के बारे में जो विषय सीखा, वह शैक्षिक अनुभव से संबंधित है. इस अवसर पर छात्रों को उन्होंने अपने शैक्षिक अनुभव भी सुनाए. उन्होंने बताया कि शिक्षा का अर्थ केवल साक्षर होना नहीं बल्कि सुशिक्षित होना है. शिक्षा का उद्देश्य एक अच्छा नागरिक बनाना है. शिक्षा से सहयोग की भावना विकसित होती है. अधिकार की भावना है. शिक्षा बाघ का दूध है, यह विचार व्यक्त करते हुए बाबा साहब ने अपने दृष्टिकोण से शिक्षा के महत्व को समझाया. भाषण प्रतियोगिता में भाग लेने वाले विद्यार्थियों में सिद्धि ठमके प्रथम स्थान पर रहीं, लुंबिनी कांबले- द्वितीय, साहुरी गजभिये ने तीसरा स्थान हासिल किया. प्रोत्साहन पुरस्कार से रोची सुलभेवर, साक्षी अघाव, आदित्य पाटिल को सम्मानित किया गया . प्रतियोगिता संचालन समीक्षा सुशांत भगत, करण बस्सी, कोमल थोम्ब्रे द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संचालन शीतल गाडलिंग ने किया और धन्यवाद ज्ञापन सुनीता झाडे ने किया. राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया नागपुर जिला परिषद स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत 8वां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया गया. जिला स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. अजय डावले 8वां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस भगवान धन्वंतरि की पूजा-अर्चना एवं माल्यार्पण किया. इस अवसर पर जिला स्तरीय पदाधिकारी डाॅ. रेवती साबले, डॉ. आसिम इनामदार, डाॅ. सुरेश मोटे, डाॅ. साईनाथ भौवरे, डॉ. विनोद बिटपल्लीवार, श्रीमती कपाले, चव्हाण, डावरे एवं स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.
सतर्कता

सतर्कता जागरूकता सप्ताह का समापन पुरस्कारों के साथ

नागपुर : वेस्टर्न कोलफ़ील्ड्स लिमिटेड में 30 अक्टूबर, 2023 को प्रारंभ सतर्कता जागरूकता सप्ताह का समापन समारोह 9 नवम्बर को वेकोलि मुख्यालय में आयोजित किया गया. समारोह की अध्यक्षता वेकोलि के सीएमडी मनोज कुमार ने की. समारोह में निदेशक (तकनीकी/कार्मिक) जे.पी. द्विवेदी, निदेशक तकनीकी (योजना/परियोजना) ए.के. सिंह एवं मुख्य सतर्कता अधिकारी अजय मधुकर म्हेत्रे की प्रमुख उपस्थिति रही. सीएमडी मनोज कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि वेकोलि प्रिवेंटिव विजिलेंस की दिशा में अग्रसर है. उन्होंने सभी से आवश्यक नियमों,  पॉलिसी आदि की जानकारी रखने एवं उनका कार्य के दौरान उपयोग करने की सलाह दी. उन्होंने सप्ताह के दौरान सतर्कता विभाग द्वारा आयोजित विविध प्रतियोगिताओं एवं कार्यक्रमों की सराहना करते हुए सभी विजेताओं को अपनी शुभकामनाएं दी. मुख्य सतर्कता अधिकारी अजय मधुकर म्हेत्रे ने अपने उद्बोधन में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान आयोजित विविध प्रतियोगिताओं तथा कार्यक्रमों के बारे में सभी को विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने अपने संबोधन में कार्य प्रणाली को बेहतर बनाने एवं पार्टिसिपेटिव विजिलेंस पर जोर दिया. समारोह में सतर्कता जागरूकता सप्ताह के दौरान संपन्न हुई विविध प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. अतिथियों ने स्मारिका 'पहल' (Compendium of Circulars & Vigilance Activities) का विमोचन भी किया. समापन समारोह का प्रारंभ कोल इंडिया कॉर्पोरेट गीत एवं समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ. कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभागाध्यक्ष, अधिकारी, कर्मी एवं छात्रों ने भाग लिया. कार्यक्रम का संचालन श्रीमती अनुपमा टेंभुर्निकर, वरिष्ठ प्रबंधक (कार्मिक) ने तथा आभार प्रदर्शन महाप्रबंधक (सतर्कता) अनूप हंजूरा ने किया. 
वेस्टर्न

वेस्टर्न कोलफील्ड्स लि. ने जीते सात पुरस्कार

 कोलकाता में आयोजित कोल इंडिया स्थापना दिवस पर मिले अवार्ड  नागपुर : कोल इंडिया लिमिटेड के 49 वें स्थापना दिवस पर वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (वेकोलि) को स्वच्छता पखवाड़ा के लिए कॉरपोरेट अवार्ड (Corporate Award on Swachhta Pakhwada) से सम्मानित किया गया. इसी प्रकार सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाली कंपनी की श्रेणी में स्टार रेटिंग के लिए कॉरपोरेट अवार्ड (Corporate Award on Star Rating – Best Performing Subsidiary) तथा सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाली खुली खदान की श्रेणी में स्टार रेटिंग के लिए कॉरपोरेट (Corporate Award on Star Rating – Best Performing Open Cast Mine), में तृतीय स्थान से सम्मानित किया गया.  व्यक्तिगत पुरस्कारों में वेस्टर्न कोलफील्ड्स मुख्यालय के जॉर्ज मैथिव को सर्वोत्कृष्ट विभागाध्यक्ष (Best HoD), माजरी क्षेत्र के महाप्रबंधक इलियास हुसेन शेख को सर्वोत्कृष्ट क्षेत्रीय महाप्रबंधक तथा उत्कृष्ट कार्य के लिए एम.के. बालुका, महाप्रबंधक (वित्त) को व्यक्तिगत उत्कृष्टता अवार्ड से सम्मानित किया गया. इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर के बेहतर क्रियान्वयन के लिए नीली पुरुषोत्तम, महाप्रबंधक (ई एंड टी), कल्लूरी रामकृष्ण रेड्डी, मुख्य प्रबंधक (ई एंड टी) तथा वैभव कुमार यादव, सहायक प्रबंधक (ई एंड टी) को विशेष योगदान अवार्ड (Special Contribution Award) से सम्मानित किया गया.  सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाली कंपनी की श्रेणी में स्टार रेटिंग के लिए कॉरपोरेट अवार्ड (Corporate Award on Star Rating – Best Performing Subsidiary) तथा सर्वोत्कृष्ट कार्य करने वाली खुली खदान की श्रेणी में स्टार रेटिंग के लिए कॉरपोरेट (Corporate Award on Star Rating – Best Performing Open Cast Mine), में तृतीय स्थान से सम्मानित किया गया.  उक्त पुरस्कार कोलकाता में आयोजित सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि पी.एम. प्रसाद, चेयरमैन, सीआईएल, कोयला मंत्रालय के अवर सचिव द्वय एम. नागराजू एवं श्रीमती विस्मिता तेज के करकमलों से वेस्टर्न कोलफील्ड्स के सीएमडी मनोज कुमार एवं विजेताओं ने ग्रहण किए. मनोज कुमार ने इन उपलब्धियों का श्रेय पूरी टीम को दिया और उन्हें बधाई दी. कोल इंडिया स्थापना दिवस पर वेकोलि को मिले इन 07 अवार्ड्स से टीम वेकोलि में हर्ष व्याप्त है.
अडानी

अडानी मामले में दो पत्रकारों को गिरफ्तारी से मिली राहत 

पुलिस को 1 दिसंबर तक कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाने, पत्रकारों को जांच में सहयोग की हिदायत नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (10 नवंबर) को फाइनेंशियल टाइम्स के दो पत्रकारों बेंजामिन निकोलस ब्रुक पार्किन और क्लो नीना कोर्निश को दंडात्मक कार्रवाई से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की, जिन्हें गुजरात पुलिस ने अडानी ग्रुप के खिलाफ अगस्त में प्रकाशित आर्टिकल के संबंध में तलब किया था. जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने पत्रकारों द्वारा दायर याचिका पर नोटिस जारी किया और निर्देश दिया कि सुनवाई की अगली तारीख यानी 1 दिसंबर तक उनके खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा. खंडपीठ ने यह भी स्पष्ट किया कि याचिकाकर्ताओं को जांच में सहयोग करना होगा. पत्रकारों की ओर से पेश हुए सीनियर वकील सिद्धार्थ अग्रवाल ने बताया कि इसी तरह की परिस्थितियों में पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने पत्रकारों के एक अन्य समूह रवि नायर और आनंद मंगनाले को अडानी-हिंडनबर्ग विवाद पर उनके द्वारा लिखे गए इसी तरह के आर्टिकल पर गुजरात पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से अंतरिम सुरक्षा प्रदान की थी. अग्रवाल ने यह भी बताया कि समन में फाइनेंशियल टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक आर्टिकल का उल्लेख किया गया, जिसकी हेडिंग- 'सीक्रेट पेपर ट्रेल से छिपे हुए अडानी निवेशकों का पता चलता है', हालांकि, जिन याचिकाकर्ताओं को तलब किया गया है, वे नहीं हैं, जिन्होंने उक्त रिपोर्ट लिखी थी. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका एफटी के दिल्ली संवाददाता बेंजामिन निकोलस ब्रुक पार्किन और इसके मुंबई संवाददाता क्लो नीना कोर्निश द्वारा दायर की गई, जिन्हें गुजरात पुलिस ने अदानी समूह की कंपनियों में निवेशक द्वारा दायर शिकायत पर प्रारंभिक जांच के लिए बुलाया है. इस मामले का उल्लेख पत्रकारों के वकील ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष किया, जिन्होंने मामले को आज (शुक्रवार) सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था. अग्रवाल ने अदालत को सूचित किया कि अडानी ग्रुप के निवेशक की शिकायत पर अपराध शाखा अहमदाबाद द्वारा शुरू की जाने वाली प्रारंभिक जांच के लिए समन जारी किया गया था, जिसके खिलाफ यह कहते हुए आर्टिकल लिखा गया कि सार्वजनिक डोमेन में जो वित्तीय डेटा आया है, उसमें गड़बड़ी है. वकील ने बताया कि यह आरोप 'दुर्भावनापूर्ण और झूठे आर्टिकल' के प्रकाशन से संबंधित है.